11 बाद में शाऊल ने अपने दूतों को दाविद के घर भेजा ताकि वे दाविद पर नज़र रखें और सुबह उसे मार डालें,+ मगर दाविद की पत्नी मीकल ने उससे कहा, “अगर आज रात तू यहाँ से नहीं भागेगा तो कल तक तू ज़िंदा नहीं बचेगा।”
29 मगर जब यहोवा के करार का संदूक दाविदपुर पहुँचा+ और शाऊल की बेटी मीकल+ ने खिड़की से नीचे झाँककर देखा कि राजा दाविद उछलते-कूदते जश्न मना रहा है तो वह मन-ही-मन उसे तुच्छ समझने लगी।+