20 रही बात इश्माएल की, उसके बारे में मैंने तेरी बिनती सुनी है। मैं उसे आशीष दूँगा। वह बहुत फूलेगा-फलेगा और उसकी बहुत-सी संतान होंगी। उससे 12 प्रधान निकलेंगे और मैं उसे एक बड़ा राष्ट्र बनाऊँगा।+
25 इसके बाद वे खाना खाने बैठे। फिर उन्होंने देखा कि इश्माएलियों+ का एक कारवाँ चला आ रहा है। ये इश्माएली गिलाद से आ रहे थे और अपने ऊँटों पर सुगंधित गोंद, बलसाँ और रालदार छाल+ लादे हुए मिस्र जा रहे थे।