1 थिस्सलुनीकियों
5 भाइयो, ये बातें कब होंगी, हमें इनके समयों और ठहराए हुए दिनों के बारे में तुम्हें कुछ लिखने की ज़रूरत नहीं। 2 इसलिए कि तुम खुद यह अच्छी तरह जानते हो कि यहोवा का दिन ठीक वैसे ही आ रहा है जैसे रात को चोर आता है। 3 जब लोग कहते होंगे: “शांति और सुरक्षा है!” तब उसी वक्त अचानक उन पर विनाश आ पड़ेगा, जैसे एक गर्भवती स्त्री को अचानक प्रसव-पीड़ाएँ उठने लगती हैं। और वे किसी भी हाल में बच नहीं पाएँगे। 4 मगर भाइयो, तुम अंधकार में नहीं हो कि वह दिन तुम पर इस तरह आ पड़े, जिस तरह दिन का उजाला चोरों पर आ पड़ता है। 5 इसलिए कि तुम सब रौशनी के बेटे और दिन के बेटे हो। हम न तो रात के हैं न ही अंधकार के।
6 तो फिर आओ हम बाकियों की तरह न सोएँ, बल्कि जागते रहें और होश-हवास बनाए रखें। 7 जो सोते हैं, वे रात को सोने के आदी होते हैं, और जो पीकर धुत्त होते हैं वे अकसर रात के वक्त धुत्त होते हैं। 8 मगर हम जो दिन के हैं, आओ हम अपने होश-हवास बनाए रखें और विश्वास और प्यार का कवच और उद्धार की आशा का टोप पहने रहें। 9 क्योंकि परमेश्वर ने हमें उसका क्रोध झेलने के लिए नहीं बल्कि हमारे प्रभु यीशु मसीह के ज़रिए उद्धार हासिल करने के लिए चुना है। 10 मसीह हमारे लिए मरा कि हम चाहे ज़िंदा हों या मौत की नींद सो जाएँ, हम उसके साथ जीएँगे। 11 इसलिए एक-दूसरे को दिलासा देते रहो और एक-दूसरे की हिम्मत बंधाते रहो,* ठीक जैसा तुम कर भी रहे हो।
12 भाइयो, अब हम तुमसे गुज़ारिश करते हैं कि तुम्हारे बीच जो कड़ी मेहनत करते हैं और प्रभु के काम में तुम्हारी अगुवाई करते हैं, और तुम्हें समझाते-बुझाते हैं, उनकी कदर करो। 13 और उनके काम की वजह से प्यार के साथ उनकी और भी बढ़कर इज़्ज़त करो। एक-दूसरे के साथ शांति कायम करनेवाले बनो। 14 और भाइयो, हम तुम्हें उकसाते हैं कि जो मनमानी करते हैं, उन्हें समझाओ, जो मायूस हैं, उन्हें अपनी बातों से तसल्ली दो, कमज़ोरों को सहारा दो, और सबके साथ सहनशीलता से पेश आओ। 15 इस बात का ध्यान रखो कि तुम में से कोई किसी की बुराई का बदला बुराई से न दे, मगर हमेशा एक-दूसरे की और बाकी सबकी भलाई करने में लगे रहो।
16 हमेशा खुश रहो। 17 लगातार प्रार्थना करते रहो। 18 हर बात के लिए धन्यवाद देते रहो। क्योंकि मसीह यीशु के ज़रिए तुम्हारे लिए परमेश्वर की यही मरज़ी है। 19 पवित्र शक्ति* के ज़बरदस्त असर में रुकावट न डालो।* 20 भविष्यवाणियों के वचनों को तुच्छ न समझो। 21 सब बातों को परखो, जो बढ़िया है उसे थामे रहो। 22 हर तरह की दुष्टता से दूर रहो।
23 मेरी दुआ है कि शांति का परमेश्वर तुम्हें पूरी तरह पवित्र करे। तुम भाइयों का पूरा मन,* जान और शरीर हमारे प्रभु यीशु मसीह की मौजूदगी के दौरान निर्दोष हालत में सुरक्षित पाया जाए। 24 तुम्हारा बुलानेवाला विश्वासयोग्य है और वह ऐसा ही करेगा।
25 भाइयो, हमारे लिए प्रार्थना करते रहो।
26 पवित्र चुंबन से सब भाइयों का स्वागत करो।
27 मैं प्रभु के नाम से तुम पर यह ज़िम्मेदारी डालता हूँ कि यह चिट्ठी सब भाइयों को पढ़कर सुनायी जाए।
28 हमारे प्रभु यीशु मसीह की महा-कृपा तुम पर होती रहे।