29 इस बलि का गोश्त सिर्फ याजक खा सकते हैं।+ यह बहुत पवित्र है।+ 30 लेकिन जिस पाप-बलि के जानवर का थोड़ा-सा खून भेंट के तंबू के अंदर ले जाया जाता है ताकि पवित्र-स्थान में प्रायश्चित किया जाए, उसका गोश्त हरगिज़ नहीं खाना चाहिए।+ उसे आग में जलाकर भस्म कर देना चाहिए।