34 याकूब ने मारे दुख के अपने कपड़े फाड़े और अपनी कमर पर टाट बाँधे वह कई दिनों तक अपने बेटे के लिए मातम मनाता रहा। 35 उसके सब बेटे-बेटियाँ उसे दिलासा देते रहे, मगर उसका दुख बिलकुल कम न हुआ। वह कहता, “मैं कब्र+ में जाने तक अपने बेटे के लिए मातम मनाता रहूँगा।” इस तरह यूसुफ का पिता उसके लिए रोता रहा।