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उत्पत्ति 41:22-24पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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22 फिर मुझे एक और सपना आया। मैंने देखा कि एक डंठल पर अनाज की सात मोटी-मोटी, भरी हुई बालें निकल रही हैं।+ 23 इसके बाद अनाज की सात पतली-पतली, मुरझायी हुई बालें निकलीं जो पूरब की गरम हवा से झुलसी हुई थीं। 24 फिर अनाज की ये पतली बालें उन सात मोटी बालों को निगलने लगीं। मैंने इन सपनों के बारे में जादू-टोना करनेवाले पुजारियों+ को बताया, मगर उनमें से कोई भी मेरे सपनों का मतलब नहीं बता सका।”+
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