14 मगर अब तेरा राज कायम नहीं रहेगा।+ यहोवा अपने लिए एक ऐसा आदमी ढूँढ़ लेगा जो उसके दिल को भाता है+ और यहोवा उसे अपने लोगों का अगुवा ठहराएगा+ क्योंकि तूने यहोवा की आज्ञा नहीं मानी।”+
8 यह गीत सुनकर शाऊल को बहुत बुरा लगा और उसे बहुत गुस्सा आया।+ उसने मन में कहा, “वे कहती हैं, दाविद ने लाखों को मारा है और मैंने सिर्फ हज़ारों को। अब राजपाट के सिवा उसे और क्या मिलना बाकी है!”+
31 जब तक यिशै का वह बेटा ज़िंदा रहेगा तू राजा नहीं बन पाएगा और तेरा राज कायम नहीं रहेगा।+ इसलिए जल्दी से भेज किसी को और उसे वापस ले आ। उसे मरना ही होगा।”*+
17 उसने दाविद से कहा, “मत डर, मेरा पिता शाऊल तुझे नहीं पकड़ सकेगा। तू ही इसराएल का राजा होगा+ और मैं तुझसे दूसरे दर्जे पर रहूँगा। यह बात मेरा पिता शाऊल भी जानता है।”+