25 दाविद ने दूत से कहा, “तू जाकर योआब से कहना, ‘जो हुआ है उसकी वजह से तू ज़्यादा दुखी मत होना। युद्ध है तो लोग मरेंगे ही। तू हमला और तेज़ कर दे और शहर पर कब्ज़ा कर ले।’+ ऐसा कहकर तू योआब की हिम्मत बँधाना।”
20साल की शुरूआत में* जब राजा युद्ध के लिए जाया करते हैं, तो ऐसे वक्त पर योआब+ ने एक सेना को लेकर अम्मोनियों का देश तबाह कर दिया और उसके शहर रब्बाह+ को घेर लिया। मगर दाविद यरूशलेम में ही रहा।+ योआब ने रब्बाह पर हमला करके उसे ढा दिया।+