23 जब अहीतोपेल ने देखा कि उसकी सलाह नहीं मानी गयी, तो वह एक गधे पर सवार होकर अपने शहर लौट गया।+ उसने अपने घराने को ज़रूरी हिदायतें दीं+ और फिर फाँसी लगा ली* और मर गया।+ उसे उसके पुरखों के कब्रिस्तान में दफनाया गया।
14 योआब ने कहा, “अब मैं तुझसे बात करके और वक्त बरबाद नहीं करूँगा!” फिर योआब ने तीन बड़े-बड़े कीले* लिए और अबशालोम के दिल में आर-पार भेद दिए जो बड़े पेड़ के बीच ज़िंदा लटका हुआ था।
3 उसके साथ विश्वासघात करनेवाले यहूदा ने जब देखा कि यीशु को मौत की सज़ा दी गयी है, तो उसका दिल उसे कचोटने लगा। उसने प्रधान याजकों और मुखियाओं को चाँदी के वे 30 सिक्के लौटाते हुए+
16 “भाइयो, पवित्र शक्ति ने दाविद से यहूदा के बारे में जो भविष्यवाणी करवायी थी, उसका पूरा होना ज़रूरी था।+ यहूदा उन लोगों को यीशु के पास ले गया जो उसे गिरफ्तार करने आए थे।+