2 सब लोगों का एक ही अंजाम होता है,+ फिर चाहे वे नेक हों या दुष्ट,+ अच्छे और पवित्र हों या अपवित्र, बलिदान चढ़ानेवाले हों या बलिदान न चढ़ानेवाले। अच्छे इंसान और पापी इंसान दोनों की एक ही दशा होती है। बिना सोचे-समझे शपथ खानेवाले का और सोच-समझकर शपथ खानेवाले का भी वही हाल होता है।