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2 इतिहास 6:26, 27पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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26 अगर उनके पाप करते रहने की वजह से+ आकाश के झरोखे बंद हो जाएँ और बारिश न हो+ और तू उन्हें नम्रता का सबक सिखाए* और इस वजह से वे इस जगह की तरफ मुँह करके प्रार्थना करें, तेरे नाम की महिमा करें और पाप की राह से पलटकर लौट आएँ,+ 27 तो तू स्वर्ग से अपनी प्रजा इसराएल की सुनना और अपने सेवकों के पाप माफ करना क्योंकि तू उन्हें सही राह के बारे में सिखाएगा जिस पर उन्हें चलना चाहिए+ और अपने इस देश पर बारिश करेगा+ जिसे तूने अपने लोगों को विरासत में दिया है।
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