15 लेकिन अगर तुम अपने परमेश्वर यहोवा की सभी आज्ञाओं और विधियों को सख्ती से नहीं मानोगे जो आज मैं तुम्हें सुना रहा हूँ और इस तरह उसकी बात नहीं सुनोगे, तो ये सारे शाप तुम पर आ पड़ेंगे:+
25 अब एलियाह के दिनों की ही बात ले लो, साढ़े तीन साल तक बारिश नहीं हुई और पूरे देश में भारी अकाल पड़ा।+ यकीन मानो उस वक्त इसराएल में बहुत-सी विधवाएँ थीं
17 एलियाह भी हमारी तरह एक इंसान था, जिसमें हमारे जैसी भावनाएँ थीं। फिर भी जब उसने दिलो-जान से प्रार्थना की कि बारिश न हो, तो देश में साढ़े तीन साल तक बारिश नहीं हुई।+