शनिवार, 9 अगस्त
अगर कोई मेरे पीछे आना चाहता है, तो वह खुद से इनकार करे और हर दिन अपना यातना का काठ उठाए और मेरे पीछे चलता रहे।—लूका 9:23.
हो सकता है, आपके परिवारवालों ने आपका विरोध किया हो या फिर परमेश्वर की सेवा को पहली जगह देने के लिए आपने ज़्यादा पैसा कमाने का मौका छोड़ा हो। (मत्ती 6:33) अगर ऐसा है, तो आप यकीन रख सकते हैं कि आपने जो भी त्याग किए हैं, यहोवा उन्हें कभी नहीं भूलेगा। (इब्रा. 6:10) इसके अलावा ये त्याग करके आपने यीशु की इस बात को सच होते देखा होगा: “ऐसा कोई नहीं जिसने मेरी और खुशखबरी की खातिर घर या भाइयों या बहनों या पिता या माँ या बच्चों या खेतों को छोड़ा हो और इस ज़माने में घरों, भाइयों, बहनों, माँओं, बच्चों और खेतों का 100 गुना न पाए पर ज़ुल्मों के साथ और आनेवाले ज़माने में हमेशा की ज़िंदगी न पाए।” (मर. 10:29, 30) सच में, आपने महसूस किया होगा कि आपने जितने भी त्याग किए हैं, उनसे कहीं बढ़कर आपको आशीषें मिली हैं।—भज. 37:4. प्र24.03 पेज 9 पै 5
रविवार, 10 अगस्त
सच्चा दोस्त हर समय प्यार करता है और मुसीबत की घड़ी में भाई बन जाता है।—नीति. 17:17.
जब एक बार यहूदिया में भारी अकाल पड़ा तब अंताकिया मंडली के भाई-बहनों ने “ठान लिया कि हरेक से जितना बन पड़ेगा, उतना वे यहूदिया के भाइयों की मदद के लिए राहत का सामान भेजेंगे।” (प्रेषि. 11:27-30) वैसे तो वे यहूदिया के भाइयों से बहुत दूर थे, फिर भी वे उनकी मदद करने से पीछे नहीं हटे। (1 यूह. 3:17, 18) आज जब कोई प्राकृतिक विपत्ति आती है, तो हम कैसे दिखा सकते हैं कि हमारे दिल में भाई-बहनों के लिए करुणा है? हम उनकी मदद करने के लिए फौरन कदम उठा सकते हैं। हम किसी काम में हाथ बँटाने के लिए प्राचीनों से बात कर सकते हैं, पूरी दुनिया में होनेवाले काम के लिए दान कर सकते हैं या वहाँ के भाई-बहनों के लिए प्रार्थना कर सकते हैं। इसके अलावा, यह भी हो सकता है कि हमारे कुछ भाई-बहनों के पास खाने-पीने की चीज़ें ना हों या सिर छिपाने की जगह ना हो। ऐसे में जब हम करुणा से भरकर अपने भाई-बहनों की मदद करेंगे, तो हमारा राजा यीशु मसीह जब न्याय करने आएगा, तो वह हमसे कहेगा, “आओ, राज के वारिस बन जाओ।”—मत्ती 25:34-40. प्र23.07 पेज 4 पै 9-10; पेज 6 पै 12
सोमवार, 11 अगस्त
सब लोग जान जाएँ कि तुम लिहाज़ करनेवाले इंसान हो।—फिलि. 4:5.
यहोवा की तरह यीशु भी लोगों का लिहाज़ करता है। उसे धरती पर “इसराएल के घराने की खोयी हुई भेड़ों को” प्रचार करने के लिए भेजा गया था। लेकिन यह ज़िम्मेदारी निभाते वक्त वह लकीर का फकीर नहीं बना रहा। एक मौके पर एक गैर-इसराएली औरत ने उससे गिड़गिड़ाकर बिनती की कि वह उसकी बेटी को ठीक कर दे, जिसे “एक दुष्ट स्वर्गदूत ने बुरी तरह काबू में कर लिया” था। यीशु के दिल में उस औरत के लिए करुणा भर आयी और उसने उसकी बेटी को ठीक कर दिया। (मत्ती 15:21-28) एक और उदाहरण पर ध्यान दीजिए। धरती पर सेवा करते वक्त एक बार यीशु ने कहा था, ‘जो कोई मेरा इनकार करता है, मैं भी उसका इनकार कर दूँगा।’ (मत्ती 10:33) लेकिन जब पतरस ने उसे जानने से तीन बार इनकार कर दिया, तब यीशु ने क्या किया? यीशु जानता था कि पतरस को अपने किए पर सच्चा पछतावा है और वह एक विश्वासयोग्य सेवक है, इसलिए उसने पतरस को ठुकरा नहीं दिया। ज़िंदा होने के बाद वह पतरस से मिला और उसने ज़रूर उसे यकीन दिलाया होगा कि उसने उसे माफ कर दिया है और वह अब भी उससे प्यार करता है। (लूका 24:33, 34) यहोवा और यीशु लिहाज़ करनेवाले शख्स हैं। और यहोवा चाहता है कि हम भी लिहाज़ करनेवाले हों। प्र23.07 पेज 21-22 पै 6-7