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  • 1 थिस्सलुनीकियों 2
  • नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र

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1 थिस्सलुनीकियों 2:2

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  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 133-134

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 59

    प्रहरीदुर्ग,

    7/15/2009, पेज 20

    7/15/2008, पेज 8

    12/15/1999, पेज 23-25

1 थिस्सलुनीकियों 2:4

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    3/2024, पेज 30-31

1 थिस्सलुनीकियों 2:6

फुटनोट

  • *

    1थिस्स 2:6 या, “भेजे गए।” यूनानी में “अपोस्टोलोस।”

1 थिस्सलुनीकियों 2:7

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    11/15/2000, पेज 22

    8/1/1991, पेज 19

    4/1/1987, पेज 16

1 थिस्सलुनीकियों 2:8

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    11/15/2000, पेज 22

    4/1/1987, पेज 16

1 थिस्सलुनीकियों 2:13

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 5

1 थिस्सलुनीकियों 2:19

फुटनोट

  • *

    1थिस्स 2:19 अतिरिक्‍त लेख 5 देखें।

दूसरें अनुवाद

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  • नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र
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नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र
1 थिस्सलुनीकियों 2:1-20

1 थिस्सलुनीकियों

2 भाइयो, हमें यकीन है कि तुम खुद यह जानते हो कि हमने तुम्हारे यहाँ जो दौरा किया था, वह बेकार साबित नहीं हुआ। 2 मगर कैसे हमने फिलिप्पी में दुःख सहने और बेइज़्ज़त होने के बाद भी (जैसा कि तुम जानते हो) हमारे परमेश्‍वर के ज़रिए हिम्मत जुटायी ताकि कड़ा संघर्ष करते हुए तुम्हें उसकी खुशखबरी सुना सकें। 3 हम तुम्हें जो सीख देते हैं वह झूठी बातों के आधार पर या गलत इरादों से नहीं है, न ही इसमें कोई छल-कपट है। 4 मगर परमेश्‍वर है जिसने हमें परखकर इस योग्य समझा कि हमें खुशखबरी सौंपी जाए। इसलिए हम इंसानों को नहीं बल्कि परमेश्‍वर को खुश करने के लिए प्रचार करते हैं, जो हमारे दिलों को जाँचता है।

5 असल में, जैसे तुम जानते हो कि हमने कभी-भी तुम्हारे बीच चापलूसी की बातें नहीं कीं, न ही कोई ढोंग रचा मानो अपनी लालच पर परदा डालना चाहते हों। परमेश्‍वर हमारा गवाह है! 6 न ही हमने किसी इंसान से मान-सम्मान पाना चाहा। न तुमसे न ही दूसरों से, जबकि अगर हम चाहते तो मसीह के प्रेषित* होने के नाते तुम पर एक खर्चीला बोझ बन सकते थे। 7 इसके बजाय, जैसे एक दूध पिलानेवाली माँ अपने नन्हे-मुन्‍नों से दुलार करती है वैसे ही हम तुम्हारे बीच रहते हुए बड़ी नर्मी से पेश आए। 8 हमें तुमसे इतना गहरा लगाव हो गया कि हमने तुम्हें न सिर्फ परमेश्‍वर की खुशखबरी सुनायी बल्कि तुम्हारे लिए अपनी जान तक देने को तैयार थे, क्योंकि तुम हमारे प्यारे हो गए थे।

9 भाइयो, तुम्हें हमारी कड़ी मेहनत और घोर मज़दूरी ज़रूर याद होगी। जब हमने तुम्हें परमेश्‍वर की खुशखबरी सुनायी तो इसलिए रात-दिन काम किया कि तुममें से किसी पर भी खर्चीला बोझ न बनें। 10 तुम इस बात के गवाह हो और परमेश्‍वर भी है कि तुम विश्‍वासियों के बीच रहते वक्‍त हम कैसे वफादार और नेक और निर्दोष साबित हुए। 11 तुम अच्छी तरह जानते हो कि जैसे एक पिता अपने बच्चों के साथ करता है, वैसे ही हम भी तुममें से हरेक को सीख देकर उकसाते रहे, और तुम्हें तसल्ली देकर समझाते-बुझाते रहे, 12 जिससे कि तुम्हारा जीने का तरीका ऐसा हो जो परमेश्‍वर को भाए जिसने तुम्हें अपने राज और अपनी महिमा में भागीदार होने के लिए बुलाया है।

13 वाकई, हम इसीलिए परमेश्‍वर का लगातार धन्यवाद भी करते हैं क्योंकि जब तुमने परमेश्‍वर का वचन हमसे सुना तो इसे इंसानों का नहीं बल्कि परमेश्‍वर का वचन समझकर स्वीकार किया, जो यह सचमुच है। और यह वचन तुम विश्‍वास करनेवालों में वाकई काम कर रहा है। 14 भाइयो, तुम यहूदिया के इलाके की मसीही मंडलियों की मिसाल पर चले जो परमेश्‍वर की मंडलियाँ हैं। क्योंकि तुमने अपने ही देश के लोगों के हाथों वैसे ही दुःख सहे जैसे वे भी यहूदियों के हाथों दुःख झेल रहे हैं। 15 उन यहूदियों ने प्रभु यीशु तक को मार डाला, ठीक जैसे वे भविष्यवक्‍ताओं को मार डालते थे और हम पर भी ज़ुल्म किया। और वे परमेश्‍वर को खुश नहीं करते बल्कि सब इंसानों की भलाई के खिलाफ काम करते हैं। 16 क्योंकि वे हमें दूसरी जातियों के लोगों को संदेश सुनाने से रोकते हैं कि उनका उद्धार न हो। इस तरह, जैसा हमेशा होता आया है, ऐसे लोग अपने पाप का घड़ा भरते हैं। मगर आखिरकार उन पर परमेश्‍वर के क्रोध का वक्‍त आ गया है।

17 भाइयो, जब हमें तुमसे बिछड़ना पड़ा, भले ही यह थोड़े वक्‍त के लिए था, हालाँकि हम शरीर से तुमसे दूर हुए थे, मगर दिल से नहीं तो हमने दिल में बड़ी तमन्‍ना लिए हुए तुमसे मिलने की बहुत कोशिश की। 18 इसी वजह से हम, हाँ, मैं पौलुस, तुम्हारे पास आना चाहता था मगर शैतान ने एक बार नहीं बल्कि दोनों बार हमारा रास्ता रोका। 19 भला हमारी आशा या खुशी या हमारी जीत का ताज और कौन है? क्या हमारे प्रभु यीशु की मौजूदगी* के वक्‍त उसके सामने वह तुम ही न होगे? 20 बेशक, हमारा गर्व और हमारी खुशी तुम ही हो।

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