20 अपने मन में* भी राजा को मत कोसना*+ और न अपने कमरे में जब तू अकेला हो, किसी दौलतमंद को कोसना। क्या पता कोई चिड़िया वह बात उन तक पहुँचा दे या कोई उड़नेवाला जीव उनके सामने तेरी बात दोहरा दे।
8 फिर भी ये आदमी सपनों में खोए रहते हैं, दूसरों के शरीर को भ्रष्ट करते हैं, अधिकार रखनेवालों को तुच्छ समझते हैं और उन लोगों के बारे में बुरी बातें कहते हैं जिन्हें परमेश्वर ने महिमा दी है।+