জীৱন আৰু পৰিচৰ্য্যা সভাৰ বাবে অধ্যয়ন পুস্তিকাৰ বৰ্ণনা
© 2023 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
মে’ ১-৭
ঈশ্বৰৰ বাক্যৰ পৰা অমূল্য জ্ঞান | ২ বংশাৱলি ১৭-১৯
“আনক যিহোৱাৰ দৃষ্টিৰে চাওক”
w১৭.০৩ ২৪-২৫ ¶৭
क्या हम बीते समय के राजाओं से सबक सीखेंगे?
7 अब आइए आसा के बेटे यहोशापात पर ध्यान दें। उसमें कई अच्छे गुण थे, जिस वजह से यहोवा उससे खुश था। जब उसने यहोवा पर भरोसा रखा, तो उसने कई अच्छे काम किए। लेकिन उसने कुछ गलत फैसले भी किए। जैसे, उसने अपने बेटे की शादी इसराएल के दुष्ट राजा अहाब की बेटी से करवायी। बाद में जब अहाब सीरिया से युद्ध करने जा रहा था, तो यहोशापात ने उसका साथ दिया, जबकि भविष्यवक्ता मीकायाह ने उसे खबरदार किया था कि ऐसा करना सही नहीं होगा। युद्ध में उसकी जान पर बन आयी थी। (2 इति. 18:1-32) जब वह यरूशलेम लौटा, तो भविष्यवक्ता येहू ने उससे कहा, “क्या तुझे एक दुष्ट की मदद करनी चाहिए और उन लोगों से प्यार करना चाहिए जो यहोवा से नफरत करते हैं?”—2 इतिहास 19:1-3 पढ़िए।
w১৫ ৮/১৫ ১১-১২ ¶৮-৯
यहोवा के अटूट प्यार पर मनन कीजिए
8 यहोवा हमें बताना चाहता है कि वह हमसे प्यार करता है और वह सिर्फ हमारी खामियाँ नहीं देखता बल्कि वह हममें अच्छाइयाँ ढूँढ़ता है। (2 इति. 16:9) आइए गौर करें कि कैसे उसने यहूदा के राजा यहोशापात की अच्छाइयों पर ध्यान दिया। यहोशापात इसराएल के राजा अहाब से मिल गया और उसने गिलाद के रामोत में अरामियों (सीरिया के लोगों) से युद्ध किया जो कि गलत फैसला था। हालाँकि 400 झूठे भविष्यवक्ताओं ने दुष्ट राजा अहाब से कहा कि वह युद्ध में जीत जाएगा, मगर यहोवा के सच्चे भविष्यवक्ता मीकायाह ने यहोशापात से कहा कि अगर वह युद्ध करेगा तो हार जाएगा। ठीक वैसा ही हुआ। राजा अहाब युद्ध में मारा गया और यहोशापात की जान बड़ी मुश्किल से बची। युद्ध के बाद यहोवा ने येहू के ज़रिए यहोशापात को उसकी गलती के लिए ताड़ना दी। मगर येहू ने राजा को यह भी बताया, “तुझ में कुछ अच्छी बातें पाई जाती हैं।”—2 इति. 18:4, 5, 18-22, 33, 34; 19:1-3.
9 कुछ साल पहले, यहोशापात ने हाकिमों, लेवियों और याजकों को हुक्म दिया था कि वे यहूदा के सभी शहरों में जाएँ और लोगों को यहोवा का कानून सिखाएँ। इस अभियान का इतना ज़बरदस्त असर हुआ कि आस-पास के देशों के लोग भी यहोवा से डरने लगे थे। (2 इति. 17:3-10) जी हाँ, यहोशापात ने अहाब का साथ देकर हालाँकि गलत फैसला लिया था, मगर यहोवा ने उसके वे अच्छे काम नज़रअंदाज़ नहीं किए जो उसने पहले किए थे। यह उदाहरण वाकई हमें बहुत दिलासा देता है क्योंकि कभी-कभी हम भी गलतियाँ करते हैं। लेकिन अगर हम दिलो-जान से यहोवा की सेवा करते रहें, तो वह हमेशा हमसे प्यार करता रहेगा और उन अच्छे कामों को नहीं भूलेगा जो हमने किए हैं।
আধ্যাত্মিক ৰত্ন বিচাৰক
w১৭.০৩ ২০ ¶১০-১১
সম্পূৰ্ণ হৃদয়েৰে যিহোৱাৰ সেৱা কৰক!
১০ আচাৰ পুত্ৰ যিহোচাফটে ‘তেওঁৰ পিতৃ আচাৰ পথত চলিলে।’ (২বং ২০:৩১, ৩২) কেনেকৈ বাৰু? নিজৰ পিতৃৰ দৰে তেওঁ লোকসকলক যিহোৱাৰ উপাসনা কৰি থাকিবলৈ উৎসাহিত কৰিলে। তেওঁ কিছুমান মানুহক যিহূদা নগৰত গৈ লোকসকলক ‘যিহোৱাৰ ব্যৱস্থা-পুস্তকখনৰ’ পৰা শিক্ষা দিবলৈ দায়িত্ব দিলে। (২বং ১৭:৭-১০) আনকি তেওঁ ইফ্ৰয়িমৰ পৰ্ব্বতীয়া অঞ্চলত থকা লোকসকলক লগ কৰিবলৈ উত্তৰৰ ৰাজ্যলৈও গʼল, যাতে ‘ঈশ্বৰ যিহোৱাৰ ফাললৈ তেওঁবিলাকক ওলোটাই আনিব’ পাৰে। (২বং ১৯:৪) যিহোচাফটে “সকলো মনে সৈতে যিহোৱাক বিচাৰিছিল।”—২বং ২২:৯.
১১ আজি যিহোৱাই গোটেই পৃথিৱীত তেওঁৰ বিষয়ে লোকসকলক শিকোৱাটো বিচাৰে। এই কামত আমি সকলোৱে ভাগ লʼব পাৰোঁ। আপুনি প্ৰতিমাহে লোকসকলক ঈশ্বৰৰ বাৰ্তা দিবলৈ লক্ষ্য ৰাখিছেনে? আপুনি লোকসকলক বাইবেলৰ বিষয়ে শিকাব বিচাৰেনে, যাতে তেওঁলোকেও যিহোৱাৰ উপাসনা কৰিব পাৰে? যদি আপুনি এনেধৰণৰ লক্ষ্য ৰাখিছে, তেনেহʼলে আপুনি ইয়াৰ বিষয়ে প্ৰাৰ্থনা কৰিব পাৰেনে? আপুনি পৰিশ্ৰম কৰিলে যিহোৱাই আপোনাৰ পৰিশ্ৰমত আশীৰ্বাদ দিব আৰু আপুনি বাইবেল অধ্যয়ন আৰম্ভ কৰিব পাৰিব। কাৰোবাৰ অধ্যয়ন কৰাবলৈ যদি আপোনাক আৰাম ত্যাগ কৰিবলগীয়া হয়, তথাপি আপুনি অধ্যয়ন কৰাবনে? যিহোচাফটে যিদৰে সত্য উপাসনা পুনৰ আৰম্ভ কৰিবলৈ লোকসকলক সহায় কৰিলে, ঠিক সেইদৰে সত্যত ঠাণ্ডা হৈ যোৱা ভাই-ভনীসকলক আপুনি সহায় কৰিব পাৰিবনে? প্ৰাচীনসকলে নিজৰ এলেকাত থকা বহিষ্কাৰ হোৱা সেই লোকসকলক লগ কৰে আৰু তেওঁলোকক সহায় কৰে, যিসকলে হয়তো এতিয়া বেয়া কৰিবলৈ এৰি দিলে।
মে’ ৮-১৪
ঈশ্বৰৰ বাক্যৰ পৰা অমূল্য জ্ঞান | ২ বংশাৱলি ২০-২১
“তোমালোকে নিজ ঈশ্বৰ যিহোৱাত বিশ্বাস কৰা”
w১৪ ১২/১৫ ২৩-২৪ ¶৮
इस मिटती दुनिया के विनाश का मिलकर सामना करना
8 राजा यहोशापात के दिनों में एक बहुत ही विशाल और ताकतवर सेना ने इसराएलियों को चारों तरफ से घेर लिया। (2 इति. 20:1, 2) इस पर इसराएलियों ने क्या किया? उन्होंने अपनी ताकत से उन्हें हराने की कोशिश नहीं की। इसके बजाय, उन्होंने यहोवा से प्रार्थना में मदद माँगी। (2 इतिहास 20:3, 4 पढ़िए।) अपने-अपने तरीके से इस समस्या का हल ढूँढ़ने के बजाय, “सब यहूदी अपने अपने बालबच्चों, स्त्रियों और पुत्रों समेत यहोवा के सम्मुख खड़े रहे।” (2 इति. 20:13) छोटे से लेकर बड़े तक, सभी ने मिलकर यहोवा पर भरोसा दिखाया और वही किया, जो उन्हें करने के लिए कहा गया था। किसी ने किसी का साथ नहीं छोड़ा। इसलिए यहोवा ने उन्हें दुश्मनों से बचाया। (2 इति. 20:20-27) परमेश्वर के लोगों ने मिलकर चुनौतियों का सामना करने की क्या ही बढ़िया मिसाल रखी!
বিয়াৰ পাছত যিহোৱাৰ সেৱা আৰু বেছিকৈ কৰক
৭ যিহোৱাই জহজীয়েল নামৰ লেবীৰ যোগেদি যিহোচাফটক এইদৰে কৈছিল, “তোমালোকে শাৰী হৈ থিয় দি থাকি, তোমালোকৰ লগত থকা যিহোৱাই কৰা নিস্তাৰ দেখিবা।” (২ বং. ২০:১৩-১৭) কোনো যুদ্ধ এইদৰে যুঁজ কৰা নহয়। কিন্তু তেওঁলোকে যি নিৰ্দেশনা পাইছিল, সেয়া যিহোৱাৰ ফালৰপৰা আছিল। সেইবাবে, যিহোচাফটে যিহোৱাৰ ওপৰত ভৰসা কৰিলে আৰু সেই সকলো নিৰ্দেশনা পালন কৰিলে। যিহোৱাই কোৱাৰ দৰেই যেতিয়া তেওঁ যুদ্ধলৈ গৈছিল, তেতিয়া তেওঁ সৈনিকসকলৰ আগত বীৰ যুদ্ধাসকলক থিয় কৰাৰ পৰিৱৰ্তে গায়কসকলক থিয় কৰাইছিল। যিহোৱাই শত্ৰুসকলক পৰাজিত কৰিলে আৰু এইদৰে তেওঁ নিজৰ প্ৰতিজ্ঞা পূৰ কৰিলে।—২ বং. ২০:১৮-২৩.
আধ্যাত্মিক ৰত্ন বিচাৰক
it-১ ১২৭১ ¶১-২
যিহোৰাম
যিহোৰামে শাসন কৰা সময়ছোৱাত তেওঁৰ ওপৰত বহুতো সমস্যা আহিল। প্ৰথমতে, ইদোমীয়াবিলাকে তেওঁৰ বিৰুদ্ধে বিদ্ৰোহ কৰিলে। তাৰ পাছত লিব্নায়ে যিহূদাৰ বিৰুদ্ধে গʼল। (২ৰাজা ৮:২০-২২) এলিয়াই যিহোৰামক এইদৰে সতৰ্ক কৰিলে, “এই কাৰণে, চোৱা, যিহোৱাই তোমাৰ প্ৰজা, তোমাৰ সন্তান, তোমাৰ তিৰোতা, আৰু সকলো সম্পত্তি মহা-আঘাতেৰে আঘাত কৰিব; আৰু তুমি নাড়ীৰ ৰোগত দিনে দিনে অতিশয় বেদনা পাবা; শেষত সেই ৰোগতে তোমাৰ নাড়ি-ভুৰু ওলাই পৰিব।”—২বং ২১:১২-১৫.
যিহোৰামৰ লগত এইদৰেই হʼল। যিহোৱাই আৰবীয়া আৰু পলেষ্টীয়াবিলাকক যিহূদা দেশত আক্ৰমণ কৰিবলৈ দিলে। তেওঁলোকে যিহোৰামৰ পত্নী আৰু পুতেকসকলক বন্দী বনাই লৈ গʼল। দুবছৰৰ পাছত তেওঁৰ ‘নাড়ী-ভুৰু ওলাই পৰিল’ আৰু কিছু সময়ৰ পাছত তেওঁৰ মৃত্যু হʼল।—২বং ২১:৭, ১৬-২০; ২২:১; ১বং ৩:১০, ১১.
মে’ ১৫-২১
ঈশ্বৰৰ বাক্যৰ পৰা অমূল্য জ্ঞান | ২ বংশাৱলি ২২-২৪
“সাহসেৰে কাম কৰা লোকক যিহোৱাই আশীৰ্বাদ দিয়ে”
w০৯ ১০/১ ২২ ¶১-২
बुरे दोस्तों की वजह से योआश ने यहोवा को छोड़ दिया
बहुत समय पहले की बात है। यरूशलेम नाम के शहर में हर कोई डरा हुआ था। इसी शहर में यहोवा परमेश्वर का मंदिर था। मगर वहाँ के लोग क्यों डरे हुए थे? क्योंकि वहाँ के राजा अहज्याह को मार डाला गया था। इसके बाद, उसकी माँ अतल्याह ने जो किया वह तो आप सोच भी नहीं सकते। उसने अहज्याह के बेटों को यानी अपने पोतों को मरवा डाला! क्या आप जानते हैं कि उसने ऐसा क्यों किया?— ताकि वह रानी बनकर राज कर सके।
लेकिन अतल्याह का एक पोता बच गया और उसे इस बारे में बिलकुल पता नहीं चला। उस बच्चे का नाम योआश था। क्या आप जानना चाहेंगे कि वह कैसे बचा?— योआश की एक बुआ थी यहोशेबा। यहोशेबा का पति यहोयादा महायाजक था और परमेश्वर के मंदिर में सेवा करता था। इसलिए उन दोनों ने मिलकर योआश को मंदिर में छिपाए रखा।
w০৯ ১০/১ ২২ ¶৩-৪
बुरे दोस्तों की वजह से योआश ने यहोवा को छोड़ दिया
छ: साल तक योआश मंदिर में रहा और किसी को इसकी भनक तक न पड़ी। वहाँ उसे परमेश्वर यहोवा और उसके नियमों के बारे में सिखाया गया। जब योआश 7 साल का हुआ तब यहोयादा उसे राजा बनाने की तैयारी करने लगा। क्या आप जानना चाहेंगे कि यहोयादा ने क्या किया? और योआश की दादी यानी दुष्ट रानी अतल्याह का क्या हुआ?—
उस ज़माने में राजाओं की रक्षा के लिए कुछ खास सिपाही होते थे। यहोयादा ने चुपके से इन सिपाहियों को इकट्ठा किया और बताया कि कैसे उसने और उसकी पत्नी ने मिलकर अहज्याह के बेटे को बचाया। तब वह योआश को उनके सामने लाया। सिपाहियों को यकीन हो गया कि योआश को ही राजा बनना चाहिए। और फिर उन्होंने उसे राजगद्दी दिलाने के लिए एक तरकीब बनायी।
यहोयादा, योआश को लोगों के सामने लाया और उसे ताज पहनाया। इसके बाद सब ‘ताली बजा-बजाकर कह उठे, “राजा जीता रहे!”’ इस दौरान सिपाही योआश के चारों तरफ खड़े थे, ताकि उस पर कोई हमला न कर सके। अतल्याह ने जब यह शोर सुना तो वह दौड़ी-दौड़ी आयी। उसने चिल्लाया: ‘यह मेरे खिलाफ एक साज़िश है!’ पर यहोयादा के हुक्म पर सिपाहियों ने अतल्याह को मौत के घाट उतार दिया।—2 राजा 11:1-16.
it-১ ৩৭৯ ¶৫
कब्र, दफनाने की जगह
महायाजक यहोयादा को “दाविदपुर में राजाओं की कब्र में” दफनाया गया। यह एक खास सम्मान की बात थी क्योंकि यहोयादा शाही खानदान का नहीं था। यहोयादा ही एक ऐसा व्यक्ति था जिसके बारे में बाइबल में बताया है कि उसे दफनाए जाने का इतना सम्मान मिला।—2इत 24:15, 16.
আধ্যাত্মিক ৰত্ন বিচাৰক
it-২ ১২২৩ ¶১৩
জখৰিয়া
১২. জখৰিয়াই মৃত্যুৰ সময়ত এইদৰে কৈছিল, “যিহোৱাই দৃষ্টি কৰি ইয়াৰ প্ৰতিশোধ লওক।” যেতিয়া অৰামীয়াসকলে যিহূদাত আক্ৰমণ কৰি বহুত হানি কৰিলে আৰু যেতিয়া যোৱাচক তেওঁৰ দুজন সেৱকে হত্যা কৰিলে, তেতিয়া এই ভৱিষ্যতবাণী পূৰ হʼল। এই সকলো ঘটনা ঘটাৰ কাৰণ হৈছে যোৱাচে ‘যিহোয়াদা পুৰোহিতৰ পুত্ৰবিলাকৰ ৰক্তপাত’ কৰিছিল।—২বং ২৪:১৭-২২, ২৫.
মে’ ২২-২৮
ঈশ্বৰৰ বাক্যৰ পৰা অমূল্য জ্ঞান | ২ বংশাৱলি ২৫-২৭
“যিহোৱাই তোমাক তাতকৈ অধিক দিব পাৰে”
it-১ ১২৬৬ ¶৬
यहोआश
यहूदा के राजा अमज्याह ने एदोमियों से लड़ने के लिए इसराएल के राजा यहोआश से 1,00,000 सैनिक किराए पर लिए। लेकिन फिर सच्चे परमेश्वर के एक सेवक के कहने पर अमज्याह ने उन सैनिकों को वापस भेज दिया। उन सैनिकों को अपना किराया यानी 100 तोड़े चाँदी तो मिल गयी थी मगर युद्ध में न जाने की वजह से उन्हें लूट का माल नहीं मिलता। इसलिए उन सैनिकों को बहुत गुस्सा आया। उस वक्त तो वे चुपचाप लौट गए मगर बाद में उन्होंने दक्षिण राज्य यहूदा के शहरों को लूट लिया।—2इत 25:6-10, 13.
যিহোৱা যে দয়ালু পৰীক্ষা কৰি চোৱা
১৬ যিহোৱাৰ বাবে ত্যাগ কৰক। ইয়াৰ অৰ্থ এয়া নহয় যে আমি যিহোৱাক আনন্দিত কৰিবলৈ নিজৰ সকলো ত্যাগ কৰিব লাগিব। (উপ. ৫:১৯, ২০) কিন্তু আমি যদি ত্যাগ কৰিব লাগিব বুলি ভয় কৰি যিহোৱাৰ সেৱা বেছিকৈ নকৰোঁ, তেনেহʼলে আমি যীচুৱে উদাহৰণত কোৱা ব্যক্তিৰ নিচিনা হʼম। সেই ব্যক্তিজনে নিজৰ বাবে বহুতো ভাল ভাল বস্তু গোটাইছিল, কিন্তু তেওঁ ঈশ্বৰক পাহৰি গৈছিল। (লূক ১২:১৬-২১ পঢ়ক।) ফ্ৰান্সৰ ভাই ক্ৰিষ্টিয়ানৰ উদাহৰণলৈ মন কৰক। তেওঁ এইদৰে কৈছে, “মই পৰিয়াল আৰু যিহোৱাক বেছি সময় দিব পৰা নাছিলোঁ।” কিন্তু পাছত তেওঁ আৰু তেওঁৰ পত্নীয়ে অগ্ৰগামী সেৱা কৰিবলৈ নিৰ্ণয় লয়। এই লক্ষ্যত উপনীত হʼবলৈ তেওঁলোকে নিজৰ চাকৰি এৰিবলগীয়া হʼল। পৰিয়ালৰ প্ৰয়োজনীয়তা পূৰ কৰিবলৈ তেওঁলোকে চাফ-চিকুণৰ কাম কৰিবলৈ ধৰিলে আৰু সৰলভাৱে জীৱন-যাপন কৰিবলৈ শিকিলে। তেওঁলোকে ইমানবোৰ ত্যাগ কৰাৰ পাছত আনন্দিত আছিলনে? ক্ৰিষ্টিয়ানে এইদৰে কৈছে, “আমি বহুত আনন্দিত আছোঁ। এতিয়া আমি যিহোৱাৰ সেৱাত বেছিকৈ সময় অতিবাহিত কৰিব পাৰোঁ আৰু আমাৰ ওচৰত বহুতো পুনৰ সাক্ষাৎ আছে। আমাৰ বাইবেল বিদ্যাৰ্থীসকলে যিহোৱাৰ বিষয়ে শিকি আছে আৰু এয়া দেখি আমি বৰ আনন্দ লাভ কৰোঁ।”
আধ্যাত্মিক ৰত্ন বিচাৰক
w০৭ ১২/১৫ ১০ ¶১-২
আপোনাক শিকোৱা আৰু উন্নতি কৰিবলৈ সহায় কৰা এনে কোনো সত্য খ্ৰীষ্টান আছেনে?
উজ্জিয়া ১৬ বছৰ বয়সত দক্ষিণ ৰাজ্য যিহূদাৰ ৰজা হৈছিল। তেওঁ ৫০-তকৈ বেছি বছৰ শাসন কৰিলে। আৰম্ভণিৰে পৰা তেওঁ “যিহোৱাৰ দৃষ্টিত যি ন্যায়, তাকে কৰিলে।” তেওঁ এইদৰে কেনেকৈ কৰিব পাৰিলে? বাইবেলত লিখা আছে যে “জখৰিয়াৰ জীৱনৰ কালত, [উজ্জিয়া] ঈশ্বৰক বিচাৰ কৰি থাকিল; তেওঁ যিমান কাল যিহোৱাক বিচাৰ কৰিলে, সিমান কাল ঈশ্বৰে তেওঁক কৃতকাৰ্য্য হবলৈ দিলে।”—২বং ২৬:১, ৪, ৫.
ৰজাৰ পৰামৰ্শদাতা জখৰিয়াৰ বিষয়ে বেছি উল্লেখ নাই। বাইবেলত কেৱল ইমানেই কোৱা হৈছে যে তেওঁ উজ্জিয়াক ‘ঈশ্বৰক বিচাৰি’ থাকিবলৈ শিকাইছিল। ইয়াৰ পৰা জানিব পাৰি যে ডেকা ৰজা উজ্জিয়াৰ ওপৰত জখৰিয়াৰ ভাল প্ৰভাৱ পৰিল আৰু তেওঁৰ পৰা ৰজাই ভাল কাম কৰিবলৈ শিকিলে। দ্যা এক্সপাজিটৰ্ছ বাইবেল কিতাপত লিখা আছে যে জখৰিয়াৰ ‘হয়তো শাস্ত্ৰৰ ভাল জ্ঞান আছিল। তেওঁৰ বহুতো অভিজ্ঞতা আছিল আৰু তেওঁৰ ওচৰত যি জ্ঞান আছিল, সেয়া আনকো জনাইছিল।’ বাইবেলৰ এজন বিদ্বানে জখৰিয়াৰ বিষয়ে এইদৰে কৈছে, ‘তেওঁ এজন ভাল ব্যক্তি আৰু বহুত বুদ্ধিমান আছিল। তেওঁ ঈশ্বৰলৈ ভয় ৰাখিছিল আৰু ভৱিষ্যতবাণীবোৰৰ বিষয়ে বহুতো কথা জানিছিল। তেওঁ হয়তো উজ্জিয়াৰ জীৱনত গভীৰভাৱে প্ৰভাৱ পেলাইছিল।’
মে’ ২৯–জুন ৪
ঈশ্বৰৰ বাক্যৰ পৰা অমূল্য জ্ঞান | ২ বংশাৱলি ২৮-২৯
“মা-দেউতাই ভাল উদাহৰণ নাৰাখিলেও আপুনি যিহোৱাৰ সেৱা কৰিব পাৰে”
w১৬.০২ ১৪-১৫ ¶৮
यहोवा के करीबी दोस्तों की मिसाल पर चलिए
8 हिजकियाह, रूत के जैसे माहौल में नहीं पला-बढ़ा था। वह एक ऐसे राष्ट्र में पैदा हुआ था जो पहले से परमेश्वर को समर्पित था। लेकिन सभी इसराएली वफादार नहीं रहे। हिजकियाह का पिता राजा आहाज बड़ा दुष्ट था। उसने परमेश्वर के मंदिर का अनादर किया था। उसने लोगों से दूसरे देवताओं की उपासना करवायी। आहाज ने अपने कुछ बेटों यानी हिजकियाह के भाइयों को झूठे देवता को बलि चढ़ाने के लिए आग में ज़िंदा ही जला दिया था। कितना बुरा बचपन रहा उसका!—2 राजा 16:2-4, 10-17; 2 इति. 28:1-3.
w১৬.০২ ১৫-১৬ ¶৯-১১
यहोवा के करीबी दोस्तों की मिसाल पर चलिए
9 आहाज जिस बुरी राह पर चल रहा था, उसकी वजह से हिजकियाह, यहोवा के खिलाफ कड़वाहट से भर सकता था या उससे चिढ़ने लग सकता था। आज कई ऐसे लोग हैं जिन्होंने हिजकियाह के जितनी तो नहीं, पर थोड़ी-बहुत मुश्किलों का सामना किया है, फिर भी वे सोचते हैं कि उनके पास ‘यहोवा से चिढ़ने’ या उसके संगठन के खिलाफ कड़वाहट से भर जाने का वाजिब कारण है। (नीति. 19:3) कुछ लोगों को लगता है कि उनकी जिस माहौल में परवरिश हुई, शायद उसी वजह से वे मजबूरन बुरी राह पर चल पड़े हैं या वही गलतियाँ करते हैं जो उनके माँ-बाप ने की थीं। (यहे. 18:2, 3) लेकिन क्या ऐसा सोचना सही है?
10 हिजकियाह की ज़िंदगी से पता चलता है कि इस सवाल का जवाब है, नहीं! यहोवा से चिढ़ने का कभी कोई वाजिब कारण नहीं हो सकता। वह किसी के साथ बुरा नहीं करता। (अय्यू. 34:10) और हाँ, यह सच है कि माता-पिता से बच्चे या तो अच्छे काम करना सीख सकते हैं या बुरे। (नीति. 22:6; कुलु. 3:21) लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि हमारी परवरिश जिस माहौल में हुई है उससे तय होगा कि हम अच्छे बनेंगे या बुरे। वह क्यों? क्योंकि यहोवा ने हमें आज़ाद मरज़ी दी है, यानी ऐसी काबिलीयत जिससे हम खुद चुन सकते हैं कि हम अच्छे काम करेंगे या बुरे। (व्यव. 30:19) हिजकियाह ने इस अनमोल तोहफे का कैसे इस्तेमाल किया?
11 हिजकियाह का पिता आहाज यहूदा देश का बहुत ही बुरा राजा था, मगर हिजकियाह बहुत ही अच्छा राजा बना। (2 राजा 18:5, 6 पढ़िए।) उसने फैसला कर लिया था कि वह अपने पिता की बुरी मिसाल पर नहीं चलेगा। इसके बजाय उसने यहोवा के वफादार सेवकों पर गौर किया, जैसे यशायाह, मीका और होशे। इन भविष्यवक्ताओं ने यहोवा की तरफ से उसे जो सलाह या हिदायतें दीं, उन पर उसने पूरा ध्यान दिया। इसलिए उसने वे सारे बिगड़े काम सही करने की ठान ली, जो उसके पिता के किए-कराए थे। उसने मंदिर को शुद्ध करवाया, लोगों के पापों के लिए परमेश्वर से माफी माँगी और पूरे देश से मूर्तियों का नामो-निशान मिटा दिया। (2 इति. 29:1-11, 18-24; 31:1) जब अश्शूर का राजा सन्हेरीब यरूशलेम पर हमला करनेवाला था, तब हिजकियाह ने बड़ी हिम्मत से काम लिया और ज़बरदस्त विश्वास दिखाया। उसने बचाव के लिए यहोवा पर भरोसा रखा और अपने लोगों का हौसला मज़बूत किया। (2 इति. 32:7, 8) बाद में हिजकियाह घमंडी हो गया, लेकिन जब यहोवा ने उसको सुधारा तो उसने खुद को नम्र किया। (2 इति. 32:24-26) सचमुच हिजकियाह हमारे लिए क्या ही बढ़िया मिसाल है! वह जिस परिवार में पला-बढ़ा था, उसकी वजह से उसने अपनी ज़िंदगी बरबाद नहीं होने दी, बल्कि उसने दिखाया कि वह यहोवा का दोस्त है।
আধ্যাত্মিক ৰত্ন বিচাৰক
w১২ ২/১৫ ২৪-২৫
নাথন—শুদ্ধ উপাসনাৰ বিশ্বাসী সমৰ্থক
যিহোৱাৰ বিশ্বাসী সেৱক হিচাপে নাথনে উৎসাহেৰে এই পৃথিৱীত শুদ্ধ উপাসনাৰ বাবে প্ৰথম মন্দিৰ বনাবলৈ দায়ূদৰ পৰিকল্পনাত সমৰ্থন দিছিল। কিন্তু সেই সময়ত নাথনে যি কৈছিল, সেয়া যিহোৱাৰ ইচ্ছা অনুসৰি নাছিল। যিহোৱাই সেই ৰাতিয়েই ৰজাক বেলেগ এটা বাৰ্তা দিবলৈ নিজৰ ভৱিষ্যতবক্তাক কʼলে। সেই বাৰ্তাটো আছিল যে যিহোৱাৰ বাবে মন্দিৰ দায়ূদে নহয় তেওঁৰ পুত্ৰই বনাব। ইয়াৰ উপৰিও নাথনে এয়াও ঘোষণা কৰিলে যে ঈশ্বৰে প্ৰতিশ্ৰুতি কৰিছে যে দায়ূদৰ ৰাজসিহাংসন “চিৰস্থায়ী হব।”—২চমূ ৭:৪-১৬.
যদিও মন্দিৰ বনোৱাৰ ক্ষেত্ৰত যিহোৱাই নাথনৰ পৰামৰ্শতকৈ একেবাৰে বেলেগ পৰামৰ্শ দিলে, কিন্তু এই নম্ৰ ভৱিষ্যতবক্তাই কোনো আপত্তি নকৰাকৈ যিহোৱাৰ নিৰ্দেশনা মানিলে আৰু তেওঁৰ উদ্দেশ্যৰ অনুসৰি কাম কৰিলে। যিহোৱাই আমাক শুধৰণি কৰিলে আমিও নাথনৰ ভাল উদাহৰণ অনুকৰণ কৰা উচিত। নাথনৰ ওপৰত যিহোৱাৰ অনুমোদন আছিল, কাৰণ বাইবেলত কোৱা হৈছে যে তেওঁ যিহোৱাৰ ভৱিষ্যতবক্তা হিচাপে সেৱা কৰি থাকিল। হয়তো আগলৈ মন্দিৰত সেৱা কৰিবলৈ ৪০০০ সংগীতজ্ঞৰ ব্যৱস্থা কৰাৰ নিৰ্দেশনা দায়ূদক দিবলৈ যিহোৱাই দৰ্শক গাদৰ লগতে নাথনকো অনুপ্ৰাণিত কৰিলে। —১বং ২৩:৬; ২বং ২৯:২৬.
জুন ৫-১১
ঈশ্বৰৰ বাক্যৰ পৰা অমূল্য জ্ঞান | ২ বংশাৱলি ৩০-৩১
“একগোট হʼলে আমাৰ লাভ হয়”
it-১ ১১০৩ ¶২
हिजकियाह
सच्ची उपासना के लिए जोश: हिजकियाह 25 साल की उम्र में राजा बना। इसके तुरंत बाद उसने कुछ कदम उठाए जो दिखाता है कि उसमें यहोवा की उपासना के लिए बहुत जोश था। सबसे पहले उसने मंदिर दोबारा खुलवाया और उसकी मरम्मत करवायी। फिर उसने याजकों और लेवियों को इकट्ठा किया और उनसे कहा, “मेरी दिली तमन्ना है कि मैं इसराएल के परमेश्वर यहोवा के साथ एक करार करूँ।” यह करार एक वादा था कि सब लोग यहोवा के वफादार रहेंगे। हालाँकि कानून का करार था पर लोग उसकी शर्तें पूरी नहीं कर रहे थे। इसलिए वफादार रहने का करार करके हिजकियाह ने फिर से यहूदा में कानून का करार लागू करवाया। उसने बड़े उत्साह से लेवियों, संगीतकारों और गायकों को मंदिर में संगठित किया। वह नीसान का महीना था जब फसह मनाया जाना था। मगर मंदिर, याजक और लेवी अशुद्ध थे। नीसान महीने के 16वें दिन तक मंदिर शुद्ध किया गया। फिर एक खास तरीके से पूरे इसराएल के पापों का प्रायश्चित किया गया। पहले हाकिमों ने बलिदान चढ़ाए और उसके बाद लोगों ने हज़ारों होम-बलियाँ चढ़ायीं।—2इत 29:1-36.
it-১ ১১০৩ ¶৩
हिजकियाह
अशुद्ध होने की वजह से लोग तय समय पर फसह नहीं मना सकते थे। लेकिन एक कानून था कि अगर कोई अशुद्ध हो जाता है, तो वह एक महीने बाद फसह मना सकता है। हिजकियाह ने इसी कानून का फायदा उठाकर एक महीने बाद फसह का त्योहार रखा। उसने दूतों के हाथ चिट्ठियाँ भिजवाकर न सिर्फ अपने राज्य यहूदा के लोगों को बल्कि दस गोत्रोंवाले उत्तरी राज्य इसराएल के लोगों को भी त्योहार के लिए बुलाया। इसराएल के कई लोगों ने दूतों का मज़ाक उड़ाया। मगर कुछ लोगों ने खासकर आशेर, मनश्शे और जबूलून के लोगों ने खुद को नम्र किया और त्योहार में हाज़िर हुए। एप्रैम और इस्साकार के कुछ लोग भी इस त्योहार में हाज़िर हुए। इन सबके लिए त्योहार में आना और सच्ची उपासना के पक्ष में खड़े होना बेशक मुश्किल रहा होगा, क्योंकि इसराएल में लगभग सभी झूठी उपासना में डूबे हुए थे। जिस तरह दूतों का मज़ाक उड़ाया गया था त्योहार में हाज़िर होनेवाले इन लोगों का भी मज़ाक उड़ाया गया होगा और विरोध किया गया होगा। इनके अलावा ऐसे कई लोग भी त्योहार में हाज़िर थे जो इसराएली नहीं थे मगर यहोवा की उपासना करते थे।—2इत 30:1-20; गि 9:10-13.
it-১ ১১০৩ ¶৪-৫
हिजकियाह
फसह के बाद सात दिन के लिए बिन-खमीर की रोटी का त्योहार मनाया गया। लोग इतने खुश थे कि उन्होंने सात दिन और यह त्योहार मनाने का फैसला किया। बाइबल में लिखा है, “यरूशलेम में खूब जश्न मनाया गया क्योंकि इसराएल के राजा दाविद के बेटे सुलैमान के दिनों से लेकर अब तक यरूशलेम में ऐसा जश्न नहीं मनाया गया था।”—2इत 30:21-27.
इसके बाद लोगों ने जो किया उससे पता चलता है कि वे दिल से खुश थे। अपने घर लौटने से पहले उन्होंने न सिर्फ यहूदा और बिन्यामीन के इलाकों में बल्कि एप्रैम और मनश्शे के इलाकों में भी पूजा-स्तंभ चूर-चूर कर दिए, ऊँची जगह और वेदियाँ ढा दीं और पूजा-लाठें काट डालीं। (2इत 31:1) ऐसा करने में हिजकियाह ने एक मिसाल रखी। उसने ताँबे का वह साँप चूर-चूर कर दिया, जो मूसा ने बनवाया था और जिसकी लोग पूजा कर रहे थे। (2रा 18:4) इस पूरी घटना से वाकई में सच्ची उपासना बहाल हुई। बड़े पैमाने में त्योहार मनाने के बाद हिजकियाह ने कुछ कदम उठाए ताकि लोग सच्ची उपासना करते रहें। जैसे, उसने याजकों और लेवियों को संगठित किया। उसने यह भी इंतज़ाम किया कि लोग दान करते रहें ताकि याजक और लेवी अपनी सेवा करते रह सकें।—2इत 31:2-12.
আধ্যাত্মিক ৰত্ন বিচাৰক
w১৮.০৯ ৬ ¶১৪-১৫
তোমালোকে এয়া পালন কৰিলে সুখী হʼবা
১৪ আমি নম্ৰ হয় বুলি দেখুৱাৰ আন এটা উপায় হৈছে আনৰ কথা মনোযোগেৰে শুনা। যাকোব ১:১৯ পদত লিখা হৈছে যে আমি “শুনিবলৈ খৰ” হোৱা উচিত। এই ক্ষেত্ৰত আটাইতকৈ ভাল উদাহৰণ হৈছে যিহোৱা। (আদি ১৮:৩২; যিহো ১০:১৪) যাত্ৰাপুস্তক ৩২:১১-১৪ পদত উল্লেখ থকা যিহোৱা আৰু মোচিৰ কথা-বতৰালৈ মন কৰক। (পঢ়ক।) যদিও যিহোৱাক মোচিৰ মতামতৰ জনাৰ প্ৰয়োজন নাছিল, তথাপি তেওঁ মোচিক নিজৰ কথা কʼবলৈ সুযোগ দিলে। আপুনি এনে এজন ব্যক্তিৰ কথা শুনিবনে আৰু তেওঁৰ কথা মানিবনে, যাৰ চিন্তাধাৰা আগতে সঠিক নাছিল? কিন্তু যিহোৱাই মোচিৰ কথা শুনিলে। যিহোৱাই সকলো মানুহৰ কথা মনোযোগেৰে শুনে আৰু যিসকলে সম্পূৰ্ণ বিশ্বাসেৰে তেওঁলৈ প্ৰাৰ্থনা কৰে, সেই সকলোৰে লগত তেওঁ ধৈৰ্য্যেৰে ব্যৱহাৰ কৰে।
১৫ নিজকে সোধক, ‘যিহোৱা ইমানেই নম্ৰ যে তেওঁ অব্ৰাহাম, ৰাহেল, মোচি, যিহোচূৱা, মানোহ, এলিয়া, হিষ্কিয়া নিচিনা লোকৰ কথা যদি তেওঁ শুনে, তেনেহʼলে ময়ো এইদৰে কৰা উচিত নহয়নে? সকলো ভাইসকলে দিয়া উপায় শুনি আৰু তাক পালন কৰি মই তেওঁলোকক আৰু বেছিকৈ আদৰ কৰিব পাৰোঁনে? মণ্ডলীত বা পৰিয়ালত এনে কোনো ব্যক্তি আছেনে, যাক মই আৰু বেছিকৈ ধ্যান দিয়াৰ প্ৰয়োজন আছে? এই ক্ষেত্ৰত মই কি কৰিবলৈ নিৰ্ণয় লৈছোঁ?’—আদি ৩০:৬; বিচা ১৩:৯; ১ৰাজা ১৭:২২; ২বং ৩০:২০.
জুন ১২-১৮
ঈশ্বৰৰ বাক্যৰ পৰা অমূল্য জ্ঞান | ২ বংশাৱলি ৩২-৩৩
“কঠিন পৰিস্থিতিত ভাই-ভনীসকলৰ সাহস বঢ়াওক”
it-১ ২০৪ ¶৫
अश्शूर
सनहेरिब: हिजकियाह ने अश्शूर के राजा सनहेरीब से बगावत की। (2रा 18:7) इस पर सनहेरीब ने यहूदा पर हमला कर दिया और उसके 46 शहरों पर कब्ज़ा कर लिया। (यश 36:1, 2 से तुलना करें।) जब वह लाकीश में डेरा डाले हुए था, तो उसने हिजकियाह पर 30 तोड़े सोने और 300 तोड़े चाँदी का जुरमाना लगाया। (2रा 18:14-16; 2इत 32:1. यश 8:5-8 से तुलना करें।) हिजकियाह के जुरमाना भरने के बाद भी सनहेरीब ने अपना दूत भेजकर माँग की कि यरूशलेम के लोग अपना हथियार डाल दें।—2रा 18:17–19:34; 2इत 32:2-20.
w১৩ ১১/১৫ ১৯ ¶১২
सात चरवाहे, आठ प्रधान—आज हमारे लिए क्या मायने रखते हैं?
12 जब हमें लगता है कि हम किसी समस्या को नहीं सुलझा सकते, तो यहोवा हमें ज़रूरी मदद देने के लिए हमेशा तैयार रहता है। लेकिन वह यह भी चाहता है कि उस समस्या को सुलझाने के लिए हम अपनी तरफ से हर मुमकिन कोशिश करें। हिज़किय्याह जो कर सकता था, उसने किया। बाइबल कहती है कि उसने “अपने हाकिमों और वीरों के साथ” सलाह-मशविरा किया और साथ मिलकर उन्होंने फैसला किया कि वे “नगर के बाहर के सोतों को [“रोक,” हिंदी ईज़ी-टू-रीड वर्शन] दें; . . . फिर हिजकिय्याह ने हियाव बान्धकर शहरपनाह जहां कहीं टूटी थी, वहां वहां उसको बनवाया, और उसे गुम्मटों के बराबर ऊंचा किया और बाहर एक और शहरपनाह बनवाई, . . . और बहुत से तीर और ढालें भी बनवाईं।” (2 इति. 32:3-5) उस वक्त, अपने लोगों की हिफाज़त और चरवाहों की तरह देखभाल करने के लिए यहोवा ने हिज़किय्याह, उसके हाकिमों, यानी राजकुमारों और वफादार नबियों जैसे शूरवीरों का इस्तेमाल किया।
w১৩ ১১/১৫ ১৯ ¶১৩
सात चरवाहे, आठ प्रधान—आज हमारे लिए क्या मायने रखते हैं?
13 इसके बाद हिज़किय्याह ने जो कदम उठाया वह सोतों के पानी को रोकने या शहरपनाह को और मज़बूत करने से कहीं ज़्यादा अहमियत रखता था। हिज़किय्याह अपने लोगों की परवाह करनेवाला चरवाहा था, इसलिए उसने उन्हें इकट्ठा किया और यह कहकर उनका हौसला बढ़ाया: “तुम न तो अश्शूर के राजा से डरो . . . और न तुम्हारा मन कच्चा हो; क्योंकि जो हमारे साथ है, वह उसके संगियों से बड़ा है। अर्थात् उसका सहारा तो मनुष्य ही है; परन्तु हमारे साथ, हमारी सहायता और हमारी ओर से युद्ध करने को हमारा परमेश्वर यहोवा है।” यह सुनकर उनका विश्वास कितना बढ़ा होगा कि यहोवा अपने लोगों की तरफ से लड़ेगा! इसका नतीजा क्या हुआ? “यहूदा के राजा हिजकिय्याह [“के शब्दों से लोगों को आत्मबल मिला,” वाल्द-बुल्के अनुवाद]।” ध्यान दीजिए कि हिज़किय्याह “के शब्दों से” लोगों को हिम्मत मिली और उनका हौसला बढ़ा। हिज़किय्याह, उसके राजकुमार और शूरवीर, साथ ही भविष्यवक्ता मीका और यशायाह असरदार चरवाहे साबित हुए, ठीक जैसे यहोवा ने अपने भविष्यवक्ता के ज़रिए पहले से बताया था।—2 इति. 32:7, 8; मीका 5:5, 6 पढ़िए।
আধ্যাত্মিক ৰত্ন বিচাৰক
হৃদয়ৰপৰা অনুতাপ কৰাৰ অৰ্থ কি?
১১ যিহোৱাই দেখিলে যে ৰজা মনচিয়ে সঁচাকৈ নিজৰ মন সলনি কৰিলে। সেইবাবে, যিহোৱাই তেওঁক ক্ষমা কৰিলে আৰু পুনৰ তেওঁক ৰজা পাতিলে। ৰজা হোৱাৰ পাছত মনচিয়ে দেখুৱালে যে তেওঁ নিজৰ ভুলৰ বাবে অনুতাপ কৰিছে। তেওঁ সেই কাম কৰিলে, যি ৰজা আহাবে কৰা নাছিল। তেওঁ নিজকে সলনি কৰিলে। তেওঁ দেশৰপৰা মূৰ্তিপূজা শেষ কৰিবলৈ চেষ্টা কৰিলে আৰু সকলোকে যিহোৱাৰ সেৱা কৰিবলৈ উৎসাহিত কৰিলে। (২ বংশাৱলি ৩৩:১৫, ১৬ পঢ়ক।) এইদৰে কৰাটো তেওঁৰ বাবে সহজ নাছিল। কিয়নো যেতিয়া তেওঁ ডেকা আছিল, সেই সময়ত তেওঁ বহুতো বেয়া বেয়া কাম কৰিলে আৰু তেওঁ নিজৰ পৰিয়াল, মন্ত্ৰী আৰু লোকসকলৰ বাবে এটা বেয়া উদাহৰণ ৰাখিলে। কিন্তু বৃদ্ধ অৱস্থাত তেওঁ যিহোৱাৰ ওপৰত বিশ্বাস কৰিলে আৰু সাহসেৰে নিজৰ ভুলবোৰ শুধৰণি কৰিবলৈ চেষ্টা কৰিলে। এইদৰে কৰাৰ বাবে হয়তো তেওঁৰ নাতিয়েক যোচিয়াৰ ওপৰত ভাল প্ৰভাৱ পৰিল। কিয়নো যোচিয়া আগলৈ গৈ ভাল ৰজা হ’ল।—২ ৰাজা. ২২:১, ২.
১২ ৰজা মনচিৰ পৰা আমি কি শিকিলোঁ? তেওঁ নিজকে নম্ৰ কৰিলে, ইয়াৰ লগতে তেওঁ আৰু বহুতো পদক্ষেপ লʼলে। তেওঁ যিহোৱালৈ প্ৰাৰ্থনা কৰিলে, মিনতি কৰিলে, নিজকে সলনি কৰিলে আৰু নিজৰ ভুল শুধৰণি কৰিবলৈ চেষ্টা কৰিলে। তেওঁ যিহোৱাৰ উপাসনা কৰিলে আৰু আন লোকসকলকো যিহোৱাৰ উপাসনা কৰিবলৈ উৎসাহিত কৰিলে। ৰজা মনচিৰ উদাহৰণৰপৰা আমি শিকিলোঁ যে গম্ভীৰ পাপ কৰা লোকসকলকো যিহোৱাই ক্ষমা কৰে। কিয়নো তেওঁ “মঙ্গলময় আৰু ক্ষমাৱান” হয়। (গীত. ৮৬:৫) কিন্তু তেওঁলোকে নিজৰ ভুলৰ বাবে হৃদয়েৰে অনুতাপ কৰিব লাগিব।
জুন ১৯-২৫
ঈশ্বৰৰ বাক্যৰ পৰা অমূল্য জ্ঞান | ২ বংশাৱলি ৩৪-৩৬
“আপুনি ঈশ্বৰৰ বাক্যৰ পৰা সম্পূৰ্ণৰূপে লাভৱান হৈছেনে?”
it-১ ১১৫৭ ¶৪
हुल्दा
जब योशियाह ने कानून की किताब में लिखी बातें सुनीं तो वह उनके बारे में यहोवा से जानना चाहता था। इसलिए उसने कुछ आदमियों को भविष्यवक्तिन हुल्दा के पास भेजा। हुल्दा ने उन आदमियों को यहोवा का यह संदेश सुनाया कि जिन लोगों ने यहोवा की उपासना करना छोड़ दिया है उन पर वे सारी विपत्तियाँ आएँगी जो उस किताब में लिखी हैं। हुल्दा ने यह भी कहा कि योशियाह के जीते-जी लोगों पर ये विपत्तियाँ नहीं आएँगी क्योंकि उसने खुद को यहोवा के सामने नम्र किया है।—2रा 22:8-20; 2इत 34:14-28.
w০৯ ৬/১৫ ১০-১১ ¶২০
यहोवा के घर के लिए जोश दिखाइए
20 राजा योशिय्याह ने अपनी हुकूमत में मंदिर की मरम्मत का काम शुरू किया। इस दौरान महायाजक हिल्किय्याह को मंदिर में “मूसा के द्वारा दी हुई यहोवा की व्यवस्था की पुस्तक मिली।” उसने वह पुस्तक राजा के मंत्री शापान को दी और शापान ने उसमें लिखी बातें योशिय्याह को पढ़कर सुनायीं। (2 इतिहास 34:14-18 पढ़िए।) इसका क्या असर हुआ? दुख के मारे राजा ने अपने कपड़े फाड़े और कुछ आदमियों को यहोवा से पूछने के लिए भेजा कि अब उनका क्या होगा। वे लोग नबिया हुल्दा के पास गए जिसने यहोवा का यह पैगाम सुनाया कि वह यहूदा में हो रही झूठी उपासना से क्रोधित है और वह उस पूरे देश पर विपत्तियाँ लाने जा रहा है। लेकिन यहोवा ने मूर्तिपूजा मिटाने के योशिय्याह के अच्छे कामों को नज़रअंदाज़ नहीं किया। इस वजह से उसने वादा किया कि वह योशिय्याह को बख्श देगा। (2 इति. 34:19-28) इस घटना से हम क्या सीख सकते हैं? बेशक हमें भी योशिय्याह की तरह यहोवा के निर्देशन को फौरन मानना चाहिए। और इस बात पर गंभीरता से सोचना चाहिए कि अगर हम धीरे-धीरे सच्ची उपासना से दूर चले जाएँ और यहोवा के वफादार न रहें, तो उसके भयानक अंजाम हो सकते हैं। इसके अलावा, हम इस बात का भरोसा रख सकते हैं कि सच्ची उपासना के लिए हम जो जोश दिखाते हैं, उसे यहोवा नज़रअंदाज़ नहीं करता, ठीक जैसे उसने योशिय्याह के जोश को नज़रअंदाज़ नहीं किया था।
আধ্যাত্মিক ৰত্ন বিচাৰক
w১৭.০৩ ২৭ ¶১৫-১৭
আমি প্ৰাচীন সময়ৰ ৰজাসকলৰ পৰা শিকিমনে?
১৫ এতিয়া ৰজা যোচিয়াৰ পৰা আমি কি শিকিব পাৰোঁ? যোচিয়া এজন ভাল ৰজা আছিল, কিন্তু তেওঁ এটা ভুল কৰাৰ বাবে তেওঁৰ মৃত্যু হʼল। (২ বংশাৱলি ৩৫:২০-২২ পঢ়ক।) যোচিয়াই কি কৰিলে? তেওঁ বিনা কাৰণতে মিচৰৰ ৰজা নখোৰ লগত যুদ্ধ কৰিলে। নখোৱে যোচিয়াক কৈছিল যে তেওঁ যুদ্ধ কৰিব নিবিচাৰে। বাইবেলত লিখা আছে যে নখোৰ কথা “ঈশ্বৰৰ মুখৰ পৰা” আছিল। তথাপি যোচিয়াই নখোৰ লগত যুদ্ধ কৰিলে আৰু যোচিয়াৰ মৃত্যু হʼল। তেওঁ নখোৰ লগত কিয় যুদ্ধ কৰিলে? ইয়াৰ বিষয়ে বাইবেলত একো উল্লেখ নাই।
১৬ যোচিয়াই চালি-জাৰি চোৱাৰ প্ৰয়োজন আছিল যে নখোৱে যি কৈছে, সেয়া সঁচাকৈ যিহোৱাৰ ফালৰ পৰা হয়নে। তেওঁ এয়া কেনেকৈ কৰিব পাৰিলেহেঁতেন? তেওঁ যিহোৱাৰ ভৱিষ্যতবক্তা যিৰিমিয়াক সুধিব পাৰিলেহেঁতেন। (২বং ৩৫:২৩, ২৫) ইয়াৰ উপৰিও যোচিয়াই প্ৰমাণবোৰৰ ওপৰত ধ্যান দিয়াৰ প্ৰয়োজন আছিল। নখোৱে আচলতে যিৰূচালেমত নহয় আন এটা ৰাষ্ট্ৰ কৰ্কমীচত যুদ্ধ কৰিবলৈ গৈছিল। তেওঁ যিহোৱা বা যিহোৱাৰ লোকসকলৰ কোনো অপমান কৰা নাছিল। যুদ্ধ কৰাৰ আগতে যোচিয়াই এইবোৰ কথাৰ ওপৰত অলপো ধ্যান নিদিলে। ইয়াৰ পৰা আমি কি শিকোঁ? যেতিয়া কোনো সমস্যা আহে আৰু আমি নিৰ্ণয় লʼবলগা হয়, তেতিয়া আমি প্ৰথমে ভাবিব লাগিব যে সেই বিষয়ে যিহোৱাৰ ইচ্ছা কি।
১৭ যেতিয়া আমাক কোনো নিৰ্ণয় লʼবলগা হয়, তেতিয়া আমি প্ৰথমে ভবা উচিত যে সেই বিষয়ে বাইবেলত কি কি সিদ্ধান্ত দিয়া আছে আৰু তাৰ অনুসৰি কি কৰিলে ভাল হʼব। কেতিয়াবা কেতিয়াবা আমাক হয়তো প্ৰকাশনবোৰত আৰু অনুসন্ধান কৰিবলগীয়া হʼব পাৰে বা কোনো প্ৰাচীনৰ পৰা পৰামৰ্শ লʼবলগীয়া হʼব পাৰে। প্ৰাচীনে আমাক বাইবেলৰ আন কিছুমান সিদ্ধান্তৰ বিষয়ে কʼব পাৰে। এনে এজনী ভনীৰ বিষয়ে চিন্তা কৰক, যাৰ স্বামী সাক্ষী নহয়। এদিনাখন তাই প্ৰচাৰলৈ যাবলৈ ওলাইছে। (পাঁচ ৪:২০) কিন্তু সেইদিনাখন তাই প্ৰচাৰলৈ যোৱাটো তাইৰ স্বামীয়ে বিচৰা নাই। তেওঁ কয় যে বহু দিনৰ পৰা তেওঁলোকে একেলগে সময় অতিবাহিত কৰা নাই, সেইবাবে তেওঁ তাইক ফুৰাবলৈ নিব বিচাৰে। এতিয়া ভনীয়ে সঠিক নিৰ্ণয় লʼবলৈ নিজৰ পৰিস্থিতিৰ লগত জড়িত কিছুমান বাইবেলৰ পদৰ বিষয়ে চিন্তা কৰে। তাই জানে যে তাই যিহোৱাৰ আজ্ঞা পালন কৰা উচিত আৰু যীচুৰ আজ্ঞা অনুসৰি শিষ্য বনোৱা কাম কৰা উচিত। (মথি ২৮:১৯, ২০; পাঁচ ৫:২৯) কিন্তু তাই এয়াও জানে যে পত্নীয়ে স্বামীৰ অধীনত থকা উচিত আৰু ঈশ্বৰৰ সেৱকসকলে আনক সন্মান কৰা উচিত। (ইফি ৫:২২-২৪; ফিলি ৪:৫) এই সিদ্ধান্তবোৰ মনত ৰাখি তাই চিন্তা কৰিব পাৰে, ‘মোৰ স্বামীয়ে মোক প্ৰচাৰ কৰিবলৈ বাধা দিছে নে তেওঁ কেৱল আজি মোৰ লগত সময় অতিবাহিত কৰিব বিচাৰিছে?’ যিহোৱাৰ সেৱক হিচাপে আমি এনে নিৰ্ণয় লোৱা উচিত, যাৰ পৰা যিহোৱা আনন্দিত হয় আৰু আমি ভাবি-চিন্তি নিৰ্ণয় লওঁ বুলি প্ৰকাশ পায়।
জুন ২৬–জুলাই ২
ঈশ্বৰৰ বাক্যৰ পৰা অমূল্য জ্ঞান | ইজ্ৰা ১-৩
“যিহোৱাৰ সেৱাৰ বাবে নিজকে দি দিয়ক”
জখৰিয়াৰ দৰ্শন মনত ৰাখক
যিহূদীসকলে বহুবছৰৰপৰা বাবিলত দাসত্বত আছিল। কিন্তু এতিয়া যিহোৱা ঈশ্বৰে যিহূদীসকলক মুকলি কৰিবলৈ পাৰস্য ৰজা কোৰচক অনুপ্ৰাণিত কৰিলে। ৰজা কোৰচে ঠিক এইদৰে কৰিলে। তেওঁ এয়াও ঘোষণা কৰিলে যে যিহূদীসকলে নিজৰ দেশলৈ উভতি গৈ যিৰূচালেমত ‘ইস্ৰায়েলৰ ঈশ্বৰ যিহোৱাৰ গৃহ পুনৰায় নিৰ্ম্মণ কৰিব।’ (ইজ্ৰা ১:১, ৩) এয়া শুনি বহুতো যিহূদীয়ে আনন্দিত হʼল। এতিয়া তেওঁলোকে নিজৰ দেশলৈ উভতি যাব পাৰে আৰু পুনৰ নিজৰ ঈশ্বৰৰ উপাসনা কৰিব পাৰে।
w১৭.১০ ২৬ ¶২
रथ और ताज आपकी हिफाज़त करते हैं
2 जकरयाह जानता था कि यरूशलेम लौटनेवाले यहूदी यहोवा के वफादार उपासक थे। तभी जब उनके “मन को सच्चे परमेश्वर ने उभारा” तो वे बैबिलोन में अपना घर और कारोबार छोड़ने के लिए तैयार हो गए। (एज्रा 1:2, 3, 5) उन्होंने वहाँ अपनी पूरी ज़िंदगी बितायी थी, पर अब वे इसे छोड़कर ऐसे देश के लिए निकल पड़े जो उनमें से ज़्यादातर लोगों के लिए एक अनजान देश था। सोचिए, अगर यहोवा का मंदिर बनाना उनके लिए कोई मायने नहीं रखता, तो क्या वे 1,600 किलोमीटर का लंबा सफर तय करते? क्या वे पहाड़ी और ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर सफर करने का खतरा मोल लेते?
আধ্যাত্মিক ৰত্ন বিচাৰক
w০৬ ১/১৫ ১৮ ¶৮
ইজ্ৰা কিতাপখনৰ আলোকপাত
১:৩-৬. বাবিলতে থাকি যোৱা ইস্ৰায়েলীসকলৰ নিচিনা আজি যিহোৱাৰ বহুতো সাক্ষীয়ে পূৰ্ণ সময়ৰ সেৱা কৰিব নোৱাৰে বা প্ৰচাৰকৰ প্ৰয়োজন হোৱা ঠাইলৈ গৈ সেৱা কৰিব নোৱাৰে। তথাপি তেওঁলোকে এনেধৰণৰ সেৱা কৰা ভাই-ভনীসকলক সহায় কৰে আৰু তেওঁলোকক উৎসাহিত কৰে। ইয়াৰ উপৰিও তেওঁলোকে ৰাজ্যৰ প্ৰচাৰ আৰু শিষ্য বনোৱা কামক আগবঢ়াই নিবলৈ হৃদয় খুলি দান দিয়ে।