Vòchtavör ÒNLĀIN LAËPRËRĪ
Vòchtavör
ÒNLĀIN LAËPRËRĪ
Nicobarese
  • PAIPÖL
  • LĪPÖRE
  • MINË MĪTING
  • lfb Lesön 34 p. 84-p. 85 par. 2
  • Mihôiṅ Hē Kitīön tö Më aṅ Mitiā

Öt ōt vitiō nö in ngih katöllö meh pāt.

Aṙēlen hī, öt taōnlōtngöre ön ngam vitiō.

  • Mihôiṅ Hē Kitīön tö Më aṅ Mitiā
  • Haköplö Hī Töpōiṙāi Aṅmat ngam Paipöl
  • Ātiköl Tö Sāḵta Ṙô Nö In Höö
  • Yī-ö Minṙöinylen—Haköplu Yin In Kītīön
    Chūökamahati Ameūkö Ngam Pūlngö Yāvē (Töhakööpö)—2023
  • “Kuṙòh I Ngih Kumlēḵ Man Kiröönngöre”
    Tinrīken Hī Kristīön Hēk La-en—Pustika Mumting 2021
Haköplö Hī Töpōiṙāi Aṅmat ngam Paipöl
lfb Lesön 34 p. 84-p. 85 par. 2
गिदोन और उसके आदमी नरसिंगे फूँक रहे हैं, मटके फोड़ रहे हैं, मशालें हिला रहे हैं और चिल्ला रहे हैं

Lesön 33

Mihôiṅ Hē Kitīön tö Më aṅ Mitiā

कुछ समय बाद इसराएली फिर से यहोवा से मुँह फेरकर झूठे देवताओं को पूजने लगे। तब मिद्यानी लोग आकर इसराएलियों के जानवर चुराने लगे और उनकी फसलें बरबाद करने लगे। ऐसा सात साल तक चलता रहा। मिद्यानियों से बचने के लिए इसराएली गुफाओं और पहाड़ों में छिप जाते थे। उन्होंने यहोवा से बहुत बिनती की कि वह उन्हें बचाए। इसलिए यहोवा ने अपना एक स्वर्गदूत गिदोन नाम के एक जवान आदमी के पास भेजा। स्वर्गदूत ने गिदोन से कहा, ‘यहोवा ने तुझे चुना है कि तू एक बहादुर सैनिक बने।’ गिदोन ने पूछा, ‘मैं इसराएल को कैसे बचा सकता हूँ? मैं तो कुछ भी नहीं हूँ।’

गिदोन को कैसे यकीन हुआ कि यहोवा ने उसे चुना है? उसने ज़मीन पर ऊन रखा और यहोवा से कहा, ‘अगर सुबह तक ऊन ओस से भीग जाए मगर आस-पास की ज़मीन सूखी रहे, तो मैं जान जाऊँगा कि तूने मुझे इसराएल को बचाने के लिए चुना है।’ अगली सुबह उसने देखा कि ऊन पूरी तरह भीगा हुआ है, जबकि आस-पास की ज़मीन सूखी है! फिर गिदोन ने परमेश्‍वर से कहा कि अगले दिन सुबह ऊन सूखी रहे और आस-पास की ज़मीन गीली हो जाए। ऐसा ही हुआ! अब गिदोन को यकीन हो गया कि यहोवा ने उसे चुना है। उसने अपने सैनिकों को इकट्ठा किया ताकि वे मिद्यानियों से लड़ सकें।

यहोवा ने गिदोन से कहा, ‘मैं इसराएलियों को जीत दिलाऊँगा। मगर तेरे सैनिक बहुत ज़्यादा हैं, इसलिए जीत के बाद तुम लोग सोचने लग सकते हो कि तुमने अपनी ताकत से लड़ाई जीती है। इसलिए जिन लोगों को डर लग रहा है उनसे कहो कि वे अपने-अपने घर चले जाएँ।’ तब 22,000 सैनिक घर लौट गए और 10,000 रह गए। यहोवा ने कहा, ‘अब भी तेरे सैनिक बहुत ज़्यादा हैं। उन्हें नदी के पास ले जा और उनसे पानी पीने के लिए कह। जो सैनिक पानी पीते वक्‍त नज़र रखते हैं कि कहीं दुश्‍मन तो नहीं आ रहे हैं, उन्हीं को रखना।’ सिर्फ 300 सैनिक पानी पीते वक्‍त चौकन्‍ना रहे। यहोवा ने वादा किया कि ये चंद लोग मिद्यान के 1,35,000 सैनिकों को हरा देंगे।

उस रात यहोवा ने गिदोन से कहा, ‘यही वक्‍त है मिद्यानियों पर हमला करने का!’ गिदोन ने अपने आदमियों को नरसिंगे और मटके दिए जिनके अंदर मशालें थीं। उसने उनसे कहा, “तुम मुझ पर ध्यान देना और जैसा मैं करूँ, ठीक वैसा करना।” गिदोन ने अपना नरसिंगा फूँका, मटका फोड़ा, जलती मशाल हिलायी और ज़ोर से चिल्लाया, “यहोवा की तलवार और गिदोन की तलवार!” तब उसके 300 आदमियों ने ऐसा ही किया। यह देखकर मिद्यानी डर गए और पागलों की तरह इधर-उधर भागने लगे। उनके बीच ऐसी गड़बड़ी मच गयी कि वे एक-दूसरे को मारने लगे। एक बार फिर यहोवा ने इसराएलियों को दुश्‍मनों पर जीत पाने में मदद दी।

घबराए हुए मिद्यानी सैनिक

“वह ताकत जो आम इंसानों की ताकत से कहीं बढ़कर है, हमें परमेश्‍वर की तरफ से मिली है, न कि यह हमारी अपनी है।”—2 कुरिंथियों 4:7

Intöönö: Sitih inlahen ang Yāvē nö kētö ṙinātö-ellōn Kitīön tö ò nö anga-aṅ tö katöllöng tö ò? Kūö yòh yik kumyung hol Kitīön nöng 300 tit ṙôken?

Kamhôka 6:1–16; 6:36–7:25; 8:28

    Ṙô Tarik Līpöre (2014-2025)
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