জীৱন আৰু পৰিচৰ্য্যা সভাৰ বাবে অধ্যয়ন পুস্তিকাৰ বৰ্ণনা
জুলাই ৫-১১
ঈশ্বৰৰ বাক্যৰপৰা অমূল্য জ্ঞান | দ্বিতীয় বিবৰণ ৯-১০
“যিহোৱাই কেনেধৰণৰ উপাসনা বিচাৰে”
it-২ ১০০৭ ¶৪
जान
पूरी जान से सेवा कीजिए: जान का मतलब पूरा इंसान होता है। फिर भी कुछ आयतों में कहा गया है कि हम न सिर्फ “पूरी जान से” बल्कि “पूरे दिल से” यहोवा की सेवा करें। (व्य 4:29; 11:13, 18) जब जान का मतलब पूरा इंसान है, तो फिर अलग से क्यों कहा गया है कि हम दिल से भी सेवा करें? जवाब के लिए एक मिसाल पर गौर कीजिए: अगर एक इंसान किसी की गुलामी करने के लिए खुद को बेच देता है, तो दूसरा आदमी उसका मालिक बन जाता है। फिर भी हो सकता है कि वह गुलाम पूरे दिल से अपने मालिक की सेवा न करे। (इफ 6:5 से तुलना करें; कुल 3:22) “तन-मन” से परमेश्वर की सेवा करने का मतलब है खुद को पूरी तरह उसकी सेवा में लगा देना। अपनी ताकत, काबिलीयत और हर चीज़ लगा देना।—मत 5:28-30 से तुलना करें; लूक 21:34-36; इफ 6:6-9; फिल 3:19; कुल 3:23, 24.
it-১ ৮৪ ¶৩
वेदी
यहोवा ने इसराएलियों को आज्ञा दी कि वे झूठे धर्म की सभी वेदियाँ तोड़ दें और वेदियों के पास जो पूजा-लाठें और पूजा-स्तंभ होते थे, उन्हें भी नष्ट कर दें। (निर्ग 34:13; व्य 7:5, 6; 12:1-3) इसराएलियों को कनानियों के जैसी वेदियाँ नहीं बनानी थीं और उनकी तरह वेदियों पर बच्चों की बलि नहीं चढ़ानी थी। (व्य 12:30, 31; 16:21) उनसे यह भी कहा गया कि वे बहुत सारी वेदियाँ न बनाएँ। उन्हें एकमात्र सच्चे परमेश्वर यहोवा के लिए एक ही वेदी बनानी थी और वह भी उस जगह जो यहोवा बताता। (व्य 12:2-6, 13, 14, 27; बैबिलोन में एक देवी इशतर के लिए 180 वेदियाँ बनायी गयी थीं।)
আধ্যাত্মিক ৰত্ন বিচাৰক
it-১ ৯২৫-৯২৬
গৰিজ্জীম পৰ্বত
মোচিয়ে আগতেই কৈছিল যে ইস্ৰায়েলীয়ে গৰিজ্জীম আৰু এবাল পৰ্বতত থিয় হʼব। মোচিয়ে কোৱাৰ দৰেই ইস্ৰায়েলীয়ে কনান দেশত সোমোৱাৰ পাছত তেওঁলোকে গৰিজ্জীম আৰু এবাল পৰ্বতত থিয় হʼল। তাত যিহোচূৱাই পঢ়ি শুনালে যে ইস্ৰায়েলীসকলে আজ্ঞা পালন কৰিলে কি কি আশীৰ্বাদ পাব আৰু আজ্ঞা পালন নকৰিলে কি কি শাও পাব। গৰিজ্জীম পৰ্বতত চিমিয়োন, লেবী, যিহূদা, ইচাখৰ, যোচেফ আৰু বিন্যামীনৰ ফৈদ থিয় হʼল। দুয়োখন পৰ্বতৰ মাজত লেবীসকলে নিয়ম-চন্দুক লৈ থিয় হৈছিল। এবাল পৰ্বতত ইস্ৰায়েলৰ আন ছটা ফৈদ থিয় হৈছিল।—দ্বিতী ১১:২৯, ৩০; ২৭:১১-১৩; যিহো ৮:২৮-৩৫
জুলাই ১২-১৮
ঈশ্বৰৰ বাক্যৰপৰা অমূল্য জ্ঞান | দ্বিতীয় বিবৰণ ১৩-১৫
“যিহোৱাই দুখীয়া লোকসকলক সহায় কৰিবলৈ নিয়ম দিলে”
it-২ ১১১০ ¶৩
दसवाँ हिस्सा
लेवियों को जो दसवाँ हिस्सा दिया जाता था, इसके अलावा हर साल शायद एक और बार उपज का दसवाँ हिस्सा अलग रखा जाता था। जब इसराएली परिवार सालाना त्योहारों के लिए यरूशलेम जाते थे, तो ज़्यादातर वे ही उपज के इस दसवें हिस्से को खाते-पीते थे। जो परिवार यरूशलेम से काफी दूर रहते थे, उनके लिए जानवरों या अनाज का दसवाँ हिस्सा लेकर उतनी दूर जाना मुश्किल होता। इसलिए वे उसे बेच देते और मिलनेवाला पैसा त्योहारों के वक्त खर्च करते थे। (व्य 12:4-7, 11, 17, 18; 14:22-27) लेकिन हर तीसरे और छठे साल के आखिर में इसराएली परिवार इस दसवें हिस्से को त्योहारों के समय खा-पी नहीं सकते थे। उन्हें यह हिस्सा लेवियों, परदेसियों, अनाथों और विधवाओं को दे देना था।—व्य 14:28, 29; 26:12.
it-২ ৮৩৩
सब्त का साल
सब्त के साल लोगों का कर्ज़ माफ कर दिया जाता था। जब इसराएली दूसरों का कर्ज़ माफ कर देते, तो इससे यहोवा की महिमा होती थी। कुछ लोगों का कहना है कि कर्ज़ असल में माफ नहीं होता था। सब्त के साल बस एक इसराएली को किसी और इसराएली से ज़बरदस्ती नहीं करनी थी कि वह कर्ज़ चुकाए, क्योंकि सब्त के साल किसान को कोई उपज नहीं मिलती थी। मगर वह एक परदेसी से कर्ज़ चुकाने की माँग कर सकता था। (व्य 15:1-3) कुछ रब्बियों का मानना है कि गरीबों को जो कर्ज़ दिया जाता था उसे दान समझकर माफ कर दिया जाता था, लेकिन व्यापार के लिए दिया गया कर्ज़ माफ नहीं होता था।
it-২ ৯৭৮ ¶৬
दास
मालिक और दास के आपसी व्यवहार के बारे में कानून। एक इसराएली को अपने इसराएली दास के साथ वैसा व्यवहार नहीं करना था जैसे वह एक परदेसी के साथ करता। जो परदेसी एक इसराएली का दास होता, वह उस इसराएली की जायदाद बन जाता था। वह उस दास को विरासत में अपने बेटे को दे सकता था। (लैव 25:44-46) लेकिन जहाँ तक इसराएली दास की बात है, उसे गुलामी के सातवें साल या छुटकारे के साल रिहा कर देना था। इनमें से जो भी साल पहले आता, उस साल उसे इसराएली दास को रिहा कर देना था। इसराएली के साथ उसे दास जैसा नहीं बल्कि दिहाड़ी के मज़दूर जैसा व्यवहार करना था। (निर्ग 21:2; लैव 25:10; व्य 15:12) जब वह इसराएली दास को रिहा करता, तो उसे कुछ देना होता था ताकि वह आज़ाद होने के बाद अपनी एक अलग ज़िंदगी शुरू कर सके।—व्य 15:13-15.
আধ্যাত্মিক ৰত্ন বিচাৰক
w০৬ ৪/১ ৩১
পাঠকসকলৰ প্ৰশ্ন
যাত্ৰাপুস্তক ২৩:১৯ পদত দিয়া নিষেধাজ্ঞাৰপৰা আমি কি শিকিব পাৰোঁ “ছাগলী পোৱালিক তাৰ মাকৰ গাখীৰত নিসিজাবা”?
মোচিৰ যোগেদি দিয়া এই নিয়মটো বাইবেলত তিনিবাৰ উল্লেখ আছে। এই নিয়মৰপৰা যিহোৱাৰ দৃষ্টিভংগীৰ বিষয়ে বুজিব পাৰি আৰু তেওঁ যে দয়ালু আৰু প্ৰেমী ঈশ্বৰ হয়, তাৰ বিষয়েও জানিব পাৰি। এই নিয়মৰপৰা বুজিব পাৰি যে যিহোৱাই মিছা উপাসনাক ঘিণ কৰে।—যাত্ৰা ৩৪:২৬; দ্বিতী ১৪:২১
ছাগলী পোৱালিক তাৰ মাকৰ গাখীৰত সিজোৱাটো যিহোৱাৰ ব্যৱস্থাৰ বিৰোধ হʼব। মাতৃৰ গাখীৰ হৈছে পোৱালীৰ বাবে আহাৰ আৰু এই গাখীৰ খাই পোৱালীয়ে ডাঙৰ-দীঘল হয়। সেইবাবে, এজন বিদ্বানে এইদৰে কৈছে, যদি পোৱালীক তাৰ মাকৰ গাখীৰত সিজোৱা হয়, তেনেহʼলে “মাতৃ আৰু সন্তানৰ মাজত ঈশ্বৰে ৰখা পবিত্ৰ বন্ধনক অপমান কৰাৰ দৰে হয়।”
ছাগলী পোৱালিক তাৰ মাকৰ গাখীৰত সিজোৱাটো হয়তো মিছা ধৰ্মৰ ৰীতি-নীতি আছিল। লোকসকলে বিশ্বাস কৰিছিল যে এইদৰে কৰিলে বৰষুণ দিব। যদি এই ৰীতি-নীতি সঁচাকৈ মিছা ধৰ্মৰ লগত জড়িত আছিল, তেনেহʼলে ঈশ্বৰে দিয়া নিয়মে ইস্ৰায়েলীসকলক সুৰক্ষিত কৰিছিল। মোচিৰ নিয়মৰ অনুসৰিও ইস্ৰায়েলীসকলে ওচৰে পাজৰে থকা জাতিৰ ৰীতি-নীতিৰপৰা আঁতৰি থাকিব লাগিছিল।—লেবী ২০:২৩
এই নিয়মৰপৰা বুজিব পাৰি যে যিহোৱা এজন দয়ালু ঈশ্বৰ হয়। প্ৰকৃততে মোচিৰ নিয়মতো কোৱা হৈছিল যে জীৱ-জন্তুৰ লগত নিষ্ঠুৰতাৰে ব্যৱহাৰ কৰা উচিত নহয় আৰু প্ৰকৃতিৰ নিয়মবোৰ মানি চলা উচিত। উদাহৰণস্বৰূপে, যি জন্তুৰ বলিদান দিয়া হʼব, সেই জন্তুটো জন্মৰ পাছত সাত দিনলৈকে নিজৰ মাকৰ লগত থাকিব লাগিব, তাৰ পাছতেহে সেই জন্তুৰ বলিদান দিব পাৰিছিল। উমনিত বহা চৰাইজনীক পোৱালীৰ সৈতে ধৰাটো নিষেধ আছিল।—লেবী ২২:২৭, ২৮; দ্বিতী ২২:৬, ৭
ইয়াৰপৰা স্পষ্ট হৈছে যে মোচিৰ নিয়ম কেৱল কঠিন নিয়মৰ এক দীঘলীয়া তালিকা নাছিল। ইয়াৰ পৰিবৰ্তে, এই নিয়মে আমাক কিছুমান গুৰুত্বপূৰ্ণ শিক্ষা দিয়ে। এই নিয়মৰ আঁৰত থকা সিদ্ধান্তই যিহোৱাৰ মনোমোহা গুণ প্ৰকাশ কৰে।—গীত ১৯:৭-১১
জুলাই ১৯-২৫
ঈশ্বৰৰ বাক্যৰপৰা অমূল্য জ্ঞান | দ্বিতীয় বিবৰণ ১৬-১৮
“সঠিক ন্যায় কৰাৰ সিদ্ধান্ত”
it-১ ৩৪৩ ¶৫
अंधापन
जो न्यायी बेईमान होने की वजह से किसी के साथ अन्याय करता, उसे बाइबल में अंधा बताया गया है। कानून में न्यायियों से कहा गया कि वे रिश्वत या तोहफे न लें और पक्षपात न करें, क्योंकि ये उसे अंधा कर देंगी और वह सही फैसला नहीं कर पाएगा। “रिश्वत एक बुद्धिमान इंसान को भी अंधा कर सकती है।” (व्य 16:19) एक न्यायी चाहे कितना ही ईमानदार और काबिल हो, लेकिन अगर वह घूस ले, तो उसकी नीयत बिगड़ सकती है। वह जानबूझकर या फिर न चाहते हुए भी गलत फैसला सुना सकता है।—लैव 19:15.
it-২ ৫১১ ¶৭
संख्या
बाइबल में ज़्यादातर कानूनी मामलों के सिलसिले में संख्या दो का ज़िक्र आता है। एक के बजाय अगर दो लोग गवाही दें, तो उस पर यकीन किया जाता था। जब न्यायियों के सामने कोई मुकद्दमा होता, तो दो या तीन गवाहों का होना ज़रूरी था। मसीही मंडली में भी किसी मामले का फैसला करते समय एक से ज़्यादा गवाहों का होना ज़रूरी होता है।—व्य 17:6; 19:15; मत 18:16; 2कुर 13:1; 1ती 5:19; इब्र 10:28.
it-২ ৬৮৫ ¶৬
याजक
अगर एक मुकद्दमा बहुत पेचीदा होता और न्यायी उसका फैसला नहीं कर पाते, तो वे याजकों के पास जा सकते थे। याजक उन्हें मामले को निपटाने में मदद करते थे।—व्य 17:8, 9.
আধ্যাত্মিক ৰত্ন বিচাৰক
it-১ ৭৮৭
সমাজৰপৰা উলিয়াই ধ্বংস কৰাৰ ব্যৱস্থা
যিহোৱাৰ নিয়মৰ অনুসৰি সাক্ষীয়ে দোষী ব্যক্তিজনক শিল দলিয়াই মাৰিব লাগিছিল। (দ্বিতী ১৭:৭) এইদৰে কৰাৰ যোগেদি সাক্ষীয়ে যিহোৱাৰ নিয়মৰ প্ৰতি উৎসাহ দেখুৱাইছিল, যাতে লোকসকলে যিকোনো পৰিস্থিতিত যিহোৱাৰ নিয়ম পালন কৰে আৰু মণ্ডলীক শুদ্ধ কৰি ৰাখে। যিহোৱাই এই নিয়ম দিয়াৰ আন এটা কাৰণ হৈছে লোকসকলে জানি-শুনি যাতে মিছা সাক্ষ্য নিদিয়ে।
জুলাই ২৬–আগষ্ট ১
ঈশ্বৰৰ বাক্যৰপৰা অমূল্য জ্ঞান | দ্বিতীয় বিবৰণ ১৯-২১
“যিহোৱাৰ দৃষ্টিত মানুহৰ জীৱন অতি মূল্যৱান”
w১৭.১১ ১৪ ¶৪
न्याय और दया करने में यहोवा की मिसाल पर चलिए
4 यहोवा ने छ: शरण नगर ठहराए थे जहाँ भागकर जाना आसान था। उसने इसराएलियों को यरदन के दोनों तरफ तीन-तीन नगर चुनने के लिए कहे थे। क्यों? वह इसलिए कि भागनेवाला जल्द-से-जल्द और आसानी से शरण नगर तक पहुँच सके। (गिन. 35:11-14) शरण नगर तक जानेवाली सड़कों को भी अच्छी हालत में रखा जाता था। (व्यव. 19:3) प्राचीन यहूदी किताबें बताती हैं कि सड़क के किनारे चिन्ह हुआ करते थे जिससे भागनेवाले को शरण नगर ढूँढ़ने में कोई दिक्कत न हो। इसराएल में शरण नगर इसलिए थे ताकि अनजाने में खून करनेवाला किसी पराए देश में हिफाज़त न ढूँढ़े, जहाँ वह झूठे देवताओं को पूजने के लिए लुभाया जा सकता था।
w১৭.১১ ১৫ ¶৯
न्याय और दया करने में यहोवा की मिसाल पर चलिए
9 शरण नगर का इंतज़ाम करने की एक खास वजह यह थी कि इसराएली खून के दोषी न बनें। (व्यव. 19:10) यहोवा के लिए जीवन अनमोल है और वह कत्ल जैसे घिनौने काम से नफरत करता है। (नीति. 6:16, 17) यहोवा सच्चा न्यायी और पवित्र परमेश्वर है, इसलिए वह अनजाने में हुए कत्ल को भी नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता। यह सच है कि अनजाने में खून करनेवाले पर दया की जा सकती थी मगर उसे पहले मुखियाओं को सारी बात बतानी होती थीं। अगर मुखिया इस नतीजे पर पहुँचते थे कि वह कत्ल अनजाने में हुआ है, तो खून करनेवाले को तब तक शरण नगर में रहना होता था जब तक महायाजक की मौत नहीं हो जाती। इसका मतलब था कि उसे बाकी की ज़िंदगी शायद शरण नगर में ही बितानी पड़े। इस इंतज़ाम से इसराएली समझ पाए कि यहोवा जीवन को कितना अनमोल समझता है। जीवन देनेवाले का आदर करने के लिए उन्हें ऐसे हर काम से दूर रहना था जिससे एक इंसान की जान को खतरा हो।
it-১ ৩৪৪
खून
अगर कोई किसी से नफरत करे और चाहे कि वह मर जाए या उसे बदनाम करे या उसके बारे में झूठी गवाही देकर उसकी जान खतरे में डाल दे, तो यह उसका खून करने के बराबर है।—लैव 19:16; व्य 19:18-21; 1यूह 3:15.
আধ্যাত্মিক ৰত্ন বিচাৰক
it-১ ৫১৮ ¶১
ন্যায়ালয়
নগৰৰ ‘দুৱাৰ-মুখৰ’ অৰ্থ হৈছে নগৰৰ দুৱাৰৰ ভিতৰত থকা মুকলি ঠাই, যʼত মোকদৰ্মাৰ বাবে সহজে সাক্ষী পোৱা গৈছিল। উদাহৰণস্বৰূপে, মাটি কিনা-বেচাৰ বিষয়ে কৰা মোকদৰ্মা, এনেধৰণৰ মোকদৰ্মাৰ বাবে নগৰৰ দুৱাৰ-মূখত সাক্ষী পোৱাটো সহজ আছিল। কিয়নো দিনৰ সময়ত বহুতোলোকে তাৰপৰা অহা-যোৱা কৰিছিল। সেইবাবে, বিচাৰকৰ্তাসকলে ভাবি-চিন্তি ন্যায় কৰিব লাগিছিল।
আগষ্ট ২-৮
ঈশ্বৰৰ বাক্যৰপৰা অমূল্য জ্ঞান | দ্বিতীয় বিবৰণ ২২-২৩
“মোচিৰ নিয়মৰপৰা জানিব পাৰি যে যিহোৱাই জীৱ-জন্তুৰ প্ৰতি যত্ন লয়”
it-১ ৩৭৫-৩৭৬
बोझ
मान लीजिए एक इसराएली देखता कि एक गधा उस बोझ के नीचे दबा हुआ है जिसे वह ढो रहा है। मगर वह गधा एक ऐसे आदमी का है जो उस आदमी से नफरत करता है। ऐसे में उसे क्या करना था? उसे यूँ ही चले नहीं जाना था बल्कि उस आदमी की मदद करनी थी ताकि वह गधे को बोझ से छुड़ा सके।—निर्ग 23:5.
it-১ ৬২১ ¶১
व्यवस्थाविवरण
इसराएलियों के लिए ऐसी चिड़िया को उठा लेना मना था जो घोंसले में अंडों या बच्चों पर बैठी होती। वह अपने बच्चों की रक्षा कर रही होती है, इसलिए उसकी लाचारी का फायदा उठाना गलत था। वे चाहे तो बच्चों को ले सकते थे और चिड़िया को उड़ा सकते थे। फिर चिड़िया और भी अंडे देकर बच्चों को सेंक सकती थी।—व्य 22:6, 7.
“অসমানভাবে যোঁতা নহবা”
আপুনি ইয়াত এটা উট আৰু এটা বলদ গৰুক একেলগে কষ্টদায়কভাৱে হাল বোৱা দৃশ্য দেখিবলৈ পাইছে। সাধাৰণতে যুঁৱলিত দুটা একেই সমান আৰু শক্তি থকা জন্তুক একেলগ কৰিবলৈ লগোৱা হয়, কিন্তু ইয়াত অসমান জন্তুক যুঁৱলিত লগোৱাৰ বাবে দুয়োটাই কষ্ট পাইছে। এনে ধৰণৰ জন্তুৰ হিতৰ বাবে যিহোৱা ঈশ্বৰে ইস্ৰায়েলসকলক এইদৰে আজ্ঞা দিছিল: “গৰুকে গাধকে জুঁটি হাল নাবাবা।” (দ্বিতীয় বিবৰণ ২২:১০) সেই একেই সিদ্ধান্ত এটা বলদ আৰু এটা উটৰ ক্ষেত্ৰতো প্ৰযোজ্য হয়।
স্বাভাৱিকতে, এজন খেতিয়কে নিজৰ পোহনীয়া জন্তুৰ সৈতে তেনে নিৰ্দয়পূৰ্বক আচৰণ নকৰে। কিন্তু যদি তেওঁৰ দুটা বলদ গৰু নাথাকে, তেন্তে তেওঁৰ ওচৰত থকা দুই প্ৰকাৰৰ জন্তুক যুঁৱলিত লগাব পাৰে। দৰাচলতে তেনেদৰে ১৯ শতিকাৰ খেতিয়কে কৰিবলৈ লোৱা সিদ্ধান্তৰ বিষয়ে ইয়াত দৃষ্টান্ত দিয়া হৈছে। সেই জন্তু দুটাৰ বেলেগ আকাৰ আৰু ওজন হোৱাৰ বাবে একেই গতি বজাই ৰাখিবলৈ দুৰ্ব্বল জন্তুটোৱে অধিক কষ্ট কৰিবলগীয়া হৈছে আৰু শক্তিশালী জন্তুটোৱে সহিব পৰাতকৈ অধিক ভাৰ বহন কৰিবলগীয়া হৈছে।
আধ্যাত্মিক ৰত্ন বিচাৰক
it-১ ৬০০
ধাৰ, ধৰুৱা
এজন ইস্ৰায়েলীৰ আৰ্থিক সমস্যা হʼলেহে তেওঁ ধাৰ লʼব পাৰিছিল। ধাৰ লোৱাৰ অভ্যাস কৰাটো ভাল নাছিল, কিয়নো ধাৰ লোৱা ব্যক্তিজন ধাৰ দিয়া ব্যক্তিৰ দাস হৈ পৰিছিল। (হিতো ২২:৭) যিহোৱাই ইস্ৰায়েলীসকলক সমস্যাত থকা আন ইস্ৰায়েলী ভাইক সহায় কৰিবলৈ আজ্ঞা দিছিল। এজন ইস্ৰায়েলীয়ে আন এজন ইস্ৰায়েলীৰপৰা সুদ লোৱাটো যিহোৱা ঈশ্বৰে বিচৰা নাছিল। (যাত্ৰা ২২:২৫; দ্বিতী ১৫:৭, ৮; গীত ৩৭:২৬; ১১২:৫) ইস্ৰায়েলীসকলে পৰজাতি বা বিদেশীৰপৰা সুদ লʼব পাৰিছিল। (দ্বিতী ২৩:২০) যিহূদী বিদ্বানৰ মতে ইস্ৰায়েলীসকলে ব্যৱসায় কৰিবলৈ অহা বিদেশীৰপৰা সুদ লʼব পাৰিছিল, কিন্তু দুখীয়া বিদেশীৰপৰা সুদ লʼব নোৱাৰিছিল। বেছিভাগ বিদেশীয়ে কিছু সময়ৰ বাবে ইস্ৰায়েল দেশত ব্যৱসায় কৰিবলৈ আহিছিল। ইস্ৰায়েলীসকলে বিদেশীৰপৰা সুদ লʼব পাৰিছিল, কিয়নো সেই ব্যৱসায়ীসকলে আনৰপৰা সুদ লৈছিল।
আগষ্ট ৯-১৫
ঈশ্বৰৰ বাক্যৰপৰা অমূল্য জ্ঞান | দ্বিতীয় বিবৰণ ২৪-২৬
“মোচিৰ নিয়মৰপৰা বুজিব পাৰি যে যিহোৱাই তিৰোতাসকলৰ যত্ন লয়”
it-২ ১১৯৬ ¶৪
औरत
जिस आदमी की नयी-नयी शादी हुई होती है, उसे एक साल तक सेना से छूट मिलती थी। इससे उस नए जोड़े को अपना परिवार बढ़ाने का मौका मिलता। फिर जब वह आदमी सेना में जाता, तो बच्चे के होने से पत्नी के लिए उसकी जुदाई बरदाश्त करना आसान होता। और अगर पति युद्ध में मारा जाए, तो बच्चा उस औरत के जीने का सहारा होता।—व्य 20:7; 24:5.
it-১ ৯৬৩ ¶২
बालें बीनने का इंतज़ाम
दाविद ने कहा था, “न तो मैंने कभी किसी नेक इंसान को त्यागा हुआ, न ही उसकी औलाद को रोटी के लिए भीख माँगते हुए देखा।” (भज 37:25) कानून में बताया गया था कि गरीब लोग खेतों में बची हुई बालें बीनकर ले जा सकते हैं। इसलिए उन्हें और उनके बच्चों को कभी-भी भीख माँगने की नौबत नहीं आती। वे कड़ी मेहनत करके रोटी कमाते थे और कभी भूखे नहीं रहते थे।
w১১ ৩/১ ২৩
क्या आप जानते हैं?
पुराने ज़माने में इसराएल में अगर एक आदमी की मौत हो जाती और उसका कोई बेटा नहीं होता, तो उसके भाई को उसकी विधवा से शादी करनी होती थी। ऐसा करके वह अपने मरे हुए भाई के लिए संतान पैदा करता। तब उसका वंश चलता रहता। (उत्पत्ति 38:8) इस इंतज़ाम को देवर-भाभी विवाह कहा जाता था। बाद में मूसा के कानून में भी ऐसा करने के लिए कहा गया। (व्यवस्थाविवरण 25:5, 6) रूत की किताब के मुताबिक बोअज़ ने जो किया, उससे पता चलता है कि अगर एक आदमी का कोई भाई ज़िंदा नहीं बचता, तो उसके रिश्तेदारों में से किसी आदमी को विधवा से शादी करनी थी।—रूत 1:3, 4; 2:19, 20; 4:1-6.
मरकुस 12:20-22 में सदूकियों ने देवर-भाभी विवाह का ज़िक्र किया। इससे पता चलता है कि यीशु के दिनों में भी लोग यह दस्तूर मानते थे। पहली सदी के इतिहासकार फ्लेवियस जोसीफस के मुताबिक इस दस्तूर की वजह से एक परिवार का नाम कभी नहीं मिटता, विरासत उसके पास ही रहती और विधवा बेसहारा नहीं होती थी। उस ज़माने में एक पत्नी को पति की जायदाद पाने का हक नहीं था। इसलिए देवर-भाभी विवाह से विधवा को जो बच्चा होता, उसे अपने पिता की विरासत मिल जाती थी।
আধ্যাত্মিক ৰত্ন বিচাৰক
it-১ ৬৪০ ¶৫
বিবাহ-বিচ্ছেদ
ত্যাগ-পত্ৰ। মোচিৰ নিয়মত বিবাহ-বিচ্ছেদ কৰাৰ যি নিয়ম দিছিল, আগলৈ গৈ লোকসকলে সেই নিয়মৰ বেয়া ব্যৱহাৰ কৰিলে। নিয়মৰ অনুসৰি স্বামীয়ে সৰু-সুৰা কাৰণৰ বাবে পত্নীক ত্যাগ কৰাটো উচিত নাছিল। স্বামীয়ে বিবাহ-বিচ্ছেদ কৰিবলৈ কিছুমান পদক্ষেপ লʼব লাগিছিল। উদাহৰণস্বৰূপে, তেওঁ প্ৰথমে ত্যাগ-পত্ৰ লিখি পত্নীক দিব লাগিছিল, তাৰ পাছতেহে তাইক ঘৰৰপৰা উলিয়াব পাৰিছিল। (দ্বিতী ২৪:১) বাইবেলত ইয়াৰ বিষয়ে বেছিকৈ উল্লেখ নাই। কিন্তু স্বামীয়ে প্ৰথমে অধিকাৰত থকা লোকসকলৰ লগত কথা পাতিব লাগিছিল আৰু তেওঁলোকে হয়তো স্বামী আৰু স্ত্ৰীক একলগ কৰিবলৈ চেষ্টা কৰিছিল। ত্যাগ-পত্ৰ লিখিবলৈ আৰু নিয়মৰ অনুসৰি কাম কৰিবলৈ সময়ৰ প্ৰয়োজন আছিল আৰু সেই সময়ছোৱাত স্বামীয়ে নিজৰ নিৰ্ণয় বিষয়ে পুনৰ ভাবিবলৈ সময় পাইছিল। বিবাহ-বিচ্ছেদৰ বাবে উচিত কাৰণ হʼব লাগিছিল। স্বামীয়ে নিয়মৰ অনুসৰি কাম কৰাৰ বাবে খৰ-খেদাকৈ নিৰ্ণয় লোৱা নাছিল। পৰিণামস্বৰূপে, পত্নীয়ে নিজৰ অধিকাৰৰপৰা বঞ্চিত নহৈছিল আৰু সুৰক্ষিত থাকিছিল।
আগষ্ট ১৬-২২
ঈশ্বৰৰ বাক্যৰপৰা অমূল্য জ্ঞান | দ্বিতীয় বিবৰণ ২৭-২৮
“এই সকলো আশীৰ্ব্বাদ তোমাৰ ওপৰত পৰিব”
w১০ ১২/১৫ ১৯ ¶১৮
पवित्र शक्ति के निर्देशन में चलनेवाले राजा से आशीष पाइए!
18 सुनने का मतलब है कि परमेश्वर के वचन में जो कहा गया है और जो आध्यात्मिक भोजन मुहैया कराया जाता है, उसे अपने दिल में उतारना। (मत्ती 24:45) इसका यह भी मतलब है कि हम परमेश्वर और उसके बेटे की आज्ञा मानें। यीशु ने कहा: “जो मुझे ‘हे प्रभु, हे प्रभु’ कहते हैं, उनमें से हर कोई स्वर्ग के राज में दाखिल नहीं होगा, मगर जो मेरे स्वर्गीय पिता की मरज़ी पूरी कर रहा है, वही दाखिल होगा।” (मत्ती 7:21) तो परमेश्वर की सुनने में उसके ठहराए इंतज़ाम, जैसे मसीही मंडली और “आदमियों के रूप में [दिए] तोहफे” या नियुक्त प्राचीनों के खुशी-खुशी अधीन रहना शामिल है।—इफि. 4:8.
যিহোৱাৰ আশীৰ্ব্বাদ আপোনাত ফলিয়াবনে?
২ দ্বিতীয় বিবৰণ ২৮:২ পদত উল্লেখ কৰা হিব্ৰু ক্ৰিয়া পদ “কাণ দিলে” শব্দটোৰ অৰ্থ হৈছে একেৰাহে কাণ দি শুনা। গতিকে যিহোৱাৰ সেৱকসকলে কেতিয়াবাহে কাণ দিয়াৰ পৰিৱৰ্তে সকলো সময়ত কাণ দিয়া আৱশ্যক। তেতিয়াহে তেওঁলোকত যিহোৱাৰ আশীৰ্ব্বাদ ফলিয়াব। ইব্ৰী ভাষাত “ফলিয়াব” শব্দটোক প্ৰায়ে চিকাৰীয়ে চিকাৰ “ধৰা” অৰ্থত বুজাইছে।
w১০ ৯/১৫ ৮ ¶৪
यहोवा की आशीष पाने के लिए मेहनत कीजिए
4 इसराएलियों को किस रवैये के साथ परमेश्वर की आज्ञा माननी थी? परमेश्वर के नियम में बताया गया था कि अगर उसके लोग “आनन्द और प्रसन्नता के साथ” उसकी सेवा नहीं करेंगे तो इससे परमेश्वर नाराज़ होगा। (व्यवस्थाविवरण 28:45-47 पढ़िए।) यहोवा नहीं चाहता कि उसकी आज्ञाएँ बेमन से मानी जाएँ, ऐसा तो जानवर या दुष्ट स्वर्गदूत भी कर सकते हैं; वह इससे ज़्यादा का हकदार है। (मर. 1:27; याकू. 3:3) सच्चे दिल से परमेश्वर की आज्ञा मानना दिखाएगा कि हम उससे प्यार करते हैं, जिसमें हमारी खुशी झलकेगी। हमें उसकी आज्ञाएँ बोझ नहीं लगेंगी, साथ ही यहोवा के इस वादे पर हम विश्वास ज़ाहिर करेंगे कि “वह उन लोगों को इनाम देता है जो पूरी लगन से उसकी खोज करते हैं।”—इब्रा. 11:6; 1 यूह. 5:3.
আধ্যাত্মিক ৰত্ন বিচাৰক
it-১ ৩৬০
মাটিৰ সীমা
বেছিভাগ লোকে খেতি-বাতি কৰি নিজৰ পৰিয়াল চলাইছিল। সেইবাবে, যদি কোনোবাই আনৰ মাটিৰ সীমা লৰচৰ কৰে, তেনেহʼলে তেওঁ সেই পৰিয়ালৰ আহাৰ কাঢ়ি লোৱাৰ দৰে হৈছিল। এইদৰে কৰাটো চুৰ কৰাৰ দৰে আছিল।—ইয়ো ২৪:২
আগষ্ট ২৩-২৯
ঈশ্বৰৰ বাক্যৰপৰা অমূল্য জ্ঞান | দ্বিতীয় বিবৰণ ২৯-৩০
“যিহোৱাৰ সেৱা কৰাটো কঠিন নহয়”
w১০ ৭/১ ২৭ ¶২
यहोवा हमें खुद चुनाव करने का मौका देता है
परमेश्वर हमसे क्या चाहता है, क्या यह जानना और उसके मुताबिक काम करना बहुत मुश्किल है? मूसा ने कहा: “जो आज्ञा मैं आज तुझे देता हूं, वह न तो तेरे लिए बहुत कठिन है न तुझसे परे है।” (आयत 11, NHT) यहोवा हमसे ऐसा कोई काम करने के लिए नहीं कहता, जिसे पूरा करना हमारे लिए नामुमकिन हो। वह हमसे हद-से-ज़्यादा की माँग नहीं करता। इसके अलावा, हम यह आसानी से जान सकते हैं कि वह हमसे क्या चाहता है। यह पता करने के लिए हमें “आकाश में” जाने की ज़रूरत नहीं है, न ही हमें “समुद्र पार” जाने की ज़रूरत है। (आयत 12, 13) बाइबल साफ-साफ बताती है कि हमें कैसी ज़िंदगी जीनी चाहिए।—मीका 6:8.
w১০ ৭/১ ২৭ ¶১
यहोवा हमें खुद चुनाव करने का मौका देता है
“मुझे अकसर यह डर सताता था कि मैं कुछ-न-कुछ गलत कर बैठूँगी और यहोवा की वफादार नहीं रह पाऊँगी।” यह बात एक मसीही स्त्री ने कही। उसके साथ बचपन में कुछ बुरे अनुभव हुए थे, जिनकी वजह से उसे लगता था कि वह ज़रूर कोई गलती कर बैठेगी। क्या वाकई ऐसा होता है? क्या हम सचमुच हालात के सामने बेबस हैं? नहीं। यहोवा परमेश्वर ने हमें आज़ाद मरज़ी का तोहफा दिया है, यानी हम खुद यह चुनाव कर सकते हैं कि हम कैसी ज़िंदगी जीएँगे। यहोवा चाहता है कि हम सही चुनाव करें और उसका वचन बाइबल ऐसा करने में हमारी मदद करती है। कैसे? यह जानने के लिए आइए हम बाइबल की एक किताब व्यवस्थाविवरण के अध्याय 30 में दर्ज़ मूसा के शब्दों पर गौर करें।
w১০ ৭/১ ২৭ ¶৪
यहोवा हमें खुद चुनाव करने का मौका देता है
हम कौन-सा रास्ता चुनते हैं, क्या इससे यहोवा को कोई फर्क पड़ता है? बिलकुल पड़ता है! परमेश्वर की प्रेरणा से मूसा ने कहा: “जीवन को चुन ले।” (आयत 19, NHT) लेकिन हम जीवन को कैसे चुन सकते हैं? मूसा ने समझाया: “अपने परमेश्वर यहोवा से प्रेम करना, उसकी सुनना तथा उस से लिपटे रहना।” (आयत 20) अगर हमारे दिल में यहोवा के लिए प्यार होगा, तो हम हर हाल में उसकी बात सुनेंगे, उसकी आज्ञा मानेंगे और उसके वफादार बने रहेंगे। इस तरह हम जीवन को चुन रहे होंगे। हम आज जीवन की सबसे बेहतरीन राह पर चल रहे होंगे और इससे हमें परमेश्वर की नयी दुनिया में हमेशा की ज़िंदगी पाने की आशा मिलेगी।—2 पतरस 3:11-13; 1 यूहन्ना 5:3
আধ্যাত্মিক ৰত্ন বিচাৰক
it-১ ৬৬৫ ¶৩
কাণ
কিছুমান ইস্ৰায়েলীয়ে নিজৰ কাণ বন্ধ কৰাৰ বাবে একোৱেই শুনি পোৱা নাছিল আৰু যিহোৱাও তেওঁলোকৰ কাণ খুলি দিয়া নাছিল। এজন ব্যক্তিয়ে যেতিয়া যিহোৱাক আনন্দিত কৰিব বিচাৰে, তেতিয়া যিহোৱাই তেওঁৰ কাণ খুলি দিয়ে, অৰ্থাৎ যিহোৱাই নিজৰ ইচ্ছা জানিবলৈ তেওঁক সহায় কৰে। আনহাতে, এজন ব্যক্তিয়ে যেতিয়া যিহোৱাৰ আজ্ঞা পালন নকৰি নিজৰ কাণ বন্ধ কৰি ৰাখে, তেতিয়া যিহোৱাও তেওঁৰ কাণ খুলি নিদিয়ে, অৰ্থাৎ যিহোৱাই নিজৰ ইচ্ছা জানিবলৈ তেওঁক সহায় নকৰে।—দ্বিতী ২৯:৪; ৰোম ১১:৮
আগষ্ট ৩০–চেপ্টেম্বৰ ৫
ঈশ্বৰৰ বাক্যৰপৰা অমূল্য জ্ঞান | দ্বিতীয় বিবৰণ ৩১-৩২
“ঈশ্বৰ প্ৰেৰণাৰে লিখা এটি গীতৰ উদাহৰণৰপৰা শিকক”
“তোমাৰ নামলৈ ভয় ৰাখিবলৈ মোক একান্ত মন দিয়া”
৮ ইস্ৰায়েলীসকলে প্ৰতিজ্ঞা কৰা দেশত প্ৰৱেশ কৰাৰ সময়ত যিহোৱাই মোচিক এটা গীত শিকাইছিল। (দ্বিতী. ৩১:১৯) ইয়াৰ পাছত মোচিয়ে এই গীতটো ইস্ৰায়েলীসকলক শিকাবলগীয়া হৈছিল। (দ্বিতীয় বিবৰণ ৩২:২, ৩ পঢ়ক।) আমি ২ আৰু ৩ পদৰ ওপৰত ধ্যান কৰিলে যিহোৱাৰ চিন্তাধাৰাৰ বিষয়ে বুজিব পাৰোঁ। তেওঁৰ নাম ইমানেই পবিত্ৰ যে কোনেও তেওঁৰ নাম মুখত লʼব নোৱাৰে, এইদৰে লোকসকলৰ আগত তেওঁৰ নামটো গুপ্ত হৈ থকাটো তেওঁ বিচৰা নাছিল। ইয়াৰ পৰিৱৰ্তে, তেওঁৰ নাম সকলোৱে জনাটো তেওঁ বিচাৰিছিল। যিহোৱা আৰু তেওঁৰ মহান নামৰ বিষয়ে শিকাটো ইস্ৰায়েলীসকলৰ বাবে এক সন্মানৰ বিষয় আছিল। যিদৰে বৰষুণৰ পানীয়ে গছ-গছনিক সতেজ কৰি তোলে, ঠিক সেইদৰে মোচিৰ কথাই তেওঁলোকক সতেজ কৰি তুলিছিল। আমাৰ কথা-বতৰাৰপৰা লোকসকলক সতেজ কৰিবলৈ আমি কি কৰিব পাৰোঁ?
ঘৰে ঘৰে প্ৰচাৰ কৰাৰ সময়ত বা ৰাজহুৱাভাৱে সাক্ষ্য দিয়াৰ সময়ত আমি বাইবেলৰপৰা লোকসকলক ঈশ্বৰৰ নাম জনাব পাৰোঁ। আমি তেওঁলোকক কিছুমান আলোচনী দিব পাৰোঁ আৰু ভিডিঅʼ দেখুৱাব পাৰোঁ। আমাৰ ৱেবছাইটত উপলব্ধ থকা তথ্যৰ বিষয়ে তেওঁলোকক জনাব পাৰোঁ। আমি স্কুলত, কামৰ ঠাইত বা যাত্ৰা কৰাৰ সময়ত সুযোগ বিচাৰি ঈশ্বৰ আৰু তেওঁৰ নামৰ বিষয়ে লোকসকলক জনাব পাৰোঁ। ঈশ্বৰে মানৱজাতিৰ বাবে আৰু এই পৃথিৱীৰ বাবে কি কি কৰিব, তাৰ বিষয়ে আমি তেওঁলোকক জনাব পাৰোঁ। এই বিষয়ে জনাৰ যোগেদি তেওঁলোকে বুজিব পাৰিব যে ঈশ্বৰে সঁচাকৈ তেওঁলোকক প্ৰেম কৰে। আমি লোকসকলক যিহোৱাৰ বিষয়ে সত্যতা জনোৱাৰ যোগেদি তেওঁৰ নাম পবিত্ৰ কৰোঁ। এনে কৰাৰ যোগেদি আমি লোকসকলৰ ভুল ধাৰণা দূৰ কৰিবলৈ সহায় কৰোঁ। আমি লোকসকলক বাইবেলৰপৰা যি শিক্ষা দিওঁ, সেয়া তেওঁলোকক সতেজ কৰি তোলে।—যিচ. ৬৫:১৩, ১৪.
w০৯ ৫/১ ১৪ ¶৪
बाइबल में बतायी गयी मिसालें—क्या आप उनका मतलब समझते हैं?
बाइबल की कुछ आयतों में यहोवा की तुलना बेजान चीज़ों से की गयी है। उसे “इसराएल की चट्टान,” “बड़ी चट्टान” और “मज़बूत गढ़” कहा गया है। (2 शमूएल 23:3; भजन 18:2; व्यवस्थाविवरण 32:4) यहोवा और एक चट्टान में क्या बातें मिलती-जुलती हैं? एक बड़ी चट्टान मज़बूती से एक जगह टिकी होती है और उसे हिलाया नहीं जा सकता। यहोवा पर आप भरोसा रख सकते हैं कि वह एक बड़ी चट्टान की तरह आपको सुरक्षा दे सकता है।
লʼৰা-ছাৱালীক শিক্ষা দিয়াত যিহোৱাৰ আৰ্হিক অনুকৰণ কৰক
৭ উদাহৰণস্বৰূপে, যিহোৱাই ইস্ৰায়েল জাতিৰ প্ৰতি প্ৰকাশ কৰা প্ৰেমৰ সম্বন্ধে বিবেচনা কৰক। নৱগঠিত ইস্ৰায়েল ৰাষ্ট্ৰৰ প্ৰতি যিহোৱাই দেখুৱা প্ৰেমৰ সাদৃশ্যতা দি মোচিয়ে সুন্দৰকৈ এইদৰে বৰ্ণনা কৰিছিল: “যি ঈগল চৰাইয়ে নিজৰ পোৱালিয়ে উড়িবলৈ বাহ লৰায়, সিহঁতৰ ওপৰত ঘূৰে, সেই ঈগল চৰাইৰ নিচিনাকৈ তেওঁ নিজৰ ডেউকা মেলি তাক তুলি, নিজ ডেউকাৰ ওপৰত তাক বৈ নিলে। যিহোৱাই অকলে [যাকোবক] লৈ গল।” (দ্বিতীয় বিবৰণ ৩২:৯, ১১, ১২) ঈগল চৰাইয়ে বাহত থকা পোৱালীবোৰক উড়িবলৈ শিকাবৰ বাবে “বাহ লৰায়” আৰু নিজৰ পাখি মেলি জোকাৰৰে উঢ়িবলৈ শিকাই। যেতিয়া পোৱালীবোৰ ওখ স্থানত অৱস্থিত থকা বাহঁৰ পৰা বাহিৰ হৈ উড়িবলৈ চেষ্টা কৰে আৰু মাটিত পৰিবলৈ ধৰোতেই “ওপৰত ঘূৰি” ফুৰা মাকজনীয়ে তাক ‘নিজৰ ডেউকাত’ তুলি ধৰে। ঠিক তেনেদৰে যিহোৱায়েও নতুনকৈ গঠিত হোৱা ইস্ৰায়েল ৰাষ্ট্ৰৰ সৈতে প্ৰেমেৰে আচৰণ কৰিছিল। তেওঁ ইস্ৰায়েলৰ লোকসকলক মোচিৰ ব্যৱস্থা দিছিল। (গীতমালা ৭৮:৫-৭) যেতিয়া ইস্ৰায়েলসকলে কোনো বিপদৰ সন্মুখীন হৈছিল, তেতিয়া তেওঁলোকক বিপদৰ পৰা ৰক্ষা কৰিবলৈ তেওঁলোকৰ প্ৰতি আগ্ৰহপূৰ্ণ দৃষ্টি ৰাখিছিল।
আধ্যাত্মিক ৰত্ন বিচাৰক
দ্বিতীয় বিবৰণ কিতাপৰ আলোকপাত
৩১:১২. মণ্ডলীৰ সভাবোৰত কিশোৰ-কিশোৰীসকলে বয়সস্থসকলৰ সৈতে একেলগে বহা উচিত আৰু শুনি শিকিবলৈ চেষ্টা কৰা আৱশ্যক।