5जब सोर+ के राजा हीराम ने सुना कि सुलैमान का अभिषेक करके उसे उसके पिता की जगह राजा बनाया गया है, तो उसने सुलैमान के पास अपने सेवक भेजे। हीराम हमेशा से दाविद का अच्छा दोस्त रहा था।*+
8 फिर हीराम ने सुलैमान को यह संदेश भेजा: “मुझे तेरा संदेश मिला है। तू जैसा चाहता है मैं वैसा ही करूँगा। मैं तेरे यहाँ देवदार और सनोवर की लकड़ी+ भेजूँगा।