26 अगर किसी संगी-साथी को उधार देते वक्त तुम उसका कपड़ा गिरवी रखवाते हो+ तो सूरज ढलने से पहले उसका कपड़ा उसे लौटा देना, 27 क्योंकि उसके पास तन ढकने के लिए यही एक कपड़ा है। बिना इसके वह कैसे सोएगा?+ अगर वह मेरी दुहाई देगा तो मैं ज़रूर उसकी सुनूँगा क्योंकि मैं करुणा करनेवाला परमेश्वर हूँ।+