25 इसके बाद मंडली को चाहिए कि वह उस आदमी को, जिसने अनजाने में खून किया है, खून का बदला लेनेवाले से बचाए और उसे वापस उस शरण नगर में भेज दे जहाँ वह भाग गया था। उसे तब तक शरण नगर में रहना चाहिए जब तक कि महायाजक की मौत नहीं हो जाती, जिसका पवित्र तेल से अभिषेक किया गया है।+