20 तीसरे दिन फिरौन का जन्मदिन था।+ उसने एक बड़ी दावत रखी और अपने सभी दरबारियों को बुलाया। उसने प्रधान साकी और प्रधान रसोइए को जेल से निकलवाया और उन्हें दरबारियों के सामने लाया। 21 फिर उसने प्रधान साकी को उसका पद वापस दे दिया और वह पहले की तरह फिरौन को प्याला देने का काम करने लगा।