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Nicobarese
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  • MINË MĪTING
  • lfb Lesön 43 p. 104
  • Ngam Falen Racha Tāvit

Öt ōt vitiō nö in ngih katöllö meh pāt.

Aṙēlen hī, öt taōnlōtngöre ön ngam vitiō.

  • Ngam Falen Racha Tāvit
  • Haköplö Hī Töpōiṙāi Aṅmat ngam Paipöl
Haköplö Hī Töpōiṙāi Aṅmat ngam Paipöl
lfb Lesön 43 p. 104
भविष्यवक्‍ता नातान, राजा दाविद को उसके पाप के बारे में बता रहा है

Lesön 43

Ngam Falen Racha Tāvit

शाऊल की मौत के बाद दाविद राजा बना। वह 30 साल का था। राजा बनने के कुछ साल बाद, एक रात उसने महल की छत से एक खूबसूरत औरत को देखा। जब उसने उस औरत के बारे में पूछा तो पता चला कि उसका नाम बतशेबा है और वह उरियाह नाम के सैनिक की पत्नी है। दाविद ने बतशेबा को अपने महल में बुलवाया। उन्होंने एक-दूसरे के साथ संबंध रखे और बतशेबा गर्भवती हो गयी। दाविद ने अपना पाप छिपाने की कोशिश की। उसने अपने सेनापति से कहा कि वह उरियाह को लड़ाई में सबसे सामने खड़ा करे और बाकी सैनिक पीछे हट जाएँ। उरियाह लड़ाई में मारा गया। इसके बाद दाविद ने बतशेबा से शादी कर ली।

राजा दाविद माफी के लिए बिनती कर रहा है

यहोवा ये सारे बुरे काम देख रहा था। उसने क्या किया? उसने अपने भविष्यवक्‍ता नातान को दाविद के पास भेजा। नातान ने दाविद से कहा, ‘एक अमीर आदमी के पास बहुत-सी भेड़ें थीं, जबकि एक गरीब आदमी के पास सिर्फ एक छोटा-सा मेम्ना था जिसे वह बहुत प्यार करता था। उस अमीर आदमी ने गरीब आदमी का मेम्ना ले लिया।’ यह सुनकर दाविद को बहुत गुस्सा आया। उसने कहा, ‘उस अमीर आदमी को मार डालना चाहिए!’ नातान ने दाविद से कहा, ‘तू ही वह अमीर आदमी है!’ दाविद बहुत दुखी हो गया और उसने नातान से कहा, “मैंने यहोवा के खिलाफ पाप किया है।” उस पाप की वजह से दाविद और उसके परिवार पर बहुत-सी मुसीबतें आयीं। यहोवा ने दाविद को सज़ा दी, मगर उसे नहीं मार डाला क्योंकि वह एक ईमानदार और नम्र इंसान था।

दाविद, यहोवा के लिए एक मंदिर बनाना चाहता था। मगर यहोवा ने उसके बेटे सुलैमान को मंदिर बनाने के लिए चुना। दाविद ने कहा, ‘यहोवा का मंदिर बहुत शानदार होना चाहिए। सुलैमान अभी छोटा है, इसलिए मैं उसकी मदद करूँगा। मैं सारी तैयारियाँ करूँगा।’ उसने मंदिर बनाने के लिए अपना बहुत सारा पैसा दान किया। उसने हुनरमंद कारीगर ढूँढ़े। उसने सोना-चाँदी जमा किया, साथ ही सोर और सीदोन नाम की जगह से देवदार की लकड़ी मँगवायी। जब दाविद की मौत करीब थी तो उसने सुलैमान को मंदिर का नक्शा दिया। उसने सुलैमान से कहा, ‘यहोवा ने मुझसे कहा कि मैं तेरे लिए यह सब लिखूँ। यहोवा तेरी मदद करेगा। इसलिए तू डरना मत, हिम्मत रखना और काम पर लग जाना।’

दाविद, सुलैमान को मंदिर का नक्शा समझा रहा है

“जो अपने अपराध छिपाए रखता है वह सफल नहीं होगा, लेकिन जो इन्हें मान लेता है और दोहराता नहीं, उस पर दया की जाएगी।”—नीतिवचन 28:13

Intöönö: Asuh ök fālen Tāvit? Asuh ök inlahen tī Tāvit nö hayööken ngam kūönre Sòlòmön?

2 Samuěl 5:3, 4, 10; 7:1-16; 8:1-14; 11:1–12:14; 1 Kinṙötngö 22:1-19; 28:11-21; Salmai 51:1-19

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