Vòchtavör ÒNLĀIN LAËPRËRĪ
Vòchtavör
ÒNLĀIN LAËPRËRĪ
Nicobarese
  • PAIPÖL
  • LĪPÖRE
  • MINË MĪTING
  • lfb Lesön 24 p. 62-p. 63 par. 3
  • Öt Hateungö Kinlēḵngôre Anga-aṅ

Öt ōt vitiō nö in ngih katöllö meh pāt.

Aṙēlen hī, öt taōnlōtngöre ön ngam vitiō.

  • Öt Hateungö Kinlēḵngôre Anga-aṅ
  • Haköplö Hī Töpōiṙāi Aṅmat ngam Paipöl
  • Ātiköl Tö Sāḵta Ṙô Nö In Höö
  • Tö Hūkūö Kun Kiyôp
    Haköplö Hī Töpōiṙāi Aṅmat ngam Paipöl
Haköplö Hī Töpōiṙāi Aṅmat ngam Paipöl
lfb Lesön 24 p. 62-p. 63 par. 3
इसराएली सोने के बछड़े के चारों तरफ नाच-गा रहे हैं

Lesön 24

Öt Hateungö Kinlēḵngôre Anga-aṅ

यहोवा ने मूसा से कहा, ‘तू पहाड़ के ऊपर मेरे पास आ। मैं अपने नियम पत्थर की पटियाओं पर लिखकर तुझे दूँगा।’ मूसा पहाड़ के ऊपर गया और वहाँ 40 दिन और 40 रात रहा। उस दौरान यहोवा ने पत्थर की दो पटियाओं पर दस आज्ञाएँ लिखीं और वे पटियाएँ मूसा को दीं।

मूसा पत्थर की पटियाएँ ज़मीन पर पटक रहा है

कुछ समय बाद इसराएलियों को लगा कि मूसा उन्हें छोड़कर कहीं चला गया है। इसलिए उन्होंने हारून से कहा, ‘हमें रास्ता दिखाने के लिए कोई चाहिए। हमारे लिए एक देवता बना दे!’ हारून ने कहा, ‘ठीक है, तुम सब अपना सोना मुझे दो।’ उसने सोना पिघलाया और उससे एक बछड़े की मूरत बनायी। लोग कहने लगे, ‘यह बछड़ा हमारा परमेश्‍वर है। यही हमें मिस्र से बाहर ले आया था!’ वे सोने के बछड़े की पूजा करने लगे और त्योहार मनाने लगे। क्या ऐसा करना गलत था? जी हाँ, क्योंकि लोगों ने वादा किया था कि वे सिर्फ यहोवा की उपासना करेंगे। मगर अब उन्होंने वह वादा तोड़ दिया।

यहोवा यह सब देख रहा था। उसने मूसा से कहा, ‘नीचे लोगों के पास जा। उन्होंने मेरी बात नहीं मानी है और वे एक झूठे देवता को पूज रहे हैं।’ मूसा दोनों पटियाएँ हाथ में लेकर पहाड़ से नीचे उतरा।

जब मूसा लोगों के पास पहुँच रहा था तो उसे उनके गाने की आवाज़ सुनायी दी। उसने देखा कि वे नाच रहे हैं और बछड़े के आगे झुककर उसकी पूजा कर रहे हैं। मूसा को बहुत गुस्सा आया। उसने पटियाएँ नीचे ज़मीन पर पटक दीं और उनके टुकड़े-टुकड़े हो गए। उसने तुरंत उस मूरत का नाश कर दिया। फिर उसने हारून से पूछा, ‘आखिर लोगों ने तुझसे ऐसा क्या कहा कि तूने उनकी बातों में आकर ऐसा बुरा काम किया?’ हारून ने कहा, ‘मुझसे गुस्सा मत हो। तू जानता है कि ये कैसे लोग हैं। उन्हें एक देवता चाहिए था, इसलिए मैंने उनका सोना आग में डाला और उससे यह बछड़ा तैयार हो गया!’ हारून को ऐसा नहीं करना चाहिए था। मूसा वापस पहाड़ के ऊपर गया और उसने यहोवा से बिनती की कि वह लोगों को माफ कर दे।

यहोवा ने सिर्फ उन लोगों को माफ किया जो उसकी बात मानने को तैयार हुए। क्या आप समझ सकते हैं, इसराएलियों के लिए यहोवा की और उसके चुने हुए अगुवे मूसा की बात मानना कितना ज़रूरी था?

“जब-जब तू परमेश्‍वर से मन्‍नत माने, उसे पूरा करने में देर न करना क्योंकि वह मूर्ख से खुश नहीं होता, जो अपनी मन्‍नत पूरी नहीं करता। तू जो भी मन्‍नत माने उसे पूरा करना।”—सभोपदेशक 5:4

Intöönö: Asuh ök inlahen yik Israel ik sā Môsös nö yônlö nö ikui rôngö? Asuh ök inlahen Môsös ik sā ò ngaich nö yônti nö löktö kui rôngö?

Maneutnyi 24:12-18; 32:1-30;

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