Vòchtavör ÒNLĀIN LAËPRËRĪ
Vòchtavör
ÒNLĀIN LAËPRËRĪ
Nicobarese
  • PAIPÖL
  • LĪPÖRE
  • MINË MĪTING
  • lfb Lesön 16 p. 44-p. 45 par. 5
  • Achīö ök Yōp?

Öt ōt vitiō nö in ngih katöllö meh pāt.

Aṙēlen hī, öt taōnlōtngöre ön ngam vitiō.

  • Achīö ök Yōp?
  • Haköplö Hī Töpōiṙāi Aṅmat ngam Paipöl
  • Ātiköl Tö Sāḵta Ṙô Nö In Höö
  • Köptī Töm Mineūka Aṅ In Yāvē
    Chūökamahati Ameūkö Ngam Pūlngö Yāvē (Töhakööpö)—2022
  • Köptī ang Yōp Töm Chaniplen re
    Tölöök Inhānga Aṅ Im Tēv—LAMÖÖ IN MEH
Haköplö Hī Töpōiṙāi Aṅmat ngam Paipöl
lfb Lesön 16 p. 44-p. 45 par. 5
अय्यूब के पूरे शरीर पर फोड़े हैं और उसे देखने तीन आदमी आए हैं

Lesön 16

Achīö ök Yōp?

ऊज़ देश में अय्यूब नाम का एक आदमी रहता था जो यहोवा की उपासना करता था। वह बहुत अमीर था और उसका एक बड़ा परिवार था। वह एक अच्छा आदमी था जो गरीबों की और ऐसी औरतों की भी मदद करता था जिनके पति की मौत हो चुकी थी। वह ऐसे बच्चों की भी मदद करता था जिनके माँ-बाप नहीं रहे। वह हमेशा सही काम करता था। तो क्या इस वजह से उस पर कभी कोई तकलीफ नहीं आयी?

शैतान

शैतान, अय्यूब को देख रहा था और यह बात अय्यूब नहीं जानता था। यहोवा ने शैतान से कहा, ‘क्या तूने मेरे सेवक अय्यूब पर ध्यान दिया? उसके जैसा धरती पर कोई नहीं है। वह मेरी बात मानता है और सही काम करता है।’ शैतान ने कहा, ‘अय्यूब तेरी बात क्यों नहीं मानेगा? तू तो हमेशा उसे बचाता है और आशीष देता है। तूने उसे ज़मीन और बहुत-से जानवर दिए हैं। उससे वह सब ले ले और फिर देखना, वह तेरी उपासना करना छोड़ देगा।’ यहोवा ने कहा, ‘तू चाहे तो अय्यूब की परीक्षा ले सकता है, मगर उसकी जान मत लेना।’ यहोवा ने शैतान को अय्यूब की परीक्षा लेने क्यों दी? क्योंकि उसे पूरा भरोसा था कि अय्यूब उसकी उपासना करना कभी नहीं छोड़ेगा।

शैतान, अय्यूब की परीक्षा लेने के लिए उस पर कई तकलीफें ले आया। सबसे पहले उसने सबाई लोगों को भेजा जो अय्यूब के गाय-बैलों और गधों को चुराकर ले गए। फिर अय्यूब की भेड़ों पर आग बरसी और वे सब मर गयीं। इसके बाद कसदी लोग आकर उसके ऊँटों को चुराकर ले गए। इन जानवरों की देखभाल करनेवाले सेवकों को भी मार डाला गया। इसके बाद अय्यूब पर सबसे बड़ी मुसीबत आयी। उसके सभी बच्चे जिस घर में खाना खा रहे थे वह उन पर गिर पड़ा और वे मर गए। अय्यूब बहुत दुखी हो गया, फिर भी उसने यहोवा की उपासना करना नहीं छोड़ा।

शैतान अय्यूब को और भी दुख देना चाहता था, इसलिए उसने ऐसा किया कि अय्यूब के पूरे शरीर पर फोड़े निकल आए। उसे बहुत दर्द सहना पड़ा। वह नहीं जानता था कि उसके साथ यह सब क्यों हो रहा है। फिर भी वह यहोवा की उपासना करता रहा। यह देखकर परमेश्‍वर अय्यूब से बहुत खुश हुआ।

इसके बाद शैतान ने अय्यूब की परीक्षा लेने के लिए उसके पास तीन आदमी भेजे। उन्होंने उससे कहा, ‘तूने ज़रूर चोरी-छिपे कोई पाप किया होगा, इसलिए परमेश्‍वर तुझे सज़ा दे रहा है।’ अय्यूब ने कहा, ‘मैंने कोई गलत काम नहीं किया है।’ मगर फिर वह सोचने लगा कि यहोवा उसे तकलीफें दे रहा है और उसने कहा कि परमेश्‍वर उसके साथ बुरा कर रहा है।

एलीहू नाम का एक जवान आदमी चुपचाप उनकी बात सुन रहा था। फिर उसने कहा, ‘तुम सबने जो कहा वह गलत है। यहोवा बहुत महान है। वह कभी कोई बुरा काम नहीं कर सकता। वह सबकुछ देखता है और लोगों को तकलीफें सहने में मदद देता है।’

अय्यूब और उसकी पत्नी और उनके पास एक छोटा बच्चा है

फिर यहोवा ने अय्यूब से बात की। उसने कहा, ‘जब मैंने आकाश और धरती बनायी तो तू कहाँ था? तू क्यों कहता है कि मैंने तेरे साथ बुरा किया है? तू नहीं जानता कि यह सब क्यों हो रहा है, फिर भी तू बोलता है।’ तब अय्यूब ने कहा, ‘मैंने जो कहा वह गलत है। मैंने तेरे बारे में सुना था, मगर अब मैंने तुझे सचमुच जाना है। तू जो चाहे वह कर सकता है। मैंने जो कहा उसके लिए मुझे माफ कर दे।’

जब अय्यूब की परीक्षा खत्म हुई तो यहोवा ने उसकी बीमारी ठीक कर दी और उसके पास पहले जो था उससे कहीं ज़्यादा उसे दिया। अय्यूब बहुत साल जीया और उसे ज़िंदगी में बहुत खुशियाँ मिलीं। उसने मुश्‍किल वक्‍त में भी यहोवा की बात मानी, इसलिए यहोवा ने उसे आशीष दी। क्या आप भी अय्यूब की तरह यहोवा की उपासना करते रहेंगे, फिर चाहे कोई भी तकलीफ आए?

“तुमने सुना है कि अय्यूब ने कैसे धीरज धरा था और यहोवा ने उसे क्या इनाम दिया था।”—याकूब 5:11

Intöönö: Sitih inlahen tī ang ngam Satān nö kalaha Yōp? Asuh nuk inkòlô Yōp kahëtö Yāvē?

Yōp 1:1–3:26; 4:7; 32:1-5; 34:5, 21; 35:2; 36:15, 26; 38:1-7; 40:8; 42:1-17

    Ṙô Tarik Līpöre (2014-2025)
    Log Out
    Log In
    • Nicobarese
    • Söömhang
    • Prifrens
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • Köntisön hī öi Yūs
    • Praivēsī Pòlisī
    • Praivēsī Seting
    • JW.ORG
    • Log In
    Söömhang