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1 इतिहास 17:16-22पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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16 तब राजा दाविद यहोवा के सामने बैठकर कहने लगा, “हे यहोवा परमेश्वर, मेरी हस्ती ही क्या है? मैं और मेरा घराना कुछ भी नहीं। फिर भी तूने मुझे ऊँचा उठाकर इस मुकाम तक पहुँचाया।+ 17 हे परमेश्वर, तूने यह भी वादा किया है कि तेरे सेवक का राज-घराना मुद्दतों तक कायम रहेगा।+ हे यहोवा परमेश्वर, तूने मुझे इस काबिल समझा है कि मैं और ऊँचा उठाया जाऊँ।* 18 तेरा यह सेवक दाविद इस सम्मान के बारे में तुझसे और क्या कह सकता है? तू तो अपने सेवक को अच्छी तरह जानता है।+ 19 हे यहोवा, तूने अपने सेवक की खातिर और अपने मन की इच्छा के मुताबिक ये सारे महान काम किए हैं और इस तरह अपनी महानता ज़ाहिर की है।+ 20 हे यहोवा, तेरे जैसा और कोई नहीं।+ हमने बहुत-से ईश्वरों के बारे में सुना है, मगर तुझे छोड़ और कोई परमेश्वर नहीं।+ 21 और इस धरती पर तेरी प्रजा इसराएल जैसा और कौन-सा राष्ट्र है?+ सच्चा परमेश्वर जाकर उन्हें छुड़ा लाया ताकि वे उसके अपने लोग बनें।+ तूने अपने लोगों को मिस्र से छुड़ाया और उनके सामने से दूसरी जातियों को खदेड़कर बाहर कर दिया।+ तूने महान और विस्मयकारी काम करके अपना नाम ऊँचा किया।+ 22 तूने अपनी प्रजा इसराएल को हमेशा के लिए अपने लोग बना लिया+ और हे यहोवा, तू उनका परमेश्वर बन गया।+
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