15 दाविद ने चिट्ठी में यह लिखा था: “उरियाह को युद्ध में सबसे आगे की कतार में रखना जहाँ घमासान लड़ाई हो रही हो। फिर तुम सब पीछे हट जाना ताकि दुश्मन उस पर हमला करके उसे मार डालें।”+
27 जैसे ही उसका मातम मनाने का समय पूरा हुआ दाविद ने उसे अपने घर बुलवा लिया और वह उसकी पत्नी बन गयी।+ फिर उसने दाविद के बेटे को जन्म दिया। मगर दाविद ने जो किया था वह यहोवा की नज़रों में बहुत बुरा था।+