18 तुम अपने किसी जाति भाई से बदला न लेना,+ न ही उसके खिलाफ दुश्मनी पालना। तुम अपने संगी-साथी से वैसे ही प्यार करना जैसे तुम खुद से करते हो।+ मैं यहोवा हूँ।
6 उसने अपने आदमियों से कहा, “मैं अपने मालिक पर हाथ उठाने की सोच भी नहीं सकता, वह यहोवा का अभिषिक्त जन है। यहोवा की नज़र में यह बिलकुल गलत होगा कि मैं यहोवा के अभिषिक्त जन पर हाथ उठाऊँ।”+