31 जब याकूब पनूएल से आगे बढ़ा तो सूरज उगने लगा था। याकूब लँगड़ा रहा था क्योंकि उसकी जाँघ का जोड़ खिसक गया था।+ 32 इसीलिए आज तक इसराएली लोग जानवर की जाँघ के जोड़ की नस नहीं खाते क्योंकि उस आदमी ने याकूब की जाँघ के जोड़ का वह हिस्सा छुआ था जहाँ नस होती है।