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  • 1 राजा 8:33, 34
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    • 33 अगर तेरी प्रजा इसराएल तेरे खिलाफ पाप करते रहने की वजह से दुश्‍मन से युद्ध हार जाए+ और वह बाद में तेरे पास लौट आए, तेरे नाम की महिमा करे+ और इस भवन में आकर तुझसे प्रार्थना करे और रहम की भीख माँगे,+ 34 तो तू स्वर्ग से अपनी प्रजा इसराएल के लोगों की बिनती सुनना और उनके पाप माफ करना। तू उन्हें इस देश में लौटा ले आना जो तूने उनके पुरखों को दिया था।+

  • 2 इतिहास 6:28-30
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    • 28 अगर देश में अकाल पड़े+ या महामारी फैले+ या फसलों पर झुलसन, बीमारी,+ दलवाली टिड्डियों या भूखी टिड्डियों का कहर टूटे+ या दुश्‍मन आकर देश के किसी शहर* को घेर लें+ या देश में कोई बीमारी फैले या किसी और तरह की मुसीबत आए+ 29 और ऐसे में एक आदमी या तेरी प्रजा इसराएल के सब लोग इस भवन की तरफ हाथ फैलाकर तुझसे कृपा की बिनती करें+ (क्योंकि हर कोई अपनी पीड़ा और अपना दर्द जानता है),+ 30 तो तू अपने निवास-स्थान स्वर्ग से उनकी सुनना+ और उन्हें माफ करना।+ तू उनमें से हरेक को उसके कामों के हिसाब से फल देना क्योंकि तू हरेक का दिल जानता है (सिर्फ तू ही सही मायनों में जानता है कि इंसान का दिल कैसा है)।+

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