5जब सोर+ के राजा हीराम ने सुना कि सुलैमान का अभिषेक करके उसे उसके पिता की जगह राजा बनाया गया है, तो उसने सुलैमान के पास अपने सेवक भेजे। हीराम हमेशा से दाविद का अच्छा दोस्त रहा था।*+
7 हीराम ने जब सुलैमान का संदेश सुना, तो वह बहुत खुश हुआ और उसने कहा, “आज यहोवा की बड़ाई हो क्योंकि उसने दाविद को एक बुद्धिमान बेटा दिया है ताकि वह इतनी बड़ी प्रजा पर राज करे!”+