11 देखो, मैं तुम्हारी बातें सुनने के लिए ठहरा रहा,
जब तुम तर्क कर रहे थे, तो मैं सुनता रहा,+
जब तुम सोच रहे थे कि आगे क्या कहें, तब भी मैं रुका रहा।+
12 मैंने बड़े ध्यान से तुम्हारी बातें सुनी हैं,
लेकिन तुममें से कोई भी
न अय्यूब को गलत साबित कर पाया,
न उसकी दलीलें काट पाया।