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यशायाह 17:12, 13पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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12 सुन! देश-देश के लोगों का होहल्ला सुनायी दे रहा है,
तूफानी समुंदर की तरह वे हाहाकार मचा रहे हैं,
राष्ट्रों का कोलाहल सुनायी पड़ रहा है,
मानो ऊँची-ऊँची लहरें गरज रही हों।
13 ये राष्ट्र ऐसे गरजेंगे मानो समुंदर गरज रहा हो।
वह उन्हें फटकारेगा और वे ऐसे दूर भाग जाएँगे,
जैसे तेज़ हवा पहाड़ से भूसा उड़ा ले जाती है,
जैसे आँधी उखड़ी हुई कँटीली झाड़ी उड़ा ले जाती है।
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यशायाह 57:20पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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20 “मगर दुष्ट लोग अशांत समुंदर जैसे हैं, जिसकी लहरें थमने का नाम नहीं लेतीं
और जिसका पानी काई और कीचड़ उछालता रहता है।
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