Vòchtavör ÒNLĀIN LAËPRËRĪ
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ÒNLĀIN LAËPRËRĪ
Nicobarese
  • PAIPÖL
  • LĪPÖRE
  • MINË MĪTING
  • lfb Lesön 39 p. 96
  • Ngam Ranëh Rācha aṅ Israel

Öt ōt vitiō nö in ngih katöllö meh pāt.

Aṙēlen hī, öt taōnlōtngöre ön ngam vitiō.

  • Ngam Ranëh Rācha aṅ Israel
  • Haköplö Hī Töpōiṙāi Aṅmat ngam Paipöl
  • Ātiköl Tö Sāḵta Ṙô Nö In Höö
  • Katöllen Sôl ang Yēsū
    Haköplö Hī Töpōiṙāi Aṅmat ngam Paipöl
  • Tāvit hēk Sôl
    Haköplö Hī Töpōiṙāi Aṅmat ngam Paipöl
Haköplö Hī Töpōiṙāi Aṅmat ngam Paipöl
lfb Lesön 39 p. 96
राजा शाऊल, शमूएल के बागे का छोर पकड़ लेता है और छोर फटकर अलग हो जाता है

Lesön 39

Ngam Ranëh Rācha aṅ Israel

यहोवा ने इसराएलियों को सही राह दिखाने के लिए न्यायी दिए थे, मगर अब वे चाहते थे कि उनका एक राजा हो। उन्होंने शमूएल से कहा, ‘हमारे आस-पास के सभी राष्ट्रों के राजा हैं। हमें भी एक राजा चाहिए।’ शमूएल को लगा कि यह गलत है, इसलिए उसने यहोवा से इस बारे में प्रार्थना की। यहोवा ने उससे कहा, ‘लोग तुझे नहीं मुझे ठुकरा रहे हैं। उनसे कहना कि उन्हें एक राजा मिलेगा, मगर वह उनसे बहुत-सी चीज़ों की माँग करेगा।’ फिर भी लोगों ने कहा, ‘कोई बात नहीं। हमें एक राजा चाहिए!’

यहोवा ने शमूएल को बताया कि शाऊल नाम का एक आदमी उनका पहला राजा होगा। जब शाऊल, शमूएल से मिलने रामाह गया तो शमूएल ने उसके सिर पर तेल डालकर उसका अभिषेक किया और उसे राजा बनाया।

बाद में शमूएल ने इसराएलियों को इकट्ठा किया ताकि उन्हें दिखाए कि उनका नया राजा कौन है। मगर शाऊल गायब था। जानते हो वह कहाँ था? वह सामान के बीच छिपा था। जब बहुत ढूँढ़ने पर लोगों को शाऊल मिला तो वे उसे ले आए और उन्होंने उसे लोगों के बीच खड़ा किया। उसके जितना लंबा कोई नहीं था और वह बहुत खूबसूरत था। शमूएल ने कहा, ‘देखो, यहोवा ने इसे राजा चुना है।’ तब लोग ज़ोर से कहने लगे, ‘राजा की जय हो!’

शुरू में तो राजा शाऊल, शमूएल की बात सुनता था और यहोवा की आज्ञा मानता था। मगर बाद में वह बदल गया। इसकी एक मिसाल लीजिए। एक बार शमूएल ने शाऊल से कहा कि बलिदान चढ़ाने के लिए वह उसके आने का इंतज़ार करे। मगर शमूएल जल्दी नहीं आया। तब शाऊल ने फैसला किया कि वह खुद बलिदान चढ़ाएगा, जबकि यह काम राजा का नहीं था। यह देखकर शमूएल ने क्या कहा? उसने शाऊल से कहा, ‘तुझे यहोवा की आज्ञा नहीं तोड़नी चाहिए थी।’ क्या शाऊल ने अपनी गलती से सबक सीखा?

बाद में जब शाऊल अमालेकी लोगों से लड़ने गया तो शमूएल ने उससे कहा कि वह अमालेकियों में से किसी को भी ज़िंदा न छोड़े। मगर शाऊल ने फैसला किया कि वह उनके राजा आगाग को नहीं मार डालेगा। यहोवा ने शमूएल से कहा, ‘शाऊल ने मुझे छोड़ दिया है और वह मेरी बात नहीं सुनता।’ शमूएल को बहुत दुख हुआ और उसने शाऊल से कहा, ‘तूने यहोवा की आज्ञा माननी छोड़ दी है, इसलिए वह किसी और को राजा चुनेगा।’ जैसे ही शमूएल मुड़कर जाने लगा, शाऊल ने उसका कपड़ा पकड़ लिया और कपड़े का छोर फटकर अलग हो गया। तब शमूएल ने शाऊल से कहा, ‘इसी तरह यहोवा ने राज तुझसे छीनकर अलग कर दिया है।’ यहोवा ने फैसला किया कि वह किसी ऐसे आदमी को राज देगा जो उससे प्यार करेगा और उसकी आज्ञा मानेगा।

“आज्ञा मानना बलिदान चढ़ाने से कहीं बढ़कर है।”—1 शमूएल 15:22

Intöönö: Asuh ök havëkö yik aṅ Israel? Kūö yòh ang Yāvē nö sō-en ök Rācha Sôl?

1 Samuěl 8:1-22; 9:1, 2, 15-17; 10:8 20-24; 13:1-14; 15:1-35

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