20 जब मैं उन्हें उस देश में ले जाऊँगा जहाँ दूध और शहद की धाराएँ बहती हैं,+ ठीक जैसे मैंने उनके पुरखों से शपथ खायी थी+ और वहाँ जब उनके पास खाने-पीने की कोई कमी नहीं होगी और वे फूलेंगे-फलेंगे*+ तो वे दूसरे देवताओं की तरफ फिरकर उनकी सेवा करेंगे। वे मेरा अनादर करेंगे और मेरा करार तोड़ देंगे।+
12 उन्होंने अपने पुरखों के परमेश्वर यहोवा को छोड़ दिया, जो उन्हें मिस्र से निकाल लाया था।+ वे आस-पास के लोगों के देवताओं के पीछे जाने लगे+ और उन्हें दंडवत करने लगे। ऐसा करके उन्होंने यहोवा को गुस्सा दिलाया।+