Vòchtavör ÒNLĀIN LAËPRËRĪ
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ÒNLĀIN LAËPRËRĪ
Nicobarese
  • PAIPÖL
  • LĪPÖRE
  • MINË MĪTING
  • lfb Lesön 86 p. 200-p. 201 par. 1
  • Ha-aṅlën Lasörös ang Yēsū

Öt ōt vitiō nö in ngih katöllö meh pāt.

Aṙēlen hī, öt taōnlōtngöre ön ngam vitiō.

  • Ha-aṅlën Lasörös ang Yēsū
  • Haköplö Hī Töpōiṙāi Aṅmat ngam Paipöl
Haköplö Hī Töpōiṙāi Aṅmat ngam Paipöl
lfb Lesön 86 p. 200-p. 201 par. 1
लाज़र को ज़िंदा किया गया है और उसके साथ उसकी बहनें मरियम और मारथा हैं

Lesön 86

Ha-aṅlën Lasörös ang Yēsū

बैतनियाह नाम के गाँव में यीशु के तीन करीबी दोस्त रहते थे। वे थे लाज़र और उसकी दो बहनें, मरियम और मारथा। एक दिन जब यीशु यरदन के उस पार था तो मरियम और मारथा ने उसे एक ज़रूरी खबर भेजी: ‘लाज़र बहुत बीमार है। तू जल्दी आ जा!’ मगर यीशु फौरन नहीं गया। वह दो दिन वहीं रुका रहा और फिर उसने अपने चेलों से कहा, ‘चलो, हम बैतनियाह चलें। लाज़र सो रहा है और मैं उसे जगाने जा रहा हूँ।’ प्रेषितों ने कहा, ‘अगर लाज़र सो रहा है तो वह ठीक हो जाएगा।’ तब यीशु ने उन्हें साफ-साफ बताया, “लाज़र मर चुका है।”

जब यीशु बैतनियाह पहुँचा तब तक लाज़र को दफनाए चार दिन हो चुके थे। बहुत सारे लोग मारथा और मरियम को दिलासा देने आए थे। जब मारथा ने सुना कि यीशु आया है तो वह फौरन उससे मिलने गयी। उसने यीशु से कहा, “प्रभु, अगर तू यहाँ होता तो मेरा भाई न मरता।” यीशु ने उससे कहा, ‘तेरा भाई ज़िंदा हो जाएगा। मारथा, क्या तू इस बात पर यकीन करती है?’ मारथा ने कहा, ‘मुझे यकीन है कि जब मरे हुओं को ज़िंदा किया जाएगा तब वह ज़िंदा हो जाएगा।’ यीशु ने उससे कहा, “मरे हुओं को ज़िंदा करनेवाला और उन्हें जीवन देनेवाला मैं ही हूँ।”

फिर मारथा ने जाकर मरियम को बताया, ‘यीशु आया है।’ मरियम भागकर यीशु के पास गयी और उसके पीछे-पीछे लोगों की भीड़ भी गयी। मरियम यीशु के पैरों पर गिर पड़ी और रोती रही। उसने कहा, ‘प्रभु, अगर तू यहाँ होता तो आज हमारा भाई ज़िंदा होता!’ यीशु देख सकता था कि वह कितनी दुखी है और वह भी रो पड़ा। जब लोगों ने यीशु को रोते देखा तो उन्होंने कहा, ‘देखो, यीशु लाज़र से कितना प्यार करता था!’ मगर कुछ ने कहा, ‘उसने अपने दोस्त की जान क्यों नहीं बचायी?’ इसके बाद यीशु ने क्या किया?

यीशु कब्र के पास गया जिसके मुँह पर एक बड़ा-सा पत्थर रखा हुआ था। उसने हुक्म दिया, “पत्थर को हटाओ।” मगर मारथा ने कहा, ‘अब तक तो उसकी लाश में से बदबू आती होगी, क्योंकि चार दिन हो चुके हैं।’ फिर भी उन्होंने पत्थर हटा दिया और यीशु ने प्रार्थना की, ‘पिता, मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ कि तूने मेरी सुनी है। मैं जानता हूँ कि तू हमेशा मेरी सुनता है, फिर भी मैं इसलिए सबके सामने यह कह रहा हूँ ताकि ये लोग जान लें कि तूने मुझे भेजा है।’ फिर उसने ज़ोर से पुकारा, “लाज़र, बाहर आ जा!” फिर हैरान कर देनेवाली एक घटना घटी: लाज़र कब्र में से बाहर आ गया। वह अब भी मलमल के कपड़ों में लिपटा हुआ था। यीशु ने कहा, “इसे खोल दो और जाने दो।”

बहुत-से लोगों ने यह देखकर यीशु पर विश्‍वास किया। मगर कुछ लोगों ने जाकर फरीसियों को बताया कि यीशु ने क्या किया। तब से फरीसी लाज़र और यीशु, दोनों को मार डालने की कोशिश करने लगे। बारह प्रेषितों में से एक प्रेषित, यहूदा इस्करियोती ने चुपके से फरीसियों के पास जाकर पूछा, ‘अगर मैं यीशु को पकड़ने में तुम्हारी मदद करूँ तो तुम मुझे कितने पैसे दोगे?’ उन्होंने कहा कि वे उसे चाँदी के 30 सिक्के देंगे। तब से यहूदा यीशु को फरीसियों के हाथ पकड़वाने के लिए मौका ढूँढ़ने लगा।

“सच्चा परमेश्‍वर हमें बचानेवाला परमेश्‍वर है, सारे जहान का मालिक यहोवा मौत से बचाता है।”—भजन 68:20

Intöönö: Vënyö ngam inlahen Lāsörös ik sā nö ha-aṅlöng. Asuh ök inlahen yik feresī ik sā cha nö hang inlahen Lāsörös?

Mëtiv 26:14-16; Yôhan 11:1-53; 12:10

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