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2 इतिहास 6:3-11पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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3 फिर राजा इसराएल की पूरी मंडली की तरफ मुड़ा जो वहाँ खड़ी थी और लोगों को आशीर्वाद देने लगा।+ 4 उसने कहा, “इसराएल के परमेश्वर यहोवा की तारीफ हो। उसने अपने मुँह से जो वादा किया था उसे आज अपने हाथों से पूरा किया है। उसने मेरे पिता दाविद से कहा था, 5 ‘जिस दिन मैं अपनी प्रजा इसराएल को मिस्र से निकाल लाया था, उस दिन से लेकर अब तक मैंने इसराएल के किसी भी गोत्र के इलाके में कोई शहर नहीं चुना कि वहाँ मेरे नाम की महिमा के लिए कोई भवन बनाया जाए।+ और मैंने अपनी प्रजा इसराएल का अगुवा होने के लिए किसी इंसान को नहीं चुना था। 6 मगर मैंने यरूशलेम को चुना+ कि उससे मेरा नाम जुड़ा रहे और मैंने दाविद को अपनी प्रजा इसराएल पर राज करने के लिए चुना है।’+ 7 मेरे पिता दाविद की दिली तमन्ना थी कि वह इसराएल के परमेश्वर यहोवा के नाम की महिमा के लिए एक भवन बनाए।+ 8 मगर यहोवा ने मेरे पिता दाविद से कहा, ‘यह अच्छी बात है कि तू मेरे नाम की महिमा के लिए एक भवन बनाने की दिली तमन्ना रखता है। 9 पर तू मेरे लिए भवन नहीं बनाएगा बल्कि तेरा अपना बेटा, जो तुझसे पैदा होगा, वह मेरे नाम की महिमा के लिए एक भवन बनाएगा।’+ 10 यहोवा ने अपना यह वादा पूरा किया है क्योंकि मैं अपने पिता दाविद के बाद राजा बना हूँ और इसराएल की राजगद्दी पर बैठा हूँ,+ ठीक जैसे यहोवा ने वादा किया था।+ और मैंने इसराएल के परमेश्वर यहोवा के नाम की महिमा के लिए भवन भी बनाया है। 11 इस भवन में मैंने वह संदूक रखा है जिसमें उस करार की पटियाएँ हैं+ जो यहोवा ने इसराएल के लोगों के साथ किया था।”
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