Vòchtavör ÒNLĀIN LAËPRËRĪ
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ÒNLĀIN LAËPRËRĪ
Nicobarese
  • PAIPÖL
  • LĪPÖRE
  • MINË MĪTING
  • lfb Lesön 17 p. 46-p. 47 par. 2
  • Katöllö Ngam Lōnre ang Môsös nö Ha-öinyö Yāvē

Öt ōt vitiō nö in ngih katöllö meh pāt.

Aṙēlen hī, öt taōnlōtngöre ön ngam vitiō.

  • Katöllö Ngam Lōnre ang Môsös nö Ha-öinyö Yāvē
  • Haköplö Hī Töpōiṙāi Aṅmat ngam Paipöl
  • Ātiköl Tö Sāḵta Ṙô Nö In Höö
  • Ṙānyö yik Kūön Israel ngam Tēv
    Tölöök Inhānga Aṅ Im Tēv—LAMÖÖ IN MEH
  • Minë Raneh Tölūöi Lānëlngö
    Haköplö Hī Töpōiṙāi Aṅmat ngam Paipöl
Haköplö Hī Töpōiṙāi Aṅmat ngam Paipöl
lfb Lesön 17 p. 46-p. 47 par. 2
फिरौन की बेटी को नन्हा मूसा मिलता है और मिरयम पास खड़ी देख रही है

Lesön 17

Katöllö Ngam Lōnre ang Môsös nö Ha-öinyö Yāvē

मिस्र में याकूब के परिवार को इसराएली कहा जाता था। याकूब और यूसुफ की मौत के बाद एक नया फिरौन राज करने लगा। उसे डर था कि इसराएली, मिस्र के लोगों से ज़्यादा ताकतवर हो जाएँगे। इसलिए उसने उन्हें गुलाम बना लिया। वह उनसे ज़बरदस्ती ईंटें बनवाता और खेतों में खूब मज़दूरी करवाता था। मिस्रियों ने इसराएलियों को बहुत सताया, फिर भी इसराएलियों की गिनती बढ़ती गयी। फिरौन को यह अच्छा नहीं लगा, इसलिए उसने हुक्म दिया कि अब से इसराएलियों के जो भी लड़के बच्चे होंगे उन्हें मार डाला जाए। क्या आप सोच सकते हैं, यह सुनकर इसराएली कितने डर गए होंगे?

योकेबेद नाम की एक इसराएली औरत का एक बेटा हुआ जो बहुत सुंदर था। उसने बच्चे को बचाने के लिए उसे एक टोकरी में रखा और टोकरी नील नदी के नरकटों यानी लंबी-लंबी घास के बीच छिपा दी। बच्चे की बहन मिरयम यह देखने के लिए पास खड़ी रही कि बच्चे के साथ क्या होगा।

फिरौन की बेटी नदी में नहाने आयी और उसने टोकरी देखी। उसने टोकरी में देखा कि एक बच्चा रो रहा है। उसे बच्चे पर दया आयी। मिरयम ने उससे पूछा, ‘क्या मैं जाकर किसी औरत को बुला लाऊँ ताकि वह इस बच्चे को दूध पिलाए और इसकी देखभाल करे?’ फिरौन की बेटी ने ‘हाँ’ कहा और मिरयम जाकर अपनी माँ योकेबेद को बुला लायी। फिरौन की बेटी ने योकेबेद से कहा, ‘इस बच्चे को ले जा और दूध पिलाकर इसकी देखभाल कर। मैं तुझे इसकी मज़दूरी दूँगी।’

मूसा भाग रहा है

जब बच्चा बड़ा हुआ तो योकेबेद उसे फिरौन की बेटी के पास ले गयी। फिरौन की बेटी ने उसका नाम मूसा रखा और उसे अपने बेटे की तरह पाला। मूसा राजकुमार की तरह बड़ा हुआ और वह जो चाहे पा सकता था। मगर वह यहोवा को कभी नहीं भूला। वह जानता था कि वह एक मिस्री नहीं बल्कि इसराएली है। उसने यहोवा की सेवा करने का फैसला किया।

जब मूसा 40 साल का हुआ तो उसने सोचा कि वह अपने लोगों की मदद करेगा। जब उसने देखा कि एक मिस्री आदमी एक इसराएली गुलाम को मार रहा है, तो उसने उस मिस्री आदमी को इतनी ज़ोर से मारा कि वह मर गया। मूसा ने उसकी लाश बालू में छिपा दी। जब फिरौन को पता चला तो उसने मूसा को मार डालने की कोशिश की। मगर मूसा भाग गया और मिद्यान देश चला गया। वहाँ यहोवा ने उसकी देखभाल की।

“विश्‍वास ही से मूसा ने . . . फिरौन की बेटी का बेटा कहलाने से इनकार कर दिया। और . . . परमेश्‍वर के लोगों के साथ दुख भोगने का चुनाव किया।”—इब्रानियों 11:24, 25

Intöönö: Asuh nuk inlanken yik tarik aṅ Israel nö i Aikup? Kūö yòh ök Môsös nö falngöre nö ṙā-ang Aikup?

Ranehlö 49:33; Maneutnyi 1:1-14, 22; 2:1-15; Inlahen 7:17-29; Heprāi 11:23-27

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