Vòchtavör ÒNLĀIN LAËPRËRĪ
Vòchtavör
ÒNLĀIN LAËPRËRĪ
Nicobarese
  • PAIPÖL
  • LĪPÖRE
  • MINË MĪTING
  • lfb Lesön 41 p. 100-p. 101 par. 2
  • Tāvit hēk Sôl

Öt ōt vitiō nö in ngih katöllö meh pāt.

Aṙēlen hī, öt taōnlōtngöre ön ngam vitiō.

  • Tāvit hēk Sôl
  • Haköplö Hī Töpōiṙāi Aṅmat ngam Paipöl
  • Ātiköl Tö Sāḵta Ṙô Nö In Höö
  • Katöllen Sôl ang Yēsū
    Haköplö Hī Töpōiṙāi Aṅmat ngam Paipöl
Haköplö Hī Töpōiṙāi Aṅmat ngam Paipöl
lfb Lesön 41 p. 100-p. 101 par. 2
दाविद चिल्लाकर शाऊल की छावनी के लोगों से बात कर रहा है

Lesön 41

Tāvit hēk Sôl

जब दाविद ने गोलियात को मार डाला तो राजा शाऊल ने उसे अपना सेनापति बना दिया। दाविद ने कई लड़ाइयाँ जीतीं और वह बहुत मशहूर हो गया। जब भी वह लड़ाई जीतकर घर लौटता तो औरतें खुशी से नाचतीं और यह गीत गाती थीं, “शाऊल ने मारा हज़ारों को, दाविद ने मारा लाखों को!” शाऊल दाविद से जलने लगा और उसे मार डालना चाहा।

दाविद सुरमंडल नाम का बाजा बहुत अच्छी तरह बजाता था। एक दिन जब वह शाऊल के लिए सुरमंडल बजा रहा था तो शाऊल ने अपना भाला ज़ोर से उसकी तरफ फेंका। दाविद झट-से हट गया और भाला दीवार पर जा लगा। इसके बाद भी शाऊल ने दाविद को मार डालने के लिए कई बार कोशिश की। आखिर में दाविद भाग गया और वीराने में छिपकर रहने लगा।

शाऊल सो रहा है और दाविद उसका भाला ले रहा है

शाऊल 3,000 सैनिकों को लेकर दाविद को ढूँढ़ने निकल पड़ा। मगर ऐसा हुआ कि वह उसी गुफा के अंदर गया जहाँ दाविद और उसके आदमी छिपे हुए थे। दाविद के आदमियों ने उससे फुसफुसाकर कहा, ‘शाऊल को मार डालने का यही मौका है।’ दाविद चुपके से शाऊल के पास गया और उसके कपड़े का एक टुकड़ा काट लिया। शाऊल को इसका पता भी नहीं चला। बाद में दाविद को यह सोचकर बहुत बुरा लगा कि उसने यहोवा के चुने हुए राजा का आदर नहीं किया। उसने अपने आदमियों को शाऊल पर हाथ उठाने नहीं दिया। उसने ज़ोर से चिल्लाकर शाऊल से कहा कि उसे शाऊल को मार डालने का मौका मिला था, मगर उसने ऐसा नहीं किया। क्या इसके बाद शाऊल का मन बदल गया?

नहीं, वह दाविद का पीछा करता रहा। एक रात दाविद और उसका भाँजा अबीशै चुपके से शाऊल की छावनी में घुस गए। शाऊल का अंगरक्षक अब्नेर भी सो रहा था। अबीशै ने कहा, ‘यह एक बढ़िया मौका है। तू कहे तो मैं उसे मार डालूँ?’ दाविद ने कहा, ‘शाऊल को यहोवा देख लेगा। हम बस उसका भाला और सुराही लेकर यहाँ से चल देते हैं।’

दाविद पास के एक पहाड़ पर चढ़ गया जहाँ से शाऊल की छावनी दिखायी देती थी। उसने चिल्लाकर कहा, ‘अब्नेर, तूने अपने मालिक की रक्षा क्यों नहीं की? उसकी सुराही और उसका भाला कहा हैं?’ शाऊल ने दाविद की आवाज़ पहचान ली। उसने दाविद से कहा, ‘तू चाहे तो मेरी जान ले सकता था, मगर तूने ऐसा नहीं किया। मैं जानता हूँ कि तू इसराएल का अगला राजा होगा।’ शाऊल अपने महल लौट गया। मगर शाऊल के परिवार के सब लोग दाविद से नफरत नहीं करते थे।

“जहाँ तक हो सके, सबके साथ शांति बनाए रखने की पूरी कोशिश करो। प्यारे भाइयो, बदला मत लो बल्कि क्रोध को मौका दो।”—रोमियों 12:18, 19

Intöönö:Kūö yòh ök Sôl nö hòṅ fëlngen Tāvit? Kūö yòh pöri ang Tāvit nö sōḵ nö nö fëlngen Sôl?

1 Samuěl 16:14-23; 18:5-16; 19:9-12; 23:19-29; 24:1-15; 26:1-25

    Ṙô Tarik Līpöre (2014-2025)
    Log Out
    Log In
    • Nicobarese
    • Söömhang
    • Prifrens
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • Köntisön hī öi Yūs
    • Praivēsī Pòlisī
    • Praivēsī Seting
    • JW.ORG
    • Log In
    Söömhang