3 मंदिर* के पवित्र भाग के सामने जो बरामदा+ था उसकी लंबाई * 20 हाथ थी यानी भवन की चौड़ाई के बराबर। भवन के सामने से अगर बरामदे की चौड़ाई नापी जाए तो वह दस हाथ थी।
11 फिर दाविद ने अपने बेटे सुलैमान को मंदिर का बरामदा,+ उसके कमरे, भंडार-घर, छत के खाने, भीतरी कमरे और प्रायश्चित के ढकने का भवन*+ बनाने का नमूना+ दिया।