14 दाविद ज़ीफ+ वीराने में उन पहाड़ी जगहों में रहने लगा जहाँ तक किसी का पहुँचना मुश्किल था। इधर शाऊल दिन-रात उसकी तलाश करता रहा+ मगर यहोवा ने दाविद को उसके हाथ में नहीं पड़ने दिया।
25 शाऊल ने दाविद से कहा, “मेरे बेटे दाविद, तुझे आशीष मिले। तू सचमुच बड़े-बड़े काम करेगा और हर काम में कामयाब होगा।”+ इसके बाद दाविद अपने रास्ते चला गया और शाऊल अपनी जगह लौट गया।+