জীৱন আৰু পৰিচৰ্য্যা সভাৰ বাবে অধ্যয়ন পুস্তিকাৰ বৰ্ণনা
জানুৱাৰী ৩-৯
ঈশ্বৰৰ বাক্যৰপৰা অমূল্য জ্ঞান|বিচাৰকৰ্ত্তাবিলাক ১৫-১৬
“বিশ্বাসঘাতকতা—কিমান ঘৃণনীয়!”
w১২ ৪/১৫ ৮ ¶৪
विश्वासघात—आखिरी दिनों की निशानी का हिस्सा!
4 आइए हम पहले दलीला के उदाहरण पर गौर करते हैं, जिससे न्यायी शिमशोन प्यार करता था। शिमशोन परमेश्वर के लोगों की तरफ से पलिश्तियों के खिलाफ लड़कर उनका सफाया कर देना चाहता था। इसलिए पलिश्तियों ने शिमशोन को खत्म करने की साज़िश रची। पाँच पलिश्ती सरदारों ने दलीला को शिमशोन की बेजोड़ ताकत का राज़ पता लगाने के लिए एक बड़ी रकम देने का वादा किया। शायद वे जानते थे कि दलीला को शिमशोन से सच्चा प्यार नहीं है। लालची दलीला ने यह सौदा मंज़ूर कर लिया, मगर शिमशोन की ताकत का राज़ जानने की उसकी कोशिशें तीन बार नाकाम रहीं। दलीला ने “हर दिन बातें करते करते उसको तंग किया, और यहां तक हठ किया” कि आखिरकार शिमशोन के “नाकों में दम आ गया।” शिमशोन ने उसे बता दिया कि उसके बालों पर कभी छुरा नहीं फिरा था और अगर उसके बाल काट दिए जाएँ, तो उसकी ताकत खत्म हो जाएगी। यह सुनने के बाद, दलीला ने शिमशोन को अपनी गोद में सुला दिया और चुपके से उसके बाल कटवा डाले। इसके बाद, उसने शिमशोन को उसके दुश्मनों के हाथों सौंप दिया ताकि वे उसका जो चाहें, करें। (न्यायि. 16:4, 5, 15-21) कितनी घिनौनी चाल चली उसने! लालच में आकर दलीला ने एक ऐसे इंसान को धोखा दिया, जो उससे प्यार करता था।
বিচাৰকৰ্ত্তাবিলাক কিতাপৰ আলোকপাত
১৪:১৬, ১৭; ১৬:১৬. চকুপানী টুকি আৰু একেটা কথাকে বাৰে বাৰে দোহাৰি থাকি হেঁচা দিয়াৰ দ্বাৰা এটা সম্বন্ধ ধ্বংস কৰিব পাৰে।—হিতোপদেশ ১৯:১৩; ২১:১৯.
w১২ ৪/১৫ ১১-১২ ¶১৫-১৬
विश्वासघात—आखिरी दिनों की निशानी का हिस्सा!
15 शादी-शुदा लोग कैसे अपने साथी के वफादार बने रह सकते हैं? बाइबल कहती है: “अपनी जवानी की पत्नी [या पति] के साथ आनन्दित रह” और ‘अपना जीवन अपनी प्यारी पत्नी [या पति] के संग में बिता।’ (नीति. 5:18; सभो. 9:9) जैसे-जैसे उनकी उम्र ढलती जाती है, पति-पत्नी को अपने रिश्ते को मज़बूत करते रहना चाहिए; शारीरिक तौर पर और मानसिक तौर पर भी। इसका मतलब है एक-दूजे का खयाल करना, एक-दूजे के साथ समय बिताना और एक-दूजे से नज़दीकी बढ़ाना। उन्हें अपने शादी के बंधन और परमेश्वर के साथ अपने रिश्ते को मज़बूत करना चाहिए। यही नहीं, शादी-शुदा जोड़ों को एक-साथ बाइबल पढ़ना चाहिए, प्रचार में एक-साथ काम करना चाहिए और यहोवा की आशीष पाने के लिए एक-साथ प्रार्थना भी करनी चाहिए।
यहोवा के वफा दार रहिए
16 मंडली के कुछ सदस्यों को गंभीर पाप करने की वजह से ‘सख्ती से ताड़ना दी गयी है ताकि वे विश्वास में मज़बूत बनें रहें।’ (तीतु. 1:13) कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें अपने चालचलन की वजह से मंडली से बहिष्कृत करना पड़ा है। जिन लोगों ने ऐसे अनुशासन से ‘प्रशिक्षण पाया है” उनके लिए यह फायदेमंद साबित हुई है। वे दोबारा परमेश्वर के साथ एक रिश्ता कायम कर पाए हैं। (इब्रा. 12:11) लेकिन जब हमारे किसी दोस्त या रिश्तेदार का बहिष्कार किया जाता है, तब हमारी वफादारी परखी जा सकती है। ऐसे हालात में क्या हम परमेश्वर के वफादार बने रहेंगे या फिर अपने दोस्त या रिश्तेदार के? यहोवा हमें देख रहा है, यह जानने के लिए कि किसी भी बहिष्कृत इंसान के साथ मेल-जोल न रखने की उसकी आज्ञा को हम मानेंगे या नहीं।—1 कुरिंथियों 5:11-13 पढ़िए।
আধ্যাত্মিক ৰত্ন বিচাৰক
w০৫ ৩/১৫ ২৭ ¶৬
চিমচোনে যিহোৱাৰ শক্তিৰ দ্বাৰা জয়ী হʼল!
চিমচোনৰ উদ্দেশ্য আছিল পলেষ্টীয়াসকলৰ লগত যুদ্ধ কৰা আৰু তেওঁ এই উদ্দেশ্যৰপৰা নিজৰ ধ্যান বিচলিত হʼবলৈ নিদিলে। ঈশ্বৰৰ শত্ৰুসকলৰ লগত যুদ্ধ কৰাৰ উদ্দেশ্যেৰে তেওঁ ঘচাত এজনী বেশ্যাৰ ঘৰত আশ্ৰয় লৈছিল। চিমচোনৰ মনত অনৈতিক যৌন সম্পৰ্ক ৰখাৰ কোনো উদ্দেশ্য নাছিল। তেওঁক শত্ৰুসকলৰ চহৰত ৰাতিটো কটাবলৈ এখন ঘৰ লাগিছিল আৰু বেশ্যাৰ ঘৰতকৈ সুৰক্ষিত ঘৰ আৰু কি হʼব পাৰে? চিমচোনে মাজ ৰাতি সেই ঘৰৰপৰা ওলাই নগৰৰ দুৱাৰ দুখলপা আৰু খুটা দুটা উঘালি পেলায় আৰু সেইবোৰ কান্ধত লৈ হিব্ৰোণৰ আগত থকা পৰ্বতৰ টিঙলৈ লৈ গৈছিল, যি ঠাই প্ৰায় ৬০ কিলোমিটাৰ দূৰত আছিল। চিমচোনে এই কামটো ঈশ্বৰৰ ইচ্ছা আৰু তেওঁ দিয়া শক্তিৰে কৰিব পাৰিলে।—বিচাৰকৰ্ত্তাবিলাক ১৬:১-৩.
জানুৱাৰী ১০-১৬
ঈশ্বৰৰ বাক্যৰপৰা অমূল্য জ্ঞান|বিচাৰকৰ্ত্তাবিলাক ১৭-১৯
“ঈশ্বৰৰ আজ্ঞা পালন নকৰিলে আমাৰে ক্ষতি হয়”
it-২ ৩৯০-৩৯১
मीका
1. मीका एप्रैम गोत्र का एक आदमी था। उसने अपनी माँ के चाँदी के टुकड़े चुराए थे, मगर फिर उन्हें लौटा दिया। तब उसकी माँ ने उनमें से 200 टुकड़े सुनार को दिए और उसने उससे “एक तराशी हुई और एक ढली हुई मूरत” बना दी। फिर ये मूरतें मीका के घर लायी गयीं। मीका के यहाँ पहले से ही “देवताओं के लिए एक मंदिर था।” उसने कुल देवताओं की मूरतें और एक एपोद बनवाया और अपने एक बेटे को याजक ठहराया। मीका और उसका परिवार यह दावा कर रहे थे कि वे यह सब यहोवा की महिमा के लिए कर रहे हैं, लेकिन सच तो यह था कि वे यहोवा का निरादर कर रहे थे। वे मूर्ति-पूजा करके यहोवा की आज्ञा तोड़ रहे थे। (निर्ग 20:4-6) इसके अलावा यहोवा ने पवित्र डेरे और याजकपद का जो इंतज़ाम किया था, उसकी भी उन्होंने कोई कदर नहीं की। (न्या 17:1-6; व्य 12:1-14) बाद में मीका ने योनातान नाम के एक लेवी को अपने यहाँ याजक का काम करने के लिए रख लिया। वह अपने इस फैसले से बहुत खुश था और उसने कहा, “अब यहोवा ज़रूर मेरा भला करेगा।” (न्या 17:7-13; 18:4) लेकिन यह उसकी गलतफहमी थी। मूसा के कानून के हिसाब से हारून के वंशज ही याजक बन सकते थे। लेकिन यह लेवी मूसा के बेटे गेरशोम का वंशज था, न कि हारून का। इसीलिए वह याजक के नाते सेवा नहीं कर सकता था। मीका ने पहले ही कई गलतियाँ की थीं, अब योनातान को याजक ठहराकर उसने एक और गलती कर दी।—न्या 18:30; गि 3:10.
it-২ ৩৯১ ¶২
मीका
कुछ समय बाद मीका और उसके आदमी दानियों के पीछे गए। जब वे दानियों के पास पहुँच गए, तो उन्होंने मीका से पूछा, “क्या हुआ?” तब मीका ने उनसे कहा कि तुमने मेरा सबकुछ लूट लिया। उसने कहा, “तुम मेरे देवताओं की मूरतें उठा लाए जिन्हें मैंने बनवाया था और मेरे याजक को भी अपने साथ ले आए।” तब दानियों ने उसे धमकी दी कि अगर वे उनका पीछा करते रहे और इस बारे में दोबारा बात की, तो वे उसे और उसके आदमियों को जान से मार डालेंगे। जब मीका ने देखा कि दान के लोग उससे ज़्यादा ताकतवर हैं, तो वह उलटे पाँव घर लौट गया।—न्या 18:22-26.
আধ্যাত্মিক ৰত্ন বিচাৰক
w১৫ ১২/১৫ ১০ ¶৬
ঈশ্বৰৰ বাক্যৰ এক জীৱন্ত অনুবাদ
6 আজি আমি ঈশ্বৰৰ নাম ব্যৱহাৰ কৰা উচিত বুলি ইয়াৰ বহুতো প্ৰমাণ আছে। ২০১৩ চনত ইংৰাজীত প্ৰকাশিত কৰা নিউ ৱৰ্ল্ড ট্ৰান্চলেশ্ব্যান্ বাইবেলত ঈশ্বৰৰ নাম ৭,২১৬ বাৰ উল্লেখ কৰা হৈছে। ইয়াৰ আগতে প্ৰকাশিত কৰা বাইবেলৰ তুলনাত এই বাইবেলখনত ঈশ্বৰৰ নাম ৬ বাৰ বেছিকৈ উল্লেখ কৰা হৈছে। ইয়াৰ পাঁচটা পদত ঈশ্বৰৰ নাম যোগ কৰাৰ কাৰণ হৈছে শেহতীয়াকৈ মৃত সাগৰৰ ওচৰত এখন নুৰা পোৱা গৈছিল আৰু তাত ঈশ্বৰৰ নাম আছিল।a (ফুটনোট চাওক।) সেই পাঁচটা পদ হৈছে ১ চমূৱেল ২:২৫; ৬:৩; ১০:২৬; ২৩:১৪, ১৬. ইয়াৰ লগতে প্ৰাচীন হস্তলিপি ভালদৰে অধ্যয়ন কৰাৰ বাবে ঈশ্বৰৰ নাম বিচাৰকৰ্ত্তাবিলাক ১৯:১৮ পদতো যোগ কৰা হʼল।
জানুৱাৰী ১৭-২৩
ঈশ্বৰৰ বাক্যৰপৰা অমূল্য জ্ঞান|বিচাৰকৰ্ত্তাবিলাক ২০-২১
“যিহোৱাৰপৰা পৰামৰ্শ লৈ থাকক”
w১১ ৯/১৫ ৩২ ¶৩
क्या आप पीनहास की तरह चुनौतियों का सामना कर सक ते हैं?
जब बिन्यामीन के गोत्र से, गिबा के पुरुषों ने एक लेवी की सुरैतिन (रखैल) का बलात्कार और खून कर दिया तब बाकी गोत्र बिन्यामीनियों से युद्ध करने को निकल पड़े। (न्यायि. 20:1-11) युद्ध के मैदान में जाने से पहले उन्होंने यहोवा से मदद के लिए प्रार्थना की थी, पर दो बार वे हार गए और उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा। (न्यायि. 20:14-25) क्या वे इस नतीजे पर पहुँचते कि उनकी प्रार्थनाओं का कोई फायदा नहीं हुआ? क्या यहोवा वाकई चाहता था कि वे इस गलत काम के खिलाफ कोई कदम न उठाएँ?
w১১ ৯/১৫ ৩২ ¶৫
क्या आप पीनहास की तरह चुनौतियों का सामना कर सक ते हैं?
हम इससे क्या सबक सीख सकते हैं? प्राचीनों की कड़ी मेहनत और यहोवा से मदद की पुकार के बावजूद मंडली की कुछ समस्याएँ हल नहीं होतीं। अगर ऐसा होता है तो प्राचीन यीशु के यह शब्द याद रख सकते हैं: “माँगते [या प्रार्थना करते] रहो और तुम्हें दे दिया जाएगा। ढूँढ़ते रहो और तुम पाओगे। खटखटाते रहो, और तुम्हारे लिए खोला जाएगा।” (लूका 11:9) अगर प्राचीनों को लगता है कि उन्हें जवाब नहीं मिल रहा, तब भी वे इस बात का यकीन रख सकते हैं कि यहोवा अपने ठहराए हुए समय पर ज़रूर कदम उठाएगा।
আধ্যাত্মিক ৰত্ন বিচাৰক
w১৪ ৫/১ ১১ ¶৪-৬
আপুনি জানেনে?
প্ৰাচীন সময়ত ফিঙ্গা বা কেটেপা যুদ্ধত কেনেকৈ ব্যৱহাৰ কৰা হৈছিল?
দায়ূদে ফিঙ্গা বা কেটেপাৰে ওখ ডাঙৰ গলিয়াথক হত্যা কৰিছিল। তেওঁ হয়তো মেৰ ৰখীয়াৰ কাম কৰোতে ফিঙ্গা চলাবলৈ শিকিছিল।—১ চমূৱেল ১৭:৪০-৫০.
মধ্য পূব দিশৰ দেশবোৰত পুৰাতত্ববিদে মাটি খন্দাৰ সময়ত ফিঙ্গাত ব্যৱহাৰ হোৱা বহুতো শিলগুটি পাইছিল। এই শিলগুটিবোৰ প্ৰাচীন সময়ত যুদ্ধত ব্যৱহাৰ কৰা হৈছিল। ফিঙ্গা চলোৱা ব্যক্তিজনে নিজৰ মূৰৰ ওপৰত জোৰেৰে ফিঙ্গাটো ঘুৰাইছিল আৰু তাৰ পাছত ফিঙ্গাৰ এটা অংশ এৰি দিছিল। ফিঙ্গাৰ শিলগুটিটোৰ গতিবেগ প্ৰতি ঘন্টাত ১৬০-২৪০ কিলোমিটাৰ আছিল। এটা ধনু কাঁড় যিমান দূৰলৈ যাব পাৰে, সিমান দূৰ ফিঙ্গাৰ শিলগুটি যাব পাৰে নে নোৱাৰে, তাৰ বিষয়ে বিদ্বানসকলে নাজানে। কিন্তু এটা কথা সঁচা যে শিলগুটিয়ে কাঁড়ৰ সমানে আঘাত কৰিব পাৰিছিল।—বিচাৰকৰ্ত্তাবিলাক ২০:১৬.
জানুৱাৰী ২৪-৩০
ঈশ্বৰৰ বাক্যৰপৰা অমূল্য জ্ঞান| ৰূথ ১-২
“প্ৰকৃত প্ৰেম কৰি থাকক”
w১৬.০২ ১৪ ¶৫
यहोवा के करीबी दोस्तों की मिसाल पर चलिए
5 रूत सोच सकती है कि मोआब में उसका परिवार है, वहाँ उसकी माँ है, उसके रिश्तेदार हैं। वह उनके पास लौट सकती है और वे उसकी देखभाल करेंगे। वह वहाँ के लोगों, वहाँ की भाषा और वहाँ के रहन-सहन से वाकिफ है। नाओमी उसे बेतलेहेम में यह सब देने का वादा नहीं कर सकती। उसे डर था कि वह रूत का न तो घर बसा पाएगी, न ही उसके लिए सिर छिपाने की जगह का इंतज़ाम कर पाएगी। इसलिए वह रूत को वापस मोआब जाने के लिए कहती है। जैसा कि हमने देखा, ओर्पा “अपने लोगों और अपने देवता के पास लौट” जाती है। (रूत 1:9-15) लेकिन रूत फैसला करती है कि वह अपने लोगों और उनके झूठे देवताओं के पास नहीं जाएगी।
w১৬.০২ ১৪ ¶৬
यहोवा के करीबी दोस्तों की मिसाल पर चलिए
6 ऐसा लगता है कि रूत ने अपने पति से या नाओमी से यहोवा के बारे में सीखा था। उसने सीखा कि यहोवा, मोआब के देवताओं जैसा नहीं है। रूत यहोवा से प्यार करती थी और जानती थी कि यहोवा इस बात का हकदार है कि वह यहोवा से प्यार करे और उसकी उपासना करे। लेकिन यह ज्ञान होना ही काफी नहीं था। उसे फैसला लेना था कि क्या वह यहोवा को अपना परमेश्वर मानेगी। रूत ने बुद्धि-भरा फैसला लिया। उसने नाओमी से कहा, “तेरे लोग मेरे लोग होंगे, और तेरा परमेश्वर मेरा परमेश्वर होगा।” (रूत 1:16) रूत को नाओमी से जो प्यार था, उस बारे में जब हम सोचते हैं तो यह हमारे दिल को छू जाता है। लेकिन यहोवा के लिए उसका प्यार इससे भी ज़्यादा गौरतलब है। यह बात बोअज़ को भी अच्छी लगी, जिसने बाद में यह कहकर रूत की तारीफ की कि उसने ‘यहोवा के पंखों तले शरण ली’ है। (रू त 2:12 पढ़िए।) बोअज़ ने यहाँ जो शब्द इस्तेमाल किए, उनसे हमें शायद याद आए कि कैसे एक चिड़िया का बच्चा हिफाज़त के लिए अपने पिता के पंखों तले जाता है। (भज. 36:7; 91:1-4) उसी तरह यहोवा ने रूत की प्यार से हिफाज़त की और उसके विश्वास के लिए उसे इनाम दिया। रूत ने जो फैसला लिया था उस पर उसे कभी पछतावा नहीं हुआ।
আধ্যাত্মিক ৰত্ন বিচাৰক
ৰূথ কিতাপৰ আলোকপাত
১:১৩, ২১—যিহোৱা ঈশ্বৰে নয়মীৰ জীৱনটোক তিক্ত আৰু দুৰ্দশাগ্ৰস্ত কৰি তুলিছিলনে? অৱশ্যেই নহয়। কিয়নো ঈশ্বৰে তেওঁৰ সৈতে কোনো বেয়া কৰা বুলি নয়মীয়ে অভিযোগ দিয়া নাছিল। যিহেতু নয়মীৰ সৈতে যি ঘটিল, তাৰ বাবে যিহোৱা ঈশ্বৰে তেওঁৰ অহিত আছে বুলি ভাবিছিল। সেয়েহে নয়মীয়ে তিক্ত আৰু নিৰাশা হৈ পৰিছিল। তদুপৰি সেই সময়ত গৰ্ভজাত সন্তানক ঈশ্বৰৰ আশীৰ্ব্বাদ আৰু নিঃসন্তানসকলক শাও পোৱা বুলি গণ্য কৰা হৈছিল। কোনো নাতি নোহোৱা আৰু দুজন পুতেকৰ মৃত্যু হোৱাৰ বাবে নয়মীয়ে ভাবিছিল যে যিহোৱাই তাইক অপমান কৰিলে।
ভাষণ
ia ৪৩-৪৪ ¶৫-৯
পৰিয়াল কাক কোৱা হয়?
৫ ৰূথে ধানৰ থোকবোৰ হাতেৰে মৰাৰ পাছত দেখিলে যে তাইৰ ওচৰত এক ঐফা যৱ ধান আছে। আজিৰ তুলনাত এক ঐফা যৱ ধানৰ ওজন প্ৰায় ১৪ কিলো হʼব। তাই ধানবোৰ এখন ডাঙৰ কাপোৰত বান্ধিলে আৰু সেই টোপোলা মূৰত লৈ নিজৰ ঘৰৰ ফালে বৈৎলেহমলৈ যাবলৈ ওলায়, কিয়নো গধূলি হʼব ধৰিছিল।—ৰূথ ২:১৭.
৬ যেতিয়া নয়মীয়ে তাইৰ বোৱাৰীয়েকক অহা দেখিলে, তেতিয়া তাই বহুত আনন্দিত হʼল। ৰূথৰ মূৰত ইমান গধূৰ টোপোলা দেখি তাই হয়তো আচৰিত হৈছিল। বোৱজে শ্ৰমিকসকলক যি আহাৰ দিছিল, তাৰপৰা বাচি যোৱা আহাৰ তাই ঘৰলৈ লৈ আনিছিল। সেইবাবে, ৰূথ আৰু নয়মীয়ে একেলগে মিলি সেই আহাৰ খালে। নয়মীয়ে এইদৰে সুধিছিল, “তুমি আজি কʼত ধান বুটলিছিলা? কʼত শ্ৰম কৰিছিলা? যি মানুহে তোমাক ইমান মৰম কৰিলে, তেওঁ ধন্য হওক।” (ৰূথ ২:১৯) নয়মীয়ে ৰূথৰ মূৰত ধানৰ টোপোলা দেখি বুজি পালে যে কোনোবাই তাইৰ পৰিস্থিতিলৈ ধ্যান দিলে আৰু তাইক কৃপা কৰিলে।
৭ তাৰ পাছত দুয়োজনে কথা পাতিবলৈ ধৰিলে। ৰূথে নয়মীক কʼলে যে বোৱজে তাইক কিমান দয়া দেখুৱালে। এই কথাই নয়মীৰ হৃদয় স্পৰ্শ কৰিলে। তাই এইদৰে কʼলে, “যি জনাই জীয়া আৰু মৰা লোকলৈ দয়া কৰিবলৈ এৰা নাই, সেই যিহোৱাৰ পৰা তেওঁ আশীৰ্ব্বাদ পাওক।” (ৰূথ ২:২০) নয়মীয়ে বুজি পালে যে বোৱজে যি দয়া দেখুৱাইছে, তাৰ আঁৰত যিহোৱাৰ হাত আছে। কিয়নো তেৱেঁ নিজৰ সেৱকসকলক উদাৰশীল হʼবলৈ অনুপ্ৰাণিত কৰে। যিহোৱাই নিজৰ লোকসকলক এয়াও প্ৰতিজ্ঞা কৰিছে যে যদি তেওঁলোকে আনক দয়া দেখুৱায়, তেনেহʼলে যিহোৱাই তেওঁলোকক আশীৰ্বাদ দিব।—হিতোপদেশ ১৯:১৭ পঢ়ক।
৮ বোৱজৰ কথা মানি তেওঁৰ পথাৰতে শস্য বুটলিবলৈ আৰু তেওঁৰ পৰিয়ালৰ তিৰোতাসকলৰ লগত থাকিবলৈ নয়মীয়ে ৰূথক কৈছিল, যাতে পথাৰৰ শ্ৰমিকসকলে তাইক আমনি নিদিয়ে। ৰূথে তাইৰ কথা মানিলে। ইয়াৰ উপৰিও তাই ‘নিজ শহুৱেকক’ নেৰিলে। (ৰূথ ২:২২, ২৩) ইয়াৰপৰা আমি ৰূথৰ প্ৰকৃত প্ৰেম দেখিবলৈ পাওঁ, যাৰ বাবে তাই জনাজাত আছিল। ৰূথৰ উদাহৰণে আমাক নিজকে চালি-জাৰি চাবলৈ উৎসাহিত কৰে যে আমি পৰিয়ালক গুৰুত্ব দিওঁনে, সদায় নিজৰ আপোনজনাক সহযোগ কৰোঁনে আৰু প্ৰয়োজনৰ সময়ত তেওঁলোকক সহায় কৰোঁনে। যিহোৱাই এনেধৰণৰ প্ৰকৃত প্ৰেমক ধ্যান দিয়ে।
৯ ৰূথ আৰু নয়মী কেৱল দুজনী আছিল, গতিকে তেওঁলোকক পৰিয়াল বুলি কʼব নোৱাৰিনে? কিছুমান লোকে বিশ্বাস কৰে যে এখন ঘৰত পতি-পত্নী, লʼৰা-ছোৱালী আৰু ককা-আইতা থাকিলেহে তেওঁলোকক পৰিয়াল বুলি কʼব পাৰি। কিন্তু ৰূথ আৰু নয়মীৰ উদাহৰণে আমাক শিকায় যে যিহোৱাৰ সেৱকসকলৰ পৰিয়াল যিমানেই সৰু নহওক কিয়, যদি তেওঁলোকে এজনে-আনজনক প্ৰেম কৰে আৰু কৃপা কৰে, তেনেহʼলে তাকে পৰিয়াল বুলি কোৱা হয়। আপুনি নিজৰ পৰিয়ালক সন্মান কৰেনে? যীচুৱে নিজৰ শিষ্যসকলক কৈছিল যে যিসকল লোকৰ পৰিয়াল নাথাকে, তেওঁলোকৰ বাবে খ্ৰীষ্টান মণ্ডলী পৰিয়ালৰ নিচিনা হʼব।—মাৰ্ক ১০:২৯, ৩০.
জানুৱাৰী ৩১–ফেব্ৰুৱাৰী ৬
ঈশ্বৰৰ বাক্যৰপৰা অমূল্য জ্ঞান| ৰূথ ৩-৪
“ভাল নাম অৰ্জন কৰক”
ia ৪৭ ¶১৮
“एक नेक औरत”
फिर बोअज़ ने रूत से बात की। उसने ज़रूर नरमी से बात की होगी जिससे रूत का डर दूर हुआ होगा। उसने कहा, “यहोवा तुझे आशीष दे मेरी बेटी। तूने पहले भी अपने अटल प्यार का सबूत दिया है, मगर इस बार तूने और भी बढ़कर इसका सबूत दिया है। क्योंकि तू किसी जवान आदमी के पीछे नहीं गयी, फिर चाहे वह अमीर हो या गरीब।” (रूत 3:10) रूत ने नाओमी के लिए अपने अटल प्यार का ‘पहली’ बार सबूत तब दिया था जब वह नाओमी के साथ इसराएल आयी और उसकी सेवा करने लगी। और “इस बार” भी उसने अपने अटल प्यार का सबूत दिया। कैसे? जैसे बोअज़ ने कहा, रूत जवान थी और चाहे तो किसी जवान आदमी से शादी कर सकती थी, फिर चाहे वह अमीर होता या गरीब। मगर उसने नाओमी और उसके पति का भला करना चाहा। वह उस मरे हुए आदमी का वंश आगे बढ़ाना चाहती थी। इसलिए हम समझ सकते हैं कि बोअज़ ने क्यों रूत के निस्वार्थ प्यार के लिए उसकी तारीफ की।
ia ৪৮ ¶২১
“एक नेक औरत”
रूत बोअज़ की यह बात याद करके कितनी खुश हुई होगी कि सब लोग उसे एक “नेक औरत” मानते हैं। बेशक उसने यह अच्छा नाम इसलिए कमाया क्योंकि वह यहोवा को जानने और उसकी सेवा करने के लिए तैयार थी। इतना ही नहीं, उसने नाओमी पर बहुत कृपा की और उसके लोगों के तौर-तरीके और रिवाज़ अपनाकर उनका गहरा आदर किया, जबकि ये उसके लिए बिलकुल नए थे। अगर हम रूत जैसा विश्वास ज़ाहिर करें तो हम दूसरों का, उनके तौर-तरीकों और रिवाज़ों का दिल से आदर करेंगे। तब हम भी नेक होने का नाम कमाएँगे।
ia ৫০ ¶২৫
“एक नेक औरत”
बोअज़ ने रूत से शादी कर ली। इसके बाद “यहोवा की आशीष से रूत गर्भवती हुई और उसने एक बेटे को जन्म दिया।” बेतलेहेम की औरतों ने नाओमी को आशीर्वाद दिया और रूत की तारीफ करते हुए कहा कि वह नाओमी के लिए सात बेटों से भी बढ़कर है। बाद में रूत के बेटे के खानदान से ही महान राजा दाविद पैदा हुआ। (रूत 4:11-22) आगे चलकर दाविद के वंश से यीशु मसीह पैदा हुआ।—मत्ती 1:1.
আধ্যাত্মিক ৰত্ন বিচাৰক
ৰূথ কিতাপৰ আলোকপাত
৪:৬—মুক্ত কৰি কেনেকৈ এজন মুক্তিকৰ্ত্তাৰ নিজৰ উত্তৰাধিকাৰ “হানি” হʼলহেঁতেন? যদি এজনে দৰিদ্ৰতাত পৰি নিজৰ মাটি বিক্ৰী কৰিলে। আন এজন সম্বন্ধীয়া মুক্তিকৰ্ত্তাই যোবেল বছৰ অহালৈকে যিমান বছৰ বাকী আছে সেই অনুসাৰে সেই মাটিদৰা কিনিবলৈ মূল্য নিৰ্ণয় কৰিব। (লেবীয়া পুস্তক ২৫:২৫-২৭) এনেদৰে কৰাৰ দ্বাৰা তেওঁৰ নিজৰ সম্পত্তিৰ মূল্য হ্ৰাস পাব। তদুপৰি ৰূথৰ দ্বাৰা জন্ম হোৱা পুতেকে নিকটম সম্বন্ধীয়া মুক্তিকৰ্ত্তাই কিনা মাটিদৰাৰ উত্তৰাধিকাৰী হʼব।
ফেব্ৰুৱাৰী ৭-১৩
ঈশ্বৰৰ বাক্যৰপৰা অমূল্য জ্ঞান| ১ চমূৱেল ১-২
“হৃদয় খুলি যিহোৱালৈ প্ৰাৰ্থনা কৰক”
ia ৫৫ ¶১২
उसने दिल खोलक र परमेश्वर से प्रार्थना की
12 प्रार्थना के मामले में हन्ना, यहोवा के सभी सेवकों के लिए एक बेहतरीन मिसाल है। यहोवा हमसे कहता है कि हम उससे प्रार्थना में खुलकर बात करें और बेझिझक उसे अपनी परेशानियाँ बताएँ, ठीक जैसे एक छोटा बच्चा अपने पिता पर भरोसा करता है और उसे सारी बातें बताता है। (भजन 62:8; 1 थिस्सलुनीकि यों 5:17 पढ़िए।) प्रार्थना के बारे में प्रेषित पतरस ने परमेश्वर की प्रेरणा से यह बात लिखी जिससे हमें बहुत दिलासा मिलता है: “तुम अपनी सारी चिंताओं का बोझ उसी पर डाल दो क्योंकि उसे तुम्हारी परवाह है।”—1 पत. 5:7.
w০৭ ৩/১৫ ১৬ ¶৪
हन्ना को मन की शांति मिली
हम हन्ना से क्या सीख सकते हैं? जब हम यहोवा को अपनी परेशानियाँ बताते हैं, तो हमें उसे खुलकर बताना चाहिए कि हमें कैसा लग रहा है और मदद के लिए उससे बिनती करनी चाहिए। अपनी समस्या हल करने के लिए हमसे जो हो सकता है, वह करना चाहिए और फिर मामला यहोवा के हाथ में छोड़ देना चाहिए। समस्याएँ सुलझाने का यही सबसे अच्छा तरीका है।—नीतिवचन 3:5, 6.
আধ্যাত্মিক ৰত্ন বিচাৰক
প্ৰথম চমূৱেল কিতাপৰ আলোকপাত
২:১০—ইস্ৰায়েলত কোনো মানৱীয় ৰজা নথকাৰ স্বত্ত্বেও হান্নাই কিয় “তেওঁৰ ৰজাক বল” দিবলৈ যিহোৱালৈ প্ৰাৰ্থনা কৰিছিল? ইস্ৰায়েলসকলৰ সেই মানৱীয় ৰজাজনৰ বিষয়ে মোচিৰ ব্যৱস্থাত ভৱিষ্যতবাণী কৰা হৈছিল। (দ্বিতীয় বিবৰণ ১৭:১৪-১৮) মৃত্যু শৰ্য্যাত থকাৰ সময়ছোৱাত যাকোবে এইদৰে ভৱিষ্যতবাণী কৰিছিল: “যিহূদাৰ পৰা ৰাজদণ্ড [এক ৰাজকীয় শাসনৰ চিহ্ন] নেযাব।” (আদিপুস্তক ৪৯:১০) তদুপৰি চাৰা, অৰ্থাৎ ইস্ৰায়েলসকলৰ কুলমাতৃৰ বিষয়ে যিহোৱাই এইদৰে কৈছিল: “নানা দেশৰ ৰজাবিলাকো তেওঁৰ পৰাই উৎপন্ন হব।” (আদিপুস্তক ১৭:১৬) সেয়েহে হান্নাই ভৱিষ্যতে হʼবলগীয়া ৰজাজনৰ বিষয়ে প্ৰাৰ্থনা কৰিছিল।
ফেব্ৰুৱাৰী ১৪-২০
ঈশ্বৰৰ বাক্যৰপৰা অমূল্য জ্ঞান| ১ চমূৱেল ৩-৫
“যিহোৱা দয়া দেখুৱা ঈশ্বৰ”
w১৮.০৯ ২৪ ¶৩
सर्वशक् तिमान होने के बावजूद लिहाज़ करनेवाला
3 जब शमूएल ने पवित्र डेरे में सेवा करना शुरू किया, तब वह बहुत छोटा था। (1 शमू. 3:1) कुछ सालों बाद उसके साथ एक अनोखी घटना घटी। (1 शमूएल 3:2-10 पढ़िए।) एक रात जब वह सो रहा था, तब उसने सुना कि कोई उसका नाम पुकार रहा है। शमूएल ने सोचा कि महायाजक एली उसे बुला रहा है। वह एक आज्ञाकारी बच्चा था, इसलिए वह फौरन उठा और भागकर एली के पास गया। उसने कहा, “तूने मुझे बुलाया?” एली ने कहा, “नहीं, मैंने तुझे नहीं बुलाया।” ऐसा दो बार और हुआ। तब एली समझ गया कि परमेश्वर शमूएल को बुला रहा है। उसने शमूएल को बताया कि अगली बार आवाज़ सुनने पर उसे क्या करना चाहिए। शमूएल ने एली की बात मानी। लेकिन सवाल उठता है कि यहोवा ने पहली बार ही शमूएल को क्यों नहीं बताया कि वह उसे बुला रहा है? बाइबल इस बारे में कुछ नहीं बताती। लेकिन हो सकता है कि इसकी वजह यह हो कि यहोवा शमूएल की भावनाएँ समझता था।
w১৮.০৯ ২৪ ¶৪
सर्वशक् तिमान होने के बावजूद लिहाज़ करनेवाला
4 पहला शमूएल 3:11-18 पढ़िए। यहोवा के कानून में आज्ञा दी गयी थी कि बच्चों को बड़े-बुज़ुर्गों का आदर करना चाहिए, खासकर उनका, जिनके पास कोई अधिकार है। (निर्ग. 22:28; लैव्य. 19:32) इस वजह से हम समझ सकते हैं कि शमूएल को कैसा लगा होगा। उसने सोचा भी नहीं होगा कि सुबह उठकर वह सीधे एली के पास जाए और बेधड़क होकर उसे परमेश्वर का कड़ा संदेश सुनाए। बाइबल बताती है कि “वह दर्शन की बात एली को बताने से डर रहा था।” लेकिन परमेश्वर ने एली पर ज़ाहिर कर दिया था कि वह शमूएल को बुला रहा है। इस वजह से एली ने शमूएल को आज्ञा दी कि परमेश्वर ने उससे जो कुछ कहा, उसकी एक भी बात वह उससे न छिपाए। शमूएल ने एली की आज्ञा मानी और उसे “सारी बात बतायी।”
আধ্যাত্মিক ৰত্ন বিচাৰক
প্ৰথম চমূৱেল কিতাপৰ আলোকপাত
৩:৩—চমূৱেলে বাস্তৱতে অতি পবিত্ৰ স্থানত শুইছিলনে? তেওঁ অৱশ্যেই শুৱা নাছিল। কিয়নো চমূৱেল অপুৰোহিত কহাতৰ বংশীয় লেবী ব্যক্তি আছিল। (১ বংশাৱলি ৬:৩৩-৩৮) সেইবাবে “অতি পবিত্ৰস্থানৰ ওচৰ” চাপিবৰ অধিকাৰ নাছিল। (গণনা পুস্তক ৪:১৭-২০) তেওঁ কেৱল মন্দিৰৰ চোতালৰ অংশত যাব পাৰিছিল। তাত তেওঁক শুব লাগিছিল। এলীও সম্ভৱতঃ চোতালৰ কোনো এটা অংশত শুইছিল। ইয়াত উল্লেখ কৰা “ঈশ্বৰীয় চন্দুক থকা” উক্তিটোৱে মন্দিৰ থকা অঞ্চলক নিৰ্দ্দেশিত কৰিছিল।
ফেব্ৰুৱাৰী ২১-২৭
ঈশ্বৰৰ বাক্যৰপৰা অমূল্য জ্ঞান| ১ চমূৱেল ৬-৮
“আপোনাৰ ৰজা কোন?”
it-২ ১৬৩ ¶১
परमेश्वर का राज
एक इंसान को राजा ठहराने की माँग। इसराएली चाहते थे कि दूसरे राष्ट्रों की तरह उनका भी एक राजा हो। यह माँग करके वे दरअसल यहोवा को अपना राजा मानने से इनकार कर रहे थे। (1शम 8:4-8) यहोवा ने वादा किया था कि वह एक राज कायम करेगा। उसने यह वादा अब्राहम और याकूब से किया था। याकूब ने भी अपनी मौत से पहले यहूदा के बारे में भविष्यवाणी करते वक्त इस राज का ज़िक्र किया। (उत 49:8-10) इसराएलियों को मिस्र से बाहर निकालने के बाद भी यहोवा ने इस राज के बारे में बताया था। (निर्ग 19:3-6) यहाँ तक कि मूसा के कानून में भी यहोवा ने इस बारे में ज़िक्र किया। (व्य 17:14, 15) यहोवा ने भविष्यवक्ता बिलाम के ज़रिए जो संदेश सुनाया, उसमें भी इस राज का ज़िक्र था। (गि 24:2-7, 17) शमूएल की माँ हन्ना ने भी प्रार्थना करते वक्त यह यकीन ज़ाहिर किया कि परमेश्वर का राज आएगा। (1शम 2:7-10) यह सच है कि यहोवा ने अब तक इस “पवित्र रहस्य” यानी राज लाने के वादे के बारे में पूरी जानकारी नहीं दी थी, जैसे यह नहीं बताया था कि यह राज कब आएगा, इसमें कौन-कौन होगा और यह धरती पर होगा या स्वर्ग में। लेकिन उसने यह साफ ज़ाहिर कर दिया था कि वह अपना राज लाएगा। इसलिए हम कह सकते हैं कि एक इंसानी राजा की माँग करके इसराएलियों ने सही नहीं किया, उन्हें ऐसी माँग करने का कोई अधिकार नहीं था।
w১১ ৭/১ ১৯ ¶১
निराशाओं के बावजूद उसने धीरज रखा
गौर कीजिए कि जब शमूएल ने यहोवा से इस बारे में प्रार्थना की तो यहोवा ने उसे क्या जवाब दिया: “वे लोग जो कुछ तुझ से कहें उसे मान ले; क्योंकि उन्हों ने तुझ को नहीं परन्तु मुझी को निकम्मा जाना है, कि मैं उनका राजा न रहूं।” यह सुनकर शमूएल को कितना दिलासा मिला होगा, लेकिन ऐसी माँग करके इसराएलियों ने सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कितनी तौहीन की! यहोवा ने अपने भविष्यवक्ता से कहा कि वह लोगों को चेतावनी दे कि अगर एक इंसानी राजा उन पर राज करेगा तो उन्हें इसकी बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। जब शमूएल ने उन्हें यह चेतावनी दी तब भी वे अपनी बात पर अड़े रहे और कहा: “नहीं! हम निश्चय अपने लिये राजा चाहते हैं।” इस पर परमेश्वर ने उनके लिए राजा चुना और आज्ञाकारी शमूएल ने जाकर उसका अभिषेक किया।—1 शमूएल 8:7-19.
w১০ ১/১৫ ৩০ ¶৯
यहोवा की हुकू मत बुलंद हुई!
9 इतिहास दिखाता है कि यहोवा की यह चेतावनी सच साबित हुई। इंसानी राजाओं के हुकूमत करने से इसराएल जाति कई बार मुसीबतों के भँवर में फँस गयी, खासकर तब जब एक राजा परमेश्वर का वफादार साबित नहीं होता था। इसलिए इस उदाहरण को ध्यान में रखते हुए हमारे लिए यह कोई हैरानी की बात नहीं कि सदियों से इंसानी सरकार यहोवा को न जानने की वजह से हमेशा के लिए अच्छे हालात नहीं ला पायी। यह सच है कि कुछ नेताओं ने शांति और सुरक्षा लाने की अपनी कोशिशों पर परमेश्वर की बरकत माँगी। लेकिन परमेश्वर उन्हें आशीष कैसे दे सकता है, जिन्हें उसकी हुकूमत के अधीन रहना गवारा नहीं?—भज. 2:10-12.
আধ্যাত্মিক ৰত্ন বিচাৰক
কিয় বাপ্তিষ্মা লোৱা আৱশ্যক?
১৩ যিহোৱাৰ সাক্ষী হিচাবে বাপ্তিষ্মা লোৱাৰ পূৰ্বেই আমাক নিশ্চয়ে মন-পালটন কৰা উচিত। মন-পালটন কৰাটো হৈছে যীচুৰ অনুগামী হʼবলৈ এজন ব্যক্তিয়ে সম্পূৰ্ণ মনেৰে কৰা নিজস্ব নিৰ্ণয়। তেনে ব্যক্তিসকলে নিজৰ পূৰ্বৰ জীৱনধাৰাক ত্যাগ দি ঈশ্বৰৰ দৃষ্টিত যি উচিত তাক কৰিবলৈ নিৰ্ণয় লয়। শাস্ত্ৰত ব্যৱহাৰ কৰা হিব্ৰু আৰু গ্ৰীক ক্ৰিয়াপদ মন-পালটন শব্দটোক পিছ হুহঁকি আৰু ঘূৰি অহা অৰ্থত বুজায়। গতিকে ইয়াত এই কাৰ্য্যই ভুল পথ ত্যাগ কৰি ঈশ্বৰলৈ ঘূৰি অহাটোক বুজাইছে। (১ ৰাজাৱলি ৮:৩৩, ৩৪) এনে কাৰ্য্যক “মন-পালটনৰ যোগ্য কৰ্ম্ম” বুলি উল্লেখ কৰিছে।” (পাঁচনিৰ কৰ্ম্ম ২৬:২০) ইয়াৰ বাবে আমি মিছা উপাসনাক ত্যাগ দি ঈশ্বৰৰ আজ্ঞা অনুসাৰে চলি তেওঁলৈ একান্ত ভক্তি আগবঢ়োৱা আৱশ্যক। (দ্বিতীয় বিবৰণ ৩০:২, ৮-১০; ১ চমূৱেল ৭:৩) মন-পালটনৰ ফলস্বৰূপে আমাৰ বিচাৰধাৰা, লক্ষ্য আৰু ব্যক্তিত্ব পৰিৱৰ্তন হʼব। (যিহিষ্কেল ১৮:১) অঈশ্বৰীয় কাৰ্য্যসমূহ ত্যাগ দি নতুন ব্যক্তিত্ব ধাৰণ কৰাৰ অৰ্থ হৈছে, আমি “ঘূৰি অহা।”—পাঁচনিৰ কৰ্ম্ম ৩:১৯; ইফিচীয়া ৪:২০-২৪; কলচীয়া ৩:৫-১৪.
ফেব্ৰুৱাৰী ২৮–মাৰ্চ ৬
ঈশ্বৰৰ বাক্যৰপৰা অমূল্য জ্ঞান| ১ চমূৱেল ৯-১১
“চৌল প্ৰথমে নম্ৰ আছিল”
নিজৰ সীমা বুজি নম্ৰতাৰে ঈশ্বৰৰ সৈতে চলক
১১ ৰজা চৌলৰ উদাহৰণলৈ ধ্যান দিয়ক। তেওঁ প্ৰথমে এজন নম্ৰ ব্যক্তি আছিল আৰু নিজৰ সীমা বুজি পাইছিল। যেতিয়া তেওঁক এটা ডাঙৰ দায়িত্ব দিয়া হৈছিল, তেতিয়া তেওঁ সেই দায়িত্ব গ্ৰহণ কৰিবলৈ সংকোচ কৰিছিল। কিয়নো তেওঁ নিজৰ সীমা বুজি পাইছিল। (১ চমূ. ৯:২১; ১০:২০-২২) কিন্তু ৰজা হোৱাৰ কিছু সময়ৰ পাছতে তেওঁ অহংকাৰী হৈ পৰে। তেওঁ এনে কাম কৰিবলৈ ধৰিলে, যি তেওঁৰ অধিকাৰত নাছিল। এবাৰ তেওঁক ভৱিষ্যতবক্তা চমূৱেলৰ বাবে অপেক্ষা কৰিবলগীয়া আছিল, যাতে তেওঁ আহি হোমবলি দিয়ে। অপেক্ষা কৰাৰ সময়ত তেওঁ ধৈৰ্য্য হেৰুৱায় আৰু নিজে হোমবলি উৎসৰ্গ কৰে। এই ক্ষেত্ৰত যিহোৱাই কোনো এটা ব্যৱস্থা কৰিব বুলি তেওঁ ভৰসা কৰাৰ প্ৰয়োজন আছিল। কিন্তু তেওঁ এইদৰে নকৰিলে আৰু নিজৰ সীমা পাৰ কৰিলে। কিন্তু তেওঁক এনে কৰাৰ কোনো অধিকাৰ নাছিল। ইয়াৰ পৰিণাম কি হʼল? তেওঁ যিহোৱাৰ অনুমোদন হেৰুৱাই পেলায় আৰু ৰজাৰ পদৰপৰা তেওঁক আঁতৰুৱা হয়। (১ চমূ. ১৩:৮-১৪) আমি চৌলৰপৰা শিকিব পাৰোঁ যে আমি কেতিয়াও নিজৰ সীমা পাৰ কৰা উচিত নহয়।
w১৪ ৩/১৫ ৯ ¶৮
त्याग की भावना कै से बनाए रखें
8 राजा शाऊल की मिसाल हमारे लिए एक चेतावनी है कि कैसे हमारा स्वार्थी रवैया, हमारी त्याग की भावना को खत्म कर सकता है। जब शाऊल ने राज करना शुरू किया, तब वह नम्र था और खुद को हद-से-ज़्यादा अहमियत नहीं देता था। (1 शमू. 9:21) उसने नम्र होकर यह फैसला किया कि वह उन इसराएलियों को सज़ा नहीं देगा, जो उसके राज के बारे में बुरी-बुरी बातें कर रहे थे, हालाँकि ऐसा करके वे दरअसल उस अधिकार पर उँगली उठा रहे थे, जो परमेश्वर ने उसे दिया था। (1 शमू. 10:27) इसराएलियों को अम्मोनियों के खिलाफ जंग में जीत दिलाकर, राजा शाऊल ने परमेश्वर की पवित्र शक्ति के मार्गदर्शन को कबूल किया। इसके बाद, शाऊल ने नम्रता दिखाते हुए इस जीत का सारा श्रेय यहोवा को दिया।—1 शमू. 11:6, 11-13.
w৯৫ ১২/১৫ ১০ ¶১
अम्मोनी ऐसे लोग जिन्होंने कृ पा का बदला शत्रुता से दिया
एक बार फिर अम्मोनियों ने यहोवा की कृपा का बदला दुश्मनी से दिया। यहोवा ने इस धमकी को अनदेखा नहीं किया। “जब शाऊल ने [नाहाश का संदेश] सुना तो परमेश्वर की पवित्र शक्ति उस पर काम करने लगी और वह गुस्से से तमतमा उठा।” परमेश्वर की पवित्र शक्ति के निर्देशन में शाऊल ने 3,30,000 सैनिकों को इकट्ठा किया और उन्होंने अम्मोनियों को इस कदर तितर-बितर किया कि “उनमें से हर किसी को अकेले भागना पड़ा।”—1 शमूएल 11:6, 11.
আধ্যাত্মিক ৰত্ন বিচাৰক
প্ৰথম চমূৱেল কিতাপৰ আলোকপাত
৯:৯—“আজিকালি যাক ভাববাদী বোলা যায়, আগৰ কালত তেওঁক দৰ্শক বোলা গৈছিল” বুলি কোৱা বাক্যশাৰীৰ তাৎপৰ্য্যতা কি? এই বাক্যশাৰীয়ে নিৰ্দ্দেশিত কৰিছে যে ভৱিষ্যতবক্তা চমূৱেলৰ সময়ত ভাববাদীসকল অতি প্ৰসিদ্ধ আছিল আৰু ইস্ৰায়েলৰ ৰজাসকলৰ সময়ত “ভাববাদী” উক্তিটোৰ সলনি “দৰ্শক” বুলি কোৱা হৈছিল। ভাববাদীসকলৰ ভিতৰত চমূৱেলকেই প্ৰথমে “দৰ্শক” বুলি কোৱা হৈছিল।—পাঁচনিৰ কৰ্ম্ম ৩:২৪.
ভাষণ
w১৫ ৪/১৫ ৬-৭ ¶১৬-২০
আনন্দেৰে প্ৰশিক্ষণ দিয়া শিক্ষক আৰু ভাল বন্ধু হওক
১৬ সংকোচ নকৰাকৈ আনন্দেৰে প্ৰশিক্ষণ দিবলৈ সাজু থাকক। যেতিয়া চমূৱেলে গম পালে যে ইস্ৰায়েলীসকলে নিজৰ বাবে মানৱীয় ৰজা বিচাৰিছে, তেতিয়া তেওঁ প্ৰথমে নিৰাশ হৈ পৰিছিল। লোকসকলে তেওঁক অস্বীকাৰ কৰিলে বুলি ভাবিছিল। (১ চমূ. ৮:৪-৮) চমূৱেলে তেওঁলোকৰ বাবে মানৱীয় ৰজা পাতিব বিচৰা নাছিল, সেইবাবে যিহোৱাই তেওঁক লোকসকলৰ কথা শুনিবলৈ তিনিবাৰ কৈছিল। (১ চমূ. ৮:৭, ৯, ২২) যদিও চমূৱেলৰ মনত এনেধৰণৰ ভাবনা আহিছিল, তথাপি তেওঁ সেই ব্যক্তিৰ প্ৰতি খং পুহি ৰখা নাছিল, যিজনে তেওঁৰ সলনি নেতৃত্ব লʼব। সেইবাবে, যিহোৱাই চৌলক অভিষিক্ত কৰিবলৈ চমূৱেলক কৈছিল, তেতিয়া তেওঁ সংকোচ কৰা নাছিল। তেওঁ আনন্দেৰে যিহোৱাৰ আজ্ঞা পালন কৰিলে। তেওঁ এয়া দায়িত্ব হয় বুলি কৰা নাছিল, ইয়াৰ পৰিৱৰ্তে যিহোৱাক প্ৰেম কৰাৰ বাবেহে কৰিছিল।
১৭ আজি এনে বহুতো অভিজ্ঞতা থকা প্ৰাচীন আছে, যিসকলে চমূৱেলৰ উদাহৰণ অনুকৰণ কৰে। তেওঁলোকে প্ৰেমেৰে আনক প্ৰশিক্ষণ দিয়ে। (১ পিত. ৫:২) এই প্ৰাচীনসকলে আনক আনন্দেৰে প্ৰশিক্ষণ দিবলৈ সাজু থাকে আৰু বিদ্যাৰ্থীসকলক মণ্ডলীত কিছুমান দায়িত্ব দিয়ে। তেওঁলোকে সেই ভাইসকলক প্ৰতিযোগিতা কৰোতা বুলি নাভাবে, ইয়াৰ পৰিৱৰ্তে “সহকাৰী” বুলি ভাবে। ইয়াৰ লগতে তেওঁলোক মণ্ডলীৰ উপহাৰ হয় বুলি ভাবে। (২ কৰি. ১:২৪; ইব্ৰী ১৩:১৬) ত্যাগৰ ভাবনা দেখুৱা এই প্ৰাচীনসকলে এয়া দেখি আনন্দিত হয় যে বিদ্যাৰ্থীসকলে নিজৰ দক্ষতা ব্যৱহাৰ কৰি যিহোৱাৰ লোকসকলক সহায় কৰে।—পাঁচ. ২০:৩৫.
১৮ কেৱল শিক্ষক নহয়, বন্ধু হওক। যেতিয়া চমূৱেলে চৌলক লগ পাইছিল, তেতিয়া তেওঁ লগে লগে চৌলৰ মূৰত তেল ঢালি ৰজা হিচাপে অভিষেক কৰিব পাৰিলেহেঁতেন। এইদৰে কৰা হʼলে নতুন ৰজাৰ অভিষেক হʼলহেঁতেন, কিন্তু তেওঁ ঈশ্বৰৰ লোকসকলৰ নেতৃত্ব লʼবলৈ প্ৰস্তুত নহʼলহেঁতেন। চমূৱেলে এইদৰে কৰাৰ পৰিৱৰ্তে সময় উলিয়াই চৌলক নতুন দায়িত্বৰ বাবে প্ৰস্তুত কৰিলে। চৌলৰ অভিষেক কৰাৰ আগতে চমূৱেলে তেওঁৰ লগত আহাৰ খালে, ফুৰিবলৈ গʼল, বহুত দেৰিলৈকে তেওঁৰ লগত কথা পাতিলে আৰু অলপ সময় আৰামো কৰিলে। চমূৱেলে ৰজাক অভিষেক কৰিবলৈ সঠিক সময়মৰ অপেক্ষা কৰিলে।
১৯ এই কথা আজিও সঁচা হয়। আনক প্ৰশিক্ষণ দিয়াৰ আগতে এজন প্ৰাচীনে প্ৰথমে ভাল পৰিৱেশ গঢ়ি তুলিব লাগিব আৰু তেওঁৰ লগত বন্ধুত্ব কৰিবলৈ চেষ্টা কৰিব লাগিব। এজন প্ৰাচীনে বন্ধুত্বপূৰ্ণ পৰিৱেশ গঢ়ি তুলিবলৈ কি কৰিব, সেয়া তেওঁলোকৰ পৰিস্থিতি আৰু সংস্কৃতিৰ ওপৰত নিৰ্ভৰ কৰে। আপুনি যʼতেই নাথাকক কিয়, আপুনি যদি নিজৰ ব্যস্ততাৰ মাজৰ পৰা অলপ সময় উলিয়াই বিদ্যাৰ্থীৰ লগত সময় কটায়, তেনেহʼলে বিদ্যাৰ্থীৰ অনুভৱ হʼব যে আপুনি তেওঁক কিমান গুৰুত্ব দিয়ে। (ৰোমীয়া ১২:১০ পঢ়ক।) আপুনি বিদ্যাৰ্থীৰ প্ৰতি যি প্ৰেম দেখুৱাব, তাৰ বাবে তেওঁ আপোনাৰ প্ৰতি নিশ্চয় কৃতজ্ঞ হʼব।
২০ এজন সফল শিক্ষক সেইজন হয়, যিজনে প্ৰশিক্ষণ দি ভাল পায়, সেই কামক ভাল পায় আৰু প্ৰশিক্ষণ লোৱা ব্যক্তিজনকো ভাল পায়। (যোহন ৫:২০ পদৰ লগত তুলনা কৰক।) এয়া কিয় গুৰুত্বপূৰ্ণ? কিয়নো যদি বিদ্যাৰ্থীয়ে অনুভৱ কৰে যে আপুনি সঁচাকৈ তেওঁৰ যত্ন লয়, তেনেহʼলে তেওঁ আনন্দেৰে আপোনাৰ পৰা শিকিব বিচাৰিব। সেইবাবে প্ৰাচীনসকল, কেৱল প্ৰশিক্ষণ দিবলৈ নহয়, ভাল বন্ধু হʼবলৈও পৰিশ্ৰম কৰক।—হিতো. ১৭:১৭; যোহ. ১৫:১৫.
[ফুটনোটবোৰ]
a ফুটনোট: মৃত সাগৰৰ ওচৰত পোৱা নুৰা, হিব্ৰু মাচোৰা পাঠ (অৰ্থাৎ ‘হিব্ৰু শাস্ত্ৰৰ প্ৰাচীন হস্তলিপিবোৰ’)-তকৈ ১,০০০ বছৰ পুৰণি হয়। মাচোৰা পাঠৰ পৰাই নিউ ৱৰ্ল্ড ট্ৰান্চলেশ্ব্যান্ বাইবেল অনুবাদ কৰা হৈছে।