17 अब हमारे मालिक और उसके पूरे घराने पर मुसीबत आनेवाली है।+ मालिक ऐसा निकम्मा आदमी है+ कि हममें से कोई उससे बात नहीं कर सकता। इसलिए अब तुझे ही कुछ करना होगा।”
21 अबीगैल से मिलने से पहले दाविद कह रहा था, “मैंने वीराने में बेकार ही उस आदमी की हर चीज़ की हिफाज़त की। मेरे रहते उसका एक भी जानवर गुम नहीं हुआ,+ मगर आज वह मेरी भलाई का यह सिला दे रहा है।+