1 थिस्सलुनीकियों
4 अब आखिर में भाइयो, जैसी तुमने हमसे शिक्षा पायी कि तुम्हें कैसे ठीक चाल चलनी है और परमेश्वर को खुश करना है, तुम असल में ऐसा कर भी रहे हो। और हम प्रभु यीशु के नाम से तुमसे गुज़ारिश करते हैं और तुम्हें उकसाते हैं कि तुम और भी पूरी तरह ऐसे ही चलते रहो। 2 तुम जानते हो कि हमने प्रभु यीशु की तरफ से तुम्हें क्या-क्या आदेश पहुँचाए थे।
3 परमेश्वर की मरज़ी यही है कि तुम पवित्र बनो, यानी तुम व्यभिचार से दूर रहो। 4 और तुममें से हरेक जन पवित्रता और आदर के साथ अपने शरीर* को वश में रखना जाने, 5 न कि काम-वासना की लालसा के साथ, जैसी उन जातियों में है जो परमेश्वर को नहीं जानतीं। 6 और कोई भी इस मामले में अपने भाई को नुकसान न पहुँचाए और उसका हक न मारे। क्योंकि यहोवा है जो इन सब बातों की सज़ा देता है, ठीक जैसे हम तुम्हें पहले भी बता चुके हैं और अच्छी तरह समझा चुके हैं। 7 इसलिए कि परमेश्वर ने हमें अशुद्ध कामों की छूट देने के लिए नहीं, बल्कि पवित्र होने के लिए बुलाया है। 8 तो फिर, जो इंसान इस शिक्षा का तिरस्कार करता है वह किसी इंसान का नहीं बल्कि उस परमेश्वर का तिरस्कार करता है, जो तुम्हें अपनी पवित्र शक्ति देता है।
9 मगर, जहाँ तक भाइयों जैसा प्यार दिखाने की बात है, इस मामले में हमें तुम्हें कुछ लिखने की ज़रूरत नहीं, क्योंकि तुम्हें खुद परमेश्वर ने एक-दूसरे से प्यार करना सिखाया है। 10 और वाकई तुम सारे मकिदुनिया के सभी भाइयों को ऐसा ही प्यार दिखा रहे हो। मगर भाइयो, हम तुम्हें उकसाते हैं कि तुम यह पूरे पैमाने पर करते रहो। 11 और जैसा हमने तुम्हें आदेश दिया तुम अपना यह लक्ष्य बना लो कि शांति से जीवन बिताओ और अपने काम से काम रखो और अपने हाथों से मेहनत करो, 12 ताकि जो मसीही मंडली का हिस्सा नहीं हैं, उनकी नज़रों में तुम्हारे जीने का ढंग आदर के लायक हो और तुम्हें किसी चीज़ की घटी न हो।
13 इसके अलावा भाइयो, हम नहीं चाहते कि तुम उनके भविष्य के मामले में अनजान रहो जो मौत की नींद सो जाते हैं, ताकि तुम दूसरों की तरह मातम न मनाओ जिनके पास कोई आशा नहीं है। 14 अगर हमें विश्वास है कि यीशु मरा और जी उठाया भी गया, तो हमारा यह भी विश्वास है कि जो यीशु के साथ एकता में मौत की नींद सो गए हैं उन्हें परमेश्वर, यीशु के ज़रिए जी उठाएगा। 15 क्योंकि हम यहोवा के वचन से तुम्हें बताते हैं कि हम में से जो प्रभु की मौजूदगी के दौरान जी रहे होंगे, हम किसी भी हाल में उनसे आगे न बढ़ेंगे जो मौत की नींद सो गए हैं। 16 क्योंकि प्रभु खुद स्वर्ग से बड़ी ललकार और प्रधान स्वर्गदूत की आवाज़ से पुकार लगाता हुआ परमेश्वर की तुरही की आवाज़ के साथ उतरेगा। और जो मसीह में मरे हुए हैं वे पहले जी उठेंगे। 17 इसके बाद हम जो ज़िंदा हैं और जो बचे रहेंगे, हम उनके साथ बादलों में उठा लिए जाएँगे ताकि हम हवा में प्रभु से मिलें। इस तरह हम हमेशा प्रभु के साथ रहेंगे। 18 इसलिए, इन बातों से एक-दूसरे को दिलासा देते रहो।