14 फिर यहोवा ने मूसा से कहा, “मैं अमालेकियों को धरती* से इस तरह मिटा दूँगा कि कोई उन्हें याद तक नहीं करेगा। मेरी यह बात किताब में लिखकर रख ताकि यह कभी भुलायी न जाए* और यहोशू को भी सुना।”+15 इसके बाद मूसा ने एक वेदी बनायी और उसका नाम यहोवा-निस्सी* रखा।
12 इसके बाद शमूएल ने एक पत्थर लिया+ और मिसपा और यशाना के बीच रखा। उसने उस पत्थर को एबनेज़ेर* नाम दिया क्योंकि उसने कहा, “यहोवा ने अब तक हमारी मदद की है।”+