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यशायाह 10:1-3पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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10 धिक्कार है उन पर जो ऐसे नियम बनाते हैं,
जिनसे दूसरों का नुकसान होता है,+
ऐसे आदेश जारी करते हैं,
जिनसे लोगों का जीना दूभर हो जाता है।
2 ऐसे में गरीब इंसाफ के लिए फरियाद नहीं कर पाता,
मेरे दीन-दुखियों को उनका हक नहीं मिल पाता।+
3 उस दिन तुम क्या करोगे, जिस दिन तुमसे हिसाब लिया जाएगा?*+
अपनी दौलत* कहाँ छोड़ जाओगे?
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