14 अगर एक आदमी अपने संगी-साथी से बहुत गुस्सा हो जाता है और जानबूझकर उसका कत्ल कर देता है,+ तो वह कातिल मार डाला जाए। चाहे वह बचाव के लिए मेरी वेदी के पास आए, तो भी तुम उसे वहाँ से दूर ले जाकर मार डालना।+
12 अगर एक आदमी न्यायी की बात नहीं सुनता या तुम्हारे परमेश्वर यहोवा की सेवा करनेवाले याजक का फैसला नहीं मानता, तो उस गुस्ताख को तुम मार डालना।+ इस तरह तुम इसराएल से बुराई मिटा देना।+
26 एक बार सच्चाई का सही ज्ञान पाने के बाद अगर हम जानबूझकर पाप करते रहें,+ तो हमारे पापों के लिए कोई बलिदान बाकी नहीं रहता।+27 मगर सिर्फ भयानक सज़ा और क्रोध की ज्वाला बाकी रह जाती है जो विरोधियों को भस्म कर देगी।+