17 और परमेश्वर ने आदम* से कहा, “तूने अपनी पत्नी की बात मानकर उस पेड़ का फल खा लिया जिसके बारे में मैंने आज्ञा दी थी कि तू मत खाना।+ इसलिए तेरी वजह से ज़मीन शापित है।+ तू सारी ज़िंदगी दुख-दर्द के साथ इसकी उपज खाया करेगा।+
29 उसने यह कहकर उसका नाम नूह*+ रखा कि यह लड़का बड़ा होकर हमारी ज़िंदगी को चैन* दिलाएगा। ज़मीन पर यहोवा के शाप की वजह से हमें जो कड़ी मेहनत करनी पड़ती है और खून-पसीना बहाना पड़ता है,+ उन सारी तकलीफों से यह लड़का हमें राहत दिलाएगा।