4-10 अगस्त
नीतिवचन 25
गीत 154 और प्रार्थना | सभा की एक झलक (1 मि.)
यीशु नासरत की एक सभा-घर ऐसी बातें कह रहा है, जो लोगों का दिल जीत लेती हैं
1. अच्छी बोली के लिए बढ़िया सलाह
(10 मि.)
अपनी बात कहने के लिए सही वक्त चुनिए (नीत 25:11; प्र15 12/15 पेज 19 पै 6-7)
दूसरों के साथ प्यार से और अच्छे-से बात कीजिए (नीत 25:15; प्र15 12/15 पेज 21-22 पै 15-16; तसवीर देखें)
अपनी बातों से दूसरों का हौसला बढ़ाइए (नीत 25:25; प्र95 4/1 पेज 17 पै 8)
2. ढूँढ़ें अनमोल रत्न
(10 मि.)
नीत 25:28—इस नीतिवचन का क्या मतलब है? (इंसाइट-2 पेज 399)
इस हफ्ते पढ़ने के लिए जो अध्याय है, उसमें आपको क्या-क्या रत्न मिले?
3. पढ़ने के लिए आयतें
(4 मि.) नीत 25:1-17 (जी-जान गुण 10)
4. बातचीत शुरू करना
(3 मि.) मौका ढूँढ़कर गवाही देना। सामनेवाला उदास नज़र आ रहा है। (प्यार पाठ 3 मुद्दा 3)
5. वापसी भेंट करना
(4 मि.) घर-घर का प्रचार। घर-मालिक बताता है कि वह अपने धर्म को बहुत मानता है। (प्यार पाठ 8 मुद्दा 4)
6. भाषण
(5 मि.) प्र24.11 पेज 5-6 पै 9-12—विषय: नाइंसाफी सहने में यीशु की तरह बनिए। (जी-जान गुण 13)
गीत 123
7. मंडली की ज़रूरतें
(15 मि.)
8. मंडली का बाइबल अध्ययन
(30 मि.) अनमोल सबक पाठ 6, भाग 3 में क्या है और पाठ 7