6 मैंने उन पर ध्यान दिया, उनकी बात सुनता रहा, मगर उनके बात करने का तरीका सही नहीं था।
एक भी इंसान अपनी दुष्टता पर नहीं पछताया, न ही उसने पूछा, ‘मैंने क्या किया है?’+
हर कोई बार-बार उसी रास्ते पर लौट जाता है जिस पर सब चलते हैं,
जैसे घोड़ा सरपट दौड़ता हुआ जंग में जाता है।